जैसलमेर. अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त और जैसलमेर के बईया गांव निवासी अनवर खान को शनिवार को पद्मश्री अवार्ड देने की घोषणा हुई. अनवर खान का जन्म 1960 में जैसलमेर के बईया गांव में मिरासी समाज के रमजान खान के घर हुआ था. अपने लोक गायन और सूफी संगीत से इन्होंने पिछले कई सालों से देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी राजस्थानी लोक कला की एक अमिट छाप छोड़ी है.
खान को पिछले साल संगीत नाटक अकादमी नेशनल अवार्ड 2017 से नवाजा जा चूका है. इसके साथ ही उन्हें मारवाड़ रत्न और मरुधरा अवार्ड के साथ साथ कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी सम्मान मिल चुके हैं. रविवार को गणतंत्र दिवस कार्यक्रम के दौरान जैसलमेर पहुंचे अनवर खान को राजस्थान सरकार के कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद और कई प्रशासनिक अधिकारियों ने बधाई दी और मिठाई खिला कर उनका मुंह मीठा कराया.
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कैबिनेट मंत्री सालेह मोहम्मद ने कहा कि अनवर खान को पद्मश्री मिलना जैसलमेर और राजस्थान के लिए खुशी की बात है. इनकी लोक कला और संगीत की धुन पूरे देश में गूंजती है. इन्होने अपने संगीत से पूरे विश्व में जैसलमेर ही नहीं बल्कि राजस्थान और भारत का नाम रोशन किया है.
वहीं, मंत्री ने कहा की लोक कलाकारों के सम्मान के लिए राजस्थान सरकार ने पहले भी प्रयास किये है और आगे भी कलाकारों के विकास के लिए पद्मश्री अनवर खान और अन्य कलाकारों से सुझाव लिए जायेंगे. इनके सहयोग से जैसलमेर के पर्यटन और कला संस्कृति के क्षेत्र में विशेष कार्य किये जायेंगे.
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मंत्री ने कहा की आगामी दिनों में होने वाले मरू महोत्सव में कई स्थानीय लोक कलाकारों की ओर से विशेष प्रस्तुतियां दी जाएंगी और देश विदेश से आने वाले सैलानी इन्हें सुनेंगे. मंत्री ने कहा कि जैसलमेर के लोक कलाकार अनवर खान को पद्मश्री पुरुस्कार मिलने की घोषणा होना हमारे लिए गर्व की बात है.
गौरतलब है कि अनवर खान बईया बॉलीवुड में अपनी धाक जमा चुके ठरकी छोकरो फैम स्वरूप खान के ताऊ हैं. पद्मश्री भारत सरकार की ओर से कला, शिक्षा, उद्योग, साहित्य, विज्ञान, खेल, चिकित्सा, समाज सेवा और सार्वजनिक जीवन में विशिष्ट योगदान के लिए दिया जाता है.