पोकरण (जैसलमेर). राज्य सरकार से वित्तपोषित स्वामी केशवानन्द राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय बीकानेर के कृषि विज्ञान केन्द्रों में पद स्थापित वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं विषय वस्तु विशेषज्ञ आमरण अनशन पर हैं.
कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ परिवीक्षाकाल पूर्ण कर नियमितीकरण करने एवं सातवें वेतनमान को लागू करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर ये पिछले 15 दिनों से अनशन आंदोलन कर रहे हैं. इसे लेकर अध्यक्ष रूटा एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. मीनाक्षी चौधरी समेत एक प्रतिनिधि मंडल कृषि मंत्री लालचंद कटारिया और गोविन्द सिंह मेघवाल से मिला.
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प्रतिनिधिमंडल ने कृषि वैज्ञानिकों की मांगों से अवगत करवाया. कृषि मंत्री ने प्रतिनिधि मण्डल को आश्वस्त किया कि राजभवन एवं राज्य सरकार स्तर पर वार्ता चल रही है जिसके अन्तर्गत कृषि वैज्ञानिकों की मांगों का निपटारा करवा दिया जाएगा. अनशन पर बैठे कृषि वैज्ञानिक राजवीर चौधरी की हालत नाजुक हो गई है. जिन्हें पांचवीं बार पी बी एम अस्पताल में भर्ती करवाया गया.
कृषि वैज्ञानिकों को आवंटित सातवें वेतनमान का बजट एक दिन बाद लेप्स हो जाएगा. लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा अभी भी कोई सकारात्मक आदेश कृषि वैज्ञानिकों को प्राप्त नहीं हुआ है. वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ दुर्गासिंह राठौड़, डॉ दयानन्द इत्यादि ने बताया कि विश्वविद्यालय में जिस तरह के अभी हालात है ऐसा पहले कभी नही देखा गया था. वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि जब तक इनकी मांगे पूरी नहीं होती है तब तक धरना प्रदर्शन एवं आमरण अनशन जारी रहेगा.
एसडीएम ने पीड़ित परिवार से हुए रूबरू
जैसलमेर जिले के सोलर प्लांट की जद में आ रही ढाणी के बाशिंदों में डर का माहौल है. ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें लगा था सोलर प्लांट उनकी ढाणी में विकास लाएगा. ग्राम पंचायत नोख की ओर से लाखों रुपए की लागत से निर्माण कार्य भी करवाए गए लेकिन ढाणी सोलर प्लांट के दायरे में आ गई. जिसको लेकर पोकरण एसडीएम राजेश विश्नोई ने मौका मुआयना कर पीड़ित परिवार से रूबरू हुए और वार्ता की.
पीड़ित नारायणसिंह ने बताया है कि ढाणी में उनकी कई पीढ़ियां रही हैं. ढाणी में विद्यालय भी प्रस्तावित है. ग्राम पंचायत की ओर से दो ग्रेवल सड़कों का भी निर्माण किया गया है. पेयजल के लिए सरकारी टांके का भी निर्माण करवाया गया है. नोख से 5 किलोमीटर नारायणसिंह की ढाणी तक पाइप लाइन का भी निर्माण ग्राम पंचायत द्वारा करवाया गया है. अब ये ढाणी राज्य सरकार ने राजस्थान अक्षय ऊर्जा को आवंटित कर दी है. ऐसे में यहां रहने वालों पर संकट गहरा गया है.