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भारतीय सेना की 75वीं कवचित रेजिमेंट ने मनाया स्वर्ण जयंती समारोह...शहीदों को दी श्रद्धांजलि - 75वीं कवचित रेजिमेंट ने मनाया स्वर्ण जयंती समारोह

भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर में शुक्रवार को भारतीय सेना की 75वीं कवचित रेजिमेंट ने (75th Armored Regiment of Indian Army) राष्ट्र सेवा में अपने 50 वर्षो को याद करते हुए स्वर्ण जयंती समारोह मनाया. समारोह की शुरुआत रेजिमेंट मेमोरियल पर श्रद्धांजलि सभा के साथ हुई.

75th Armored Regiment of Indian Army
75th Armored Regiment of Indian Army
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Published : Nov 4, 2022, 7:09 PM IST

जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर सैन्य दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. शुक्रवार को भारतीय सेना की 75वीं कवचित रेजिमेंट ने (75th Armored Regiment of Indian Army) राष्ट्र सेवा में अपने 50 वर्षो को याद करते हुए स्वर्णजयंती समारोह मनाया. स्वर्ण जयंती समारोह रेजिमेंट के सेवानिवृत्त अधिकारी, वीरांगनाओं युद्ध में शामिल भूतपूर्व सैनिकों तथा रेजीमेंट के जवानों और अधिकारियों के साथ मनाया गया.

समारोह की शुरुआत रेजिमेंट मेमोरियल पर श्रद्धांजलि सभा के साथ हुई. इस दौरान रेजिमेंट के वीर सैनिकों को उनके परिजनों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. ब्रिगेडियर करन खजुरिया ने भी शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. ब्रिगेडियर ने सेवानिवृत्त अधिकारी, वीरांगनाओं और उनके परिजनों से भी मुलाकात की.

ब्रिगेडियर करण खजुरिया का बयान

पढ़ें: भारतीय सेना ने नई लड़ाकू वर्दी का आईपीआर दर्ज किया

बता दें कि 1972 में लेफ्टिनेंट कर्नल विजय सिंह (बाद में लेफ्टिनेंट जनरल) की कमान में गठित हुई 75वीं कवचित रेजिमेंट के सभी स्क्वाड्रन 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं. भारतीय सेना के इतिहास में 75 वीं कवचित रेजिमेंट का एक अद्वितीय स्थान है. इस रेजिमेंट का गठन 12 मार्च 1972 को पाकिस्तान के सकना में हुआ था, जो 26 किलोमीटर भारतीय प्रादेशिक बाउंड्री के अंदर है. इस रेजिमेंट का मोटो 'साहस विजयते' है यानि साहस की विजय होती है. इस गोल्डन जुबली कार्यक्रम में रेजीमेंट के सेवानिवृत्त अधिकारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस किया.

जैसलमेर. भारत-पाक सीमा से सटे सरहदी जिले जैसलमेर सैन्य दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है. शुक्रवार को भारतीय सेना की 75वीं कवचित रेजिमेंट ने (75th Armored Regiment of Indian Army) राष्ट्र सेवा में अपने 50 वर्षो को याद करते हुए स्वर्णजयंती समारोह मनाया. स्वर्ण जयंती समारोह रेजिमेंट के सेवानिवृत्त अधिकारी, वीरांगनाओं युद्ध में शामिल भूतपूर्व सैनिकों तथा रेजीमेंट के जवानों और अधिकारियों के साथ मनाया गया.

समारोह की शुरुआत रेजिमेंट मेमोरियल पर श्रद्धांजलि सभा के साथ हुई. इस दौरान रेजिमेंट के वीर सैनिकों को उनके परिजनों की ओर से श्रद्धांजलि दी गई. ब्रिगेडियर करन खजुरिया ने भी शहीदों को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की. ब्रिगेडियर ने सेवानिवृत्त अधिकारी, वीरांगनाओं और उनके परिजनों से भी मुलाकात की.

ब्रिगेडियर करण खजुरिया का बयान

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बता दें कि 1972 में लेफ्टिनेंट कर्नल विजय सिंह (बाद में लेफ्टिनेंट जनरल) की कमान में गठित हुई 75वीं कवचित रेजिमेंट के सभी स्क्वाड्रन 1971 के भारत-पाक युद्ध में हिस्सा ले चुके हैं. भारतीय सेना के इतिहास में 75 वीं कवचित रेजिमेंट का एक अद्वितीय स्थान है. इस रेजिमेंट का गठन 12 मार्च 1972 को पाकिस्तान के सकना में हुआ था, जो 26 किलोमीटर भारतीय प्रादेशिक बाउंड्री के अंदर है. इस रेजिमेंट का मोटो 'साहस विजयते' है यानि साहस की विजय होती है. इस गोल्डन जुबली कार्यक्रम में रेजीमेंट के सेवानिवृत्त अधिकारी ने अपने अनुभव साझा करते हुए खुद को गौरवान्वित महसूस किया.

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