पोकरण (जैसलमेर). क्षेत्र के धोलिया और खेतोलाई गांव के बीच जंगल में अलग-अलग स्थानों पर तीन दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों का शव मिला, जिसकी सूचना पर वन्यजीव प्रेमियों ने लाठी वन विभाग को दी. गौरतलब है कि लाठी, भादरिया, धोलिया, खेतोलाई, ओढाणिया, चांधन, सोढाकोर सहित आसपास का क्षेत्र पशु बाहुल्य क्षेत्र है. यहां मात्र एक भादरिया गौशाला में ही 25 से 30 हजार पशुधन है. इसके अलावा पशुपालकों के पास भी बड़ी संख्या में गाय, ऊंट, भेड़, बकरियां आदि होने के कारण मृत पशुओं को जंगलों में डाला जाता है जहां मृत पशुओं के शवों को अपना आहार बनाने के लिए बड़ी संख्या में गिद्ध भी पाए जाते हैं.
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हालांकि, अब गिद्धों की संख्या कम हो गई है तथा यह धीरे-धीरे प्रजाति लुप्तप्राय हो रही है. मालूम हो कि लाठी ,भादरिया, धोलिया के पास वन विभाग का बहुत बड़ा आरक्षित क्षेत्र होने के कारण यहां अन्य प्रजाति के विभिन्न पशु पक्षी जंगल में स्वच्छंद विचरण करते है. ऐसे में यहां आए दिन चिंकारा हरिण,लोमड़ी,नीलगाय,खरगोश जैसे जंगली जानवर तथा गोडावण, बाज, गिद्ध जैसे विभिन्न प्रजातियों के पशु पक्षियों के शव मिलते रहे है.
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बता दें कि धोलिया और खेतोलाई गांव के बीच जंगल में अखिल भारतीय विश्रोई सभा के तहसील संयोजक राधेश्याम विश्नोई सहित कुछ वन्यजीव प्रेमी वन्यजीवों को देखने के लिए निकले हुए थे. इस दौरान तभी उन्हें तीन अलग-अलग स्थानों पर दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों के शव मिले. जिस पर उन्होंने मृत अवस्था में तीन दुर्लभ प्रजाति के गिद्धों की होने की सूचना लाठी वनविभाग को दी.