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जैसलमेर: हाईटेंशन तारों से गोडावण को बचाने के लिए लगाए जा रहे 1842 बर्ड डायवर्टर - Rajasthan News

जैसलमेर में राजकीय पक्षी गोडवाण को हाईटेंशन तारों की चपेट में आने से बचाने के लिए बर्ड डायवर्टर लगाए जा रहे हैं. वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी की ओर से खेतोलाइ-चाचा गांव के बीच करीब 6.5 किलोमीटर क्षेत्र में हाईटेंशन तारों पर 1842 बर्ड डायवर्टर लगाए गए हैं.

Godavan dies after hitting high-tension wires,  Bird diverters being installed in Jaisalmer
गोडावण को बचाने के लिए लगाए जा रहे 1842 बर्ड डायवर्टर
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Published : Jan 21, 2021, 3:58 PM IST

जैसलमेर. जिले में पिछले 3 वर्षों में 6 राजकीय पक्षी गोडावण की हाईटेंशन तारों से टकराने से मौत हुई है. ऐसे में उनको बचाने के लिए एक बार फिर जिले में बर्ड डायवर्टर लगाए जा रहे हैं. जैसलमेर के चाचा-खेतोलाई गांव के बीच गोडावण का रहवासी क्षेत्र है. इस क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन होने से गोडावण उड़ान भरते समय तारों की चपेट में आ जाता है और उनकी मौत हो जाती है.

गोडावण को बचाने के लिए लगाए जा रहे 1842 बर्ड डायवर्टर

इसके लिए वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी की ओर से खेतोलाइ-चाचा गांव के बीच करीब 6.5 किलोमीटर क्षेत्र में हाईटेंशन तारों पर 1842 बर्ड डायवर्टर लगाए गए हैं ताकि इन तारों से गोडावणों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.

पढ़ें- बाड़मेर: 2 महीने से नाबालिग लापता, परिजनों ने पाकिस्तान चले जाने की जताई आशंका

उपवन संरक्षक कपिल चंद्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 3 वर्षों में 6 गोडावणों की मौत इन तारों की चपेट में आने से हुई है. चाचा-खेतोलाई क्षेत्र के बीच हाल ही में दो गोडावण की मौत इन तारों से टकराने से हुई है. इसके बाद संस्था की ओर से बर्ड डायवर्टर लगाए हैं. उन्होंने बताया कि गोडावण का वजन ज्यादा होता है और उसकी सामने देखने की क्षमता कम होती है, ऐसे में हवा में उड़ते वक्त अचानक तार सामने आने पर वह मूवमेंट नहीं कर पाते और तारों से टकरा जाते हैं.

डीएफओ अनूप केआर ने की थी पहल

करीब 4 साल पहले तत्कालीन डीएफओ अनूप केआर ने बर्ड डाइवर्टर लगाने की पहल की थी और विदेश से विशेष प्रकार के बर्ड डायवर्टर सैंपल के तौर पर मंगवाए गए थे. जैसलमेर के सलखा, रामदेवरा और रासला क्षेत्र गोडावण के पसंदीदा क्षेत्र हैं, ऐसे में इन जगहों पर हाईटेंशन लाइन भी गोडावण की मौत का कारण बन रही है. हालांकि, इन जगहों पर सैंपल के तौर पर तारों पर डाइवर्टर लगाए गए हैं, लेकिन वृहद स्तर पर इस बार चाचा-खेतोलाई गांव के बीच बर्ड डायवर्टर लगाए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से हाईटेंशन तारों से गोडावण की हो रही मौत को लेकर पहले से चल रही हाईटेंशन लाइनों पर 4 महीनों में बर्ड डायवर्टर लगाने के साथ ही नए प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों को भूमिगत केबल करवाने की शर्त रखी गई है.

जैसलमेर. जिले में पिछले 3 वर्षों में 6 राजकीय पक्षी गोडावण की हाईटेंशन तारों से टकराने से मौत हुई है. ऐसे में उनको बचाने के लिए एक बार फिर जिले में बर्ड डायवर्टर लगाए जा रहे हैं. जैसलमेर के चाचा-खेतोलाई गांव के बीच गोडावण का रहवासी क्षेत्र है. इस क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन होने से गोडावण उड़ान भरते समय तारों की चपेट में आ जाता है और उनकी मौत हो जाती है.

गोडावण को बचाने के लिए लगाए जा रहे 1842 बर्ड डायवर्टर

इसके लिए वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन सोसाइटी की ओर से खेतोलाइ-चाचा गांव के बीच करीब 6.5 किलोमीटर क्षेत्र में हाईटेंशन तारों पर 1842 बर्ड डायवर्टर लगाए गए हैं ताकि इन तारों से गोडावणों को होने वाले नुकसान को कम किया जा सके.

पढ़ें- बाड़मेर: 2 महीने से नाबालिग लापता, परिजनों ने पाकिस्तान चले जाने की जताई आशंका

उपवन संरक्षक कपिल चंद्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 3 वर्षों में 6 गोडावणों की मौत इन तारों की चपेट में आने से हुई है. चाचा-खेतोलाई क्षेत्र के बीच हाल ही में दो गोडावण की मौत इन तारों से टकराने से हुई है. इसके बाद संस्था की ओर से बर्ड डायवर्टर लगाए हैं. उन्होंने बताया कि गोडावण का वजन ज्यादा होता है और उसकी सामने देखने की क्षमता कम होती है, ऐसे में हवा में उड़ते वक्त अचानक तार सामने आने पर वह मूवमेंट नहीं कर पाते और तारों से टकरा जाते हैं.

डीएफओ अनूप केआर ने की थी पहल

करीब 4 साल पहले तत्कालीन डीएफओ अनूप केआर ने बर्ड डाइवर्टर लगाने की पहल की थी और विदेश से विशेष प्रकार के बर्ड डायवर्टर सैंपल के तौर पर मंगवाए गए थे. जैसलमेर के सलखा, रामदेवरा और रासला क्षेत्र गोडावण के पसंदीदा क्षेत्र हैं, ऐसे में इन जगहों पर हाईटेंशन लाइन भी गोडावण की मौत का कारण बन रही है. हालांकि, इन जगहों पर सैंपल के तौर पर तारों पर डाइवर्टर लगाए गए हैं, लेकिन वृहद स्तर पर इस बार चाचा-खेतोलाई गांव के बीच बर्ड डायवर्टर लगाए जा रहे हैं.

गौरतलब है कि 23 दिसंबर को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से हाईटेंशन तारों से गोडावण की हो रही मौत को लेकर पहले से चल रही हाईटेंशन लाइनों पर 4 महीनों में बर्ड डायवर्टर लगाने के साथ ही नए प्रोजेक्ट के लिए निजी कंपनियों को भूमिगत केबल करवाने की शर्त रखी गई है.

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