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जयपुर: छिन गया मां-बाप के बुढ़ापे का सहारा, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल

राजधानी के रेनवाल कस्बे में शुक्रवार को एक युवक की ट्रेन की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई. दरअसल उस ट्रैक पर टेस्टिंग ट्रेन चलनी थी और युवक इस बात से बिल्कुल अनजान था. मौके पर पहुंचे रेनवाल पुलिस ने शव का पोस्टमॉर्टम करवा कर शव को परिजनों के सुपुर्द कर दिया है.

Jaipur news, जयपुर की खबर
ट्रेन की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत
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Published : Jan 3, 2020, 6:27 PM IST

रेनवाल (जयपुर). राजधानी के रेनवाल कस्बे में शुक्रवार को एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई. कस्बे के नजदीकी गांव भैंसलाना में डेयरी पर दूध देकर वापस घर लौट रहा एक 18 साल का युवक ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई. जांच में मृतक का नाम विकास कुमार जाट पुत्र दानाराम जाट पता चला है.

ट्रेन की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत

बता दें कि फ्रेट कॉरिडोर लाईन पर पिछले चार दिन से टेस्टिंग ट्रेन चल रही थी, इससे मृतक युवक बिल्कुल अनजान था. दरअसल डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर पिछले सात वर्ष से लाईन का काम चल रहा है. इस दौरान मृतक विकास हमेशा की तरह डेयरी पर दूध देकर वापस घर लौट रहा था. लौटते समय ट्रेन की चपेट में आने से युवक की घटनास्थल पर मौत हो गई.

पढ़ें- खेल के जरिए राजस्थान बनेगा निरोगीः मंत्री अशोक चांदना

लाईन की जांच के लिए उस ट्रैक पर टेस्टिंग ट्रेन चलनी थी और युवक को ट्रेन आने का अंदेशा नहीं था, जिससे ये घटना हो गई. सूचना मिलने पर रेनवाल पुलिस ने शव काे रेनवाल सीएचसी में पहुंचाया. जहां पाेस्टमॉर्टम करवाकर शव काे परिजनाें के सूपुर्द कर दिया गया. बताया जा रहा है कि मृतक विकास आईटीआई का स्टूडेंट था. युवक 12वीं कक्षा के साथ-साथ रेनवाल में इलेक्ट्रिशयन से आईटीआई कर रहा था.

बुढ़े बाप का सहारा हुआ आंखों से दूर

जानकारी के अनुसार दो भाईयों में विकास बड़ा भाई था. उसी पर परिवार की जिम्मेदारी थी. वहीं, गरीब मजदूरी करने वाले पिता दानाराम यह उम्मीद लगाए बैठा था कि कुछ सालों में बेटा कमाने लगेगा, जिससे उनकी सारी परेशानियां खत्म हो जाएगी. लेकिन बेटे की मौत से बुढ़ापे का सहारा ही छुट गया. इसके साथ ही युवक के बृजर्ग दादा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.

रेनवाल (जयपुर). राजधानी के रेनवाल कस्बे में शुक्रवार को एक युवक की दर्दनाक मौत हो गई. कस्बे के नजदीकी गांव भैंसलाना में डेयरी पर दूध देकर वापस घर लौट रहा एक 18 साल का युवक ट्रेन की चपेट में आ गया, जिससे उसकी मौत हो गई. जांच में मृतक का नाम विकास कुमार जाट पुत्र दानाराम जाट पता चला है.

ट्रेन की चपेट में आने से युवक की दर्दनाक मौत

बता दें कि फ्रेट कॉरिडोर लाईन पर पिछले चार दिन से टेस्टिंग ट्रेन चल रही थी, इससे मृतक युवक बिल्कुल अनजान था. दरअसल डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर पिछले सात वर्ष से लाईन का काम चल रहा है. इस दौरान मृतक विकास हमेशा की तरह डेयरी पर दूध देकर वापस घर लौट रहा था. लौटते समय ट्रेन की चपेट में आने से युवक की घटनास्थल पर मौत हो गई.

पढ़ें- खेल के जरिए राजस्थान बनेगा निरोगीः मंत्री अशोक चांदना

लाईन की जांच के लिए उस ट्रैक पर टेस्टिंग ट्रेन चलनी थी और युवक को ट्रेन आने का अंदेशा नहीं था, जिससे ये घटना हो गई. सूचना मिलने पर रेनवाल पुलिस ने शव काे रेनवाल सीएचसी में पहुंचाया. जहां पाेस्टमॉर्टम करवाकर शव काे परिजनाें के सूपुर्द कर दिया गया. बताया जा रहा है कि मृतक विकास आईटीआई का स्टूडेंट था. युवक 12वीं कक्षा के साथ-साथ रेनवाल में इलेक्ट्रिशयन से आईटीआई कर रहा था.

बुढ़े बाप का सहारा हुआ आंखों से दूर

जानकारी के अनुसार दो भाईयों में विकास बड़ा भाई था. उसी पर परिवार की जिम्मेदारी थी. वहीं, गरीब मजदूरी करने वाले पिता दानाराम यह उम्मीद लगाए बैठा था कि कुछ सालों में बेटा कमाने लगेगा, जिससे उनकी सारी परेशानियां खत्म हो जाएगी. लेकिन बेटे की मौत से बुढ़ापे का सहारा ही छुट गया. इसके साथ ही युवक के बृजर्ग दादा का रो-रोकर बुरा हाल हो गया है.

Intro:राजधानी के रेनवाल कस्बे के नजदीकी गांव भैंसलाना में डेयरी पर दूध देकर वापिस घर लोट रहा 18वर्षीय युवक की ट्रेन
की चपेट में आने से दर्दनाक मौत हो गई। Body:फ्रेट कॉरिडोर लाईन पर पिछले चार दिन से टेस्टिंग ट्रेन चल रही थी, इससे युवक अनजान था। िवकास कुमार जाट पुत्र दानाराम जाट हमेशा की तरह डेयरी पर दूध देकर वापिस घर लोटते समय ट्रेन की चपेट में आने से युवक की घटनास्थल पर मौत हो गई। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर पिछले सात वर्ष से लाईन का काम चल
रहा है। पिछले चार दिन से उस पर लाईन की अंतिम जांच के लिए टेस्टिंग
ट्रेन चल रही थी। इससे से युवक पूरी तरह से अनजान था, जिसके चलते उसे फ्रेट कॉरिडोर के ट्रेक पर ट्रेन आने का अंदेशा नहीं था। Conclusion:सूचना पर पुलिस ने शव काे रेनवाल सीएचसी में पहुंचाया। जहा, पाेस्टमार्टम करवाकर शव काे परिजनाे काे सूपुर्द कर दिया गया।
आईटीआई का स्टूडेंट था विकास-- विकास 12वीं कक्षा के साथ रेनवाल में इलेक्ट्रिशयन में आईटीआई कर रहा था। दो भाईयों में बड़ा विकास पर परिवार की जुम्मेदारी थी। गरीब मजदूरी करने
वाले पिता दानाराम यह उम्मीद लगाए बैठा था कि कुछ वर्षो में बेटा कमाने लगेगा। लेकिन बेटा की मौत से बुढ़ापे का सहारा छुट गया। बृजर्ग दादा
का रो-रोकर बुरा हाल था।

विजूयल व बाईट-
बाईट-एएसआई-फुलचंद मीणा।

जयपुर से रेनवाल से ईटीवी भारत के लिए शिवराज सिंह शेखावत।
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