ETV Bharat / state

World Homeopathy Day 2023 : इस चिकित्सा पद्धति में मीठी गोलियों से होता है इलाज, डॉ. LC शर्मा से जानिए इतिहास

आज वर्ल्ड होम्योपैथी डे है और होम्योपैथी से सभी परिचित होंगे, लेकिन सवाल ये है कि होम्योपैथी के बारे में हम कितना जानते हैं? सबसे बड़ी बात मरीज को इसके बारे में जरूर जानना चाहिए. होम्योपैथी के एक्सपर्ट डॉक्टर एलसी शर्मा ने इसकी पूरी जानकारी दी.

Etv Bharat
Etv Bharat
author img

By

Published : Apr 10, 2023, 8:19 AM IST

आज वर्ल्ड होम्योपैथी डे, डॉ. LC शर्मा से जानिए इतिहास

जयपुर. चिकित्सा की एक ऐसी पद्धति जो जर्मनी से शुरू हुई और आज कई देशों में प्रचलित है. हम बात कर रहे हैं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की. जिसकी मीठी- मीठी गोलियों में बड़े से बड़े रोग का इलाज छुपा हुआ है. इस चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टर्स का दावा है कि होम्योपैथी की दवाओं की मदद से शरीर खुद को ठीक करता है और इसमें रोगी के फैमिली हिस्ट्री और पास्ट के आधार पर इलाज किया जाता है.

डॉक्टर एलसी शर्मा से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानिए : वर्ल्ड होम्योपैथी डे के मौके पर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने डॉक्टर एलसी शर्मा से खास बातचीत की. अमूमन लोग घर में किसी के बीमार होने पर एलोपैथी डॉक्टर के पास जाते हैं, इसे लेकर डॉ. शर्मा ने कहा कि लोगों में गलतफहमी और भ्रांतियां हैं. समाज में प्रथा थी सुई लगा ली कड़वी दवाई ले ली ठीक हो गया. इसके आधार पर लोग मानसिकता के आधार पर टेंपरेरी ठीक होते थे. होम्योपैथी के जन्मदाता डॉ. सैमुअल हैनीमैन खुद भी एक प्रसिद्ध एलोपैथी डॉक्टर थे, लेकिन सालों तक इलाज करने के बाद वो दुखी हो गए. उन्होंने सोचा कि जो मरीज कभी-कभी जुखाम की दवाई लेने आया करता था, वो जल्दी-जल्दी वापस आने लग गया. जिसके साल में एक दो बार बुखार होता था, वो उनकी दवाई लेने के बाद बार-बार आने लगा. ऐसे में दुखी होकर उन्होंने एलोपैथी इलाज करना बंद कर दिया.

World Homeopathy Day 2023
डॉ. हैनीमैन को 9 भाषाओं की नॉलेज थी

डॉ. शर्मा ने बताया कि डॉ. हैनीमैन को 9 भाषाओं की नॉलेज थी, तो उन्होंने किताबों का ट्रांसलेशन करना शुरू कर दिया. तब उनके पास ट्रांसलेशन करते हुए दो किताबें आई जिनमें से एक कोलिन्स मेटेरिया मेडिका थी और दूसरी किताब थी भागवत. भागवत के स्कंध-1 अध्याय-4 के 33वें श्लोक में लिखा है कि कांटे को निकालने के लिए कांटे की जरूरत पड़ती है और कोलिन्स मेटेरिया मेडिका में लिखा है कि अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति क्लोरोक्वाइन लेता है, तो उसे ठंड लगकर बुखार आता है.

उन्होंने बताया कि डॉ. हनीमैन ने सोचा कि जब मलेरिया का पेशेंट आता है तो उसे क्लोरोक्वाइन ही दी जाती है. तब दोनों किताबों में दिए गए शब्दों के सारांश को समझते हुए उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जो आपको बीमार करता है, वही ठीक भी करता है. इसी को होम्योपैथी में कहा गया सिमिलिया सिमिलीबस क्यूरेंट. इस सिद्धांत का उन्होंने आविष्कार किया और बहुत सी चीजों को अपने शरीर पर प्रूव करने लगे. डॉ हैनीमैन ने ये भी जाना कि हर कांटे के साथ एक फूल होता है, इसी सिद्धांत को फॉलो करते हुए उन्होंने जितने भी जहर थे, उनकी अच्छाइयां चुनी. जिसे मेडिकल भाषा में कहा जाता है पोटेंटाइजेशन और ट्राइच्युरेशन. इसका मतलब है कि उसके जहर के अंदर की शक्ति निकालना.

World Homeopathy Day 2023
पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद

कड़वी दवा या इंजेक्शन का डर : होम्योपैथी मेडिसिन जितने भी जहर हैं, उन्होंने जहर को माइन्यूट करते करते इनविजिबल इलेक्ट्रॉन को निकालकर अल्कोहल में रखा, ताकि वो खराब ना हो और उसे मीठी गोली के जरिए देना शुरू किया. हैनीमैन का इसके पीछे संदर्भ यही था कि डॉक्टर के पास बीमारी का इलाज लेने जाते समय एक डर होता है, उस डर के साथ कड़वी दवा या इंजेक्शन का डर और साइड इफेक्ट का डर होता है, इसके लिए मीठी गोली इस्तेमाल की गई. जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता.

World Homeopathy Day 2023
इस चिकित्सा पद्धति में मीठी गोलियों से होता है इलाज

पढ़ें : World Health Day 2023 : हेल्थ के अलावा और किस चीज का प्रतीक है विश्व स्वास्थ्य दिवस

डॉ. एल सी शर्मा ने ब्रेन ट्यूमर से दाएं आंख की रोशनी जाने, घुटने खराब होने, मासूम बच्चे की आवाज जाने, फटे गॉलब्लेडर जैसी प्रॉब्लम्स से जुड़ी केस स्टडी बताते हुए कहा कि ऐसे सभी पेशेंट का इलाज उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से किया है. इसके अलावा चर्म रोग और कोरोना जैसी महामारी का इलाज भी होम्योपैथी में मौजूद है. उन्होंने दावा किया कि परमात्मा की बनाई हुई 84 लाख योनियों में ही वायरस, मच्छर भी शामिल है. ये एक इंसान को बीमार नहीं करते. अगर मच्छर, मक्खी, वायरस बीमार करने में सक्षम होते तो इंसानों से ज्यादा पशु बीमार होते.

World Homeopathy Day 2023
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानिए

पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद : उन्होंने कहा कि दुनिया में जो भी बीमारी का नाम लिया गया, वो नाम मशीन ने लिया. कोरोना, बीपी, थायराइड ये सभी इसका उदाहरण है. लेकिन मशीनें वो बताती है जो हो गया है, उसकी जड़ में क्या है, ये नहीं बता पाती. उसके लिए होम्योपैथी पद्धति में मरीजों की फैमिली हिस्ट्री और पास्ट के आधार पर इलाज किया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि होम्योपैथी नई बीमारियों को ठीक करने में तुरंत सक्षम है. पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद है, लेकिन उसमें कुछ समय लगता है.

बहरहाल, आज पूरा विश्व होम्योपैथी दिवस मना रहा है. ये दिन डॉ. हैनीमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है. जिन्होंने पूरी दुनिया को होम्योपैथी दिया और आज उसी होम्योपैथी की मीठी गोलियां मरीजों को बिना किसी डर और साइड इफेक्ट के उपचार देते हुए ठीक कर रही है.

आज वर्ल्ड होम्योपैथी डे, डॉ. LC शर्मा से जानिए इतिहास

जयपुर. चिकित्सा की एक ऐसी पद्धति जो जर्मनी से शुरू हुई और आज कई देशों में प्रचलित है. हम बात कर रहे हैं होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की. जिसकी मीठी- मीठी गोलियों में बड़े से बड़े रोग का इलाज छुपा हुआ है. इस चिकित्सा पद्धति से जुड़े डॉक्टर्स का दावा है कि होम्योपैथी की दवाओं की मदद से शरीर खुद को ठीक करता है और इसमें रोगी के फैमिली हिस्ट्री और पास्ट के आधार पर इलाज किया जाता है.

डॉक्टर एलसी शर्मा से होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानिए : वर्ल्ड होम्योपैथी डे के मौके पर होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानने के लिए ईटीवी भारत ने डॉक्टर एलसी शर्मा से खास बातचीत की. अमूमन लोग घर में किसी के बीमार होने पर एलोपैथी डॉक्टर के पास जाते हैं, इसे लेकर डॉ. शर्मा ने कहा कि लोगों में गलतफहमी और भ्रांतियां हैं. समाज में प्रथा थी सुई लगा ली कड़वी दवाई ले ली ठीक हो गया. इसके आधार पर लोग मानसिकता के आधार पर टेंपरेरी ठीक होते थे. होम्योपैथी के जन्मदाता डॉ. सैमुअल हैनीमैन खुद भी एक प्रसिद्ध एलोपैथी डॉक्टर थे, लेकिन सालों तक इलाज करने के बाद वो दुखी हो गए. उन्होंने सोचा कि जो मरीज कभी-कभी जुखाम की दवाई लेने आया करता था, वो जल्दी-जल्दी वापस आने लग गया. जिसके साल में एक दो बार बुखार होता था, वो उनकी दवाई लेने के बाद बार-बार आने लगा. ऐसे में दुखी होकर उन्होंने एलोपैथी इलाज करना बंद कर दिया.

World Homeopathy Day 2023
डॉ. हैनीमैन को 9 भाषाओं की नॉलेज थी

डॉ. शर्मा ने बताया कि डॉ. हैनीमैन को 9 भाषाओं की नॉलेज थी, तो उन्होंने किताबों का ट्रांसलेशन करना शुरू कर दिया. तब उनके पास ट्रांसलेशन करते हुए दो किताबें आई जिनमें से एक कोलिन्स मेटेरिया मेडिका थी और दूसरी किताब थी भागवत. भागवत के स्कंध-1 अध्याय-4 के 33वें श्लोक में लिखा है कि कांटे को निकालने के लिए कांटे की जरूरत पड़ती है और कोलिन्स मेटेरिया मेडिका में लिखा है कि अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति क्लोरोक्वाइन लेता है, तो उसे ठंड लगकर बुखार आता है.

उन्होंने बताया कि डॉ. हनीमैन ने सोचा कि जब मलेरिया का पेशेंट आता है तो उसे क्लोरोक्वाइन ही दी जाती है. तब दोनों किताबों में दिए गए शब्दों के सारांश को समझते हुए उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि जो आपको बीमार करता है, वही ठीक भी करता है. इसी को होम्योपैथी में कहा गया सिमिलिया सिमिलीबस क्यूरेंट. इस सिद्धांत का उन्होंने आविष्कार किया और बहुत सी चीजों को अपने शरीर पर प्रूव करने लगे. डॉ हैनीमैन ने ये भी जाना कि हर कांटे के साथ एक फूल होता है, इसी सिद्धांत को फॉलो करते हुए उन्होंने जितने भी जहर थे, उनकी अच्छाइयां चुनी. जिसे मेडिकल भाषा में कहा जाता है पोटेंटाइजेशन और ट्राइच्युरेशन. इसका मतलब है कि उसके जहर के अंदर की शक्ति निकालना.

World Homeopathy Day 2023
पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद

कड़वी दवा या इंजेक्शन का डर : होम्योपैथी मेडिसिन जितने भी जहर हैं, उन्होंने जहर को माइन्यूट करते करते इनविजिबल इलेक्ट्रॉन को निकालकर अल्कोहल में रखा, ताकि वो खराब ना हो और उसे मीठी गोली के जरिए देना शुरू किया. हैनीमैन का इसके पीछे संदर्भ यही था कि डॉक्टर के पास बीमारी का इलाज लेने जाते समय एक डर होता है, उस डर के साथ कड़वी दवा या इंजेक्शन का डर और साइड इफेक्ट का डर होता है, इसके लिए मीठी गोली इस्तेमाल की गई. जिसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता.

World Homeopathy Day 2023
इस चिकित्सा पद्धति में मीठी गोलियों से होता है इलाज

पढ़ें : World Health Day 2023 : हेल्थ के अलावा और किस चीज का प्रतीक है विश्व स्वास्थ्य दिवस

डॉ. एल सी शर्मा ने ब्रेन ट्यूमर से दाएं आंख की रोशनी जाने, घुटने खराब होने, मासूम बच्चे की आवाज जाने, फटे गॉलब्लेडर जैसी प्रॉब्लम्स से जुड़ी केस स्टडी बताते हुए कहा कि ऐसे सभी पेशेंट का इलाज उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से किया है. इसके अलावा चर्म रोग और कोरोना जैसी महामारी का इलाज भी होम्योपैथी में मौजूद है. उन्होंने दावा किया कि परमात्मा की बनाई हुई 84 लाख योनियों में ही वायरस, मच्छर भी शामिल है. ये एक इंसान को बीमार नहीं करते. अगर मच्छर, मक्खी, वायरस बीमार करने में सक्षम होते तो इंसानों से ज्यादा पशु बीमार होते.

World Homeopathy Day 2023
होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के बारे में जानिए

पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद : उन्होंने कहा कि दुनिया में जो भी बीमारी का नाम लिया गया, वो नाम मशीन ने लिया. कोरोना, बीपी, थायराइड ये सभी इसका उदाहरण है. लेकिन मशीनें वो बताती है जो हो गया है, उसकी जड़ में क्या है, ये नहीं बता पाती. उसके लिए होम्योपैथी पद्धति में मरीजों की फैमिली हिस्ट्री और पास्ट के आधार पर इलाज किया जाता है. उन्होंने स्पष्ट किया कि होम्योपैथी नई बीमारियों को ठीक करने में तुरंत सक्षम है. पुरानी बीमारियों का इलाज भी मौजूद है, लेकिन उसमें कुछ समय लगता है.

बहरहाल, आज पूरा विश्व होम्योपैथी दिवस मना रहा है. ये दिन डॉ. हैनीमैन के जन्मदिन के उपलक्ष्य के रूप में मनाया जाता है. जिन्होंने पूरी दुनिया को होम्योपैथी दिया और आज उसी होम्योपैथी की मीठी गोलियां मरीजों को बिना किसी डर और साइड इफेक्ट के उपचार देते हुए ठीक कर रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.