जयपुर. ट्विटर पर सचिन पायलट (Pilot trend in Twitter) के समर्थकों ने उनको प्रधानमंत्री से लेकर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने तक की मांग कर डाली है. खास बात ये है कि ये सब उस दौर में हो रहा है जब इसी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर '#कांग्रेस आ रही है ' भी ट्रेंड किया जा रहा है.
मंगलवार सुबह 11 बजे तक ही 40,000 से ज्यादा लोग पायलट के लिये जारी इस मुहिम का हिस्सा बन गये. सियासी हलकों में चर्चा है कि पायलट कैंप के सक्रिय होने के बाद जारी बयानबाजी के बीच मंगलवार को जयपुर में निर्दलीय विधायकों ने बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों के साथ मिलकर जो बैठक बुलाई थी. उसका जवाब देने के लिये पायलट कैंप ने सोशल मीडिया को अपना हथियार बना लिया.
खास बात है कि बीते दो दिनों से सरकार समर्थित इन विधायकों के समूह को G19 दिया गया था. हालांकि बाद मेें बुधवार सुबह बीएसपी के विधायकों के ऐलान करते हुए ये कह दिया था कि वे निर्दलीय विधायकों के साथ होने वाली इस चर्चा में शामिल नहीं होंगे. इस फैसले के पहले कांग्रेस की अंतर्कलह पर नजरें गड़ाए बैठे नेताओं के बीच जी-19 की चर्चा काफी हुई.
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जानिये क्या है G-19 ? जो पहली बैठक से पहले ही अलग हो गया
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बीते दो कार्यकाल से अपने संख्या बल को मजबूत करने के लिये लिहाज से राजस्थान में निर्दलीय व अन्य विधायकों को साथ लेकर सरकार चला रहे हैं. इस बार भी बसपा के सिंबल से जीतकर आये 6 विधायकों ने पाला बदलकर अशोक गहलोत सरकार को समर्थन देते हुए कांग्रेस ज्वॉइन करा ली थी.
जब 2020 में सरकार के खिलाफ जाकर सचिन पायलट ने अपने साथी विधायकों के साथ अज्ञातवास बिताया था तब बसपा के 6 विधायकों के साथ निर्दलीय 13 विधायकों ने अशोक गहलोत सरकार की परेड में हिस्सा लेकर संकट के दौर में बहुमत साबित करने में मदद की थी.
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ऐसे में संकटमोचक बने इन विधायकों को ग्रुप-19 यानि जी-19 का नाम दिया गया है. इस समूह में बसपा छोड़कर आये विधायकों ने बीते दिनों पायलट समर्थित विधायकों के खिलाफ ना सिर्फ तीखी बयानबाजी की थी. बल्कि उन्हें हर तरह से आड़े हाथ भी लिया था. वहीं निर्दलीय विधायकों में से सिरोही एमएलए संयम लोढा भी सोशल मीडिया पर लगातार पायलट कैंप को निशाना बनाते रहे हैं. ऐसे में सचिन पायलट टीम की सियासी भागीदारी की मांग को देखते हुए खुद के लिये सरकार में हिस्सा मांगने की जद्दोजहद के रूप में गैर कांग्रेसी विधायकों के समूह को ये पहचान मिली थी.
- बसपा से कांग्रेस में लौटे विधायक-
1.राजेन्द्र सिंह गुढ़ा
2.जोगेन्द्र अवाना
3.संदीप यादव
4.वाजिब अली
5.लाखन सिंह
6.दीपचंद खेरिया
- ये हैं निर्दलीय विधायक-
1. महादेव सिंह खंडेला
2. रामकेश मीणा
3. बाबूलाल नागर
4. बलजीत यादव
5. ओम प्रकाश हुडला
6. रमिला खडिया
7. सुरेश टाक
8. कांति प्रसाद मीणा
9. संयम लोढ़ा
10. लक्ष्मण मीणा
11. आलोक बेनीवाल
12. खुशवीर सिंह जोजावर
13. राजकुमार गौड़
'#पायलट आ रहा है' के क्या मायने हैं ?
सचिन पायलट कैंप के विधायक और चाकसू एमएलए वेद प्रकाश सोलंकी के सरकारी निवास के बाहर रखे बैनर ने मंगलवार को सियासी हलकों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया था. इस बैनर में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और सोनिया गांधी को तरजीह दी गई थी. जहां सचिन पायलट की जनसमूह के बीच की तस्वीर के साथ लिखा गया नारा सुर्खियां बंटोरने लगा.
इस बैनर पर लिखा गया था कि 'राजस्थान ने देखा है,हम सबने देखा है' । माना जा रहा है कि ये बैनर जी-19 की रणनीति के खिलाफ टीम पायलट का जवाब था. यही वजह है कि कांग्रेस की अंदरूनी सियासी तकरार फिर से जाहिर हो रही है. इस बीच चर्चा है कि सचिन पायलट 22 जून की शाम या फिर 23 जून गुरुवार की सुबह जयपुर पहुंच सकते हैं.
क्यों जी-19 में शामिल नहीं हो रहे हैं 6 विधायक
बहुजन समाज पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाले छह विधायकों ने पहले तो जी-19 में खुद को शामिल होना बताया था परंतु बैठक वाले दिन सुबह उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया कि वे अब इस चर्चा में शामिल नहीं हो रहे हैं.
सियासी गलियारों में चर्चा है कि बीते दिनों दिल्ली में पार्टी के प्रदेश प्रभारी अजय माकन ने कहा था कि सत्ता में भागीदारी सिर्फ उन विधायकों को मिलेगी जो पार्टी के अनुशासन में रहेंगे. ऐसे में निर्दलीय विधायकों के साथ बैठकों में जाने का मसला भी पायलट कैंप अनुशासनहीनता से जोड़ सकता है. लिहाजा दलबदल करने वाले यह 6 विधायक आखिरी मौके पर खुद को इस सियासी संग्राम की बाजी से दूर करते हुए दिखाई पड़े.