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आखिर क्यों चढ़ता है बजरंगबली को सिंदूर, जानिए

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Published : Sep 10, 2019, 8:01 AM IST

मंगलवार भगवान हनुमान जी का दिन है. हम आपको बताएंगे कि मंगलवार को ही बजरंगबली की पूजा क्यों की जाती है. साथ ही कैसे इसका लाभ उठाया जा सकता है.

बजरंगबली की पूजा, 11 मंगलवार का उपवास, day of hanuman, hanuman pooja vidhi

जयपुर. मान्यताओं के अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक भी माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से साहस, आत्मविश्वास और शक्ति की प्राप्ति होती है. अगर 11 मंगलवार का उपवास रखा जाए और हनुमान जी का दर्शन किया जाए तो सभी प्रकार के कर्जों से राहत मिलती है. मंगलवार की रात्रि को अगर 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें तो कोई भी मनोकामना पूरी हो सकती है.

तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय मानी जाती है और उनके अवतारों को भी चढ़ाई जाती है. तुलसी चढ़ाने से श्री राम भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इसलिए हनुमान जी तो प्रसन्न होंगे ही. अगर हर सुबह हनुमान जी को तुलसी जल अर्पित करते जाए तो जीवन में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी.

यह भी पढ़ेंः बहरोड़ लॉकअप कांड में बड़ी कार्रवाई, थानाधिकारी सुगन सिंह निलंबित...69 लाइन हाजिर

सिंदूर चढ़ाने के पीछे क्या है रहस्य

भगवती सीता की प्रेरणा से अपने स्वामी राम को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी ने शरीर में ढेर सारा सिन्दूर लगा लिया था. तभी से हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से रोगों और शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है. ग्रहों की पीड़ा समाप्त होती है. महिलाओं को हनुमान जी को सिन्दूर नहीं चढ़ाना चाहिए. इसकी जगह पर लाल फूल चढ़ाना उत्तम होगा. मंगलवार को हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर चढ़ाऐं.

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इस तरह करे हनुमान को प्रसन्न

मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए. स्नान कर स्वच्छ हो जाएं. इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ रहता है. इसके बाद हनुमानजी को लाल फूल, सिन्दूर, वस्त्रादि चढ़ाने चाहिए. श्रद्धापूर्वक हनुमानजी की प्रतिमा के सामने ज्योति जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. शाम के समय बेसन के लड्डुओं या फिर खीर का भोग हनुमानजी को लगाकर स्वयं नमकरहित भोजन करना चाहिए. मंगलवार का व्रत करने वालों को इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. मान्यता है कि मांगलिक दोष से पीड़ित जातकों को भी मंगलवार का व्रत रखने से लाभ होता है. शनि की महादशा, ढैय्या या साढ़ेसाती की परेशानी को दूर करने के लिए भी यह व्रत बहुत कारगर माना जाता है.

जयपुर. मान्यताओं के अनुसार इसी दिन हनुमान जी का जन्म हुआ था. हनुमान जी को मंगल ग्रह का नियंत्रक भी माना जाता है. इस दिन हनुमान जी की उपासना करने से साहस, आत्मविश्वास और शक्ति की प्राप्ति होती है. अगर 11 मंगलवार का उपवास रखा जाए और हनुमान जी का दर्शन किया जाए तो सभी प्रकार के कर्जों से राहत मिलती है. मंगलवार की रात्रि को अगर 100 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें तो कोई भी मनोकामना पूरी हो सकती है.

तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय मानी जाती है और उनके अवतारों को भी चढ़ाई जाती है. तुलसी चढ़ाने से श्री राम भी अत्यंत प्रसन्न होते हैं. इसलिए हनुमान जी तो प्रसन्न होंगे ही. अगर हर सुबह हनुमान जी को तुलसी जल अर्पित करते जाए तो जीवन में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी.

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सिंदूर चढ़ाने के पीछे क्या है रहस्य

भगवती सीता की प्रेरणा से अपने स्वामी राम को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी ने शरीर में ढेर सारा सिन्दूर लगा लिया था. तभी से हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परंपरा शुरू हुई. हनुमान जी को सिन्दूर और चमेली का तेल चढ़ाने से रोगों और शारीरिक व्याधियों से मुक्ति मिलती है. ग्रहों की पीड़ा समाप्त होती है. महिलाओं को हनुमान जी को सिन्दूर नहीं चढ़ाना चाहिए. इसकी जगह पर लाल फूल चढ़ाना उत्तम होगा. मंगलवार को हनुमान जी के चरणों से सिन्दूर चढ़ाऐं.

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इस तरह करे हनुमान को प्रसन्न

मंगलवार के दिन सूर्योदय से पहले ही उठ जाना चाहिए. स्नान कर स्वच्छ हो जाएं. इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करना भी शुभ रहता है. इसके बाद हनुमानजी को लाल फूल, सिन्दूर, वस्त्रादि चढ़ाने चाहिए. श्रद्धापूर्वक हनुमानजी की प्रतिमा के सामने ज्योति जलाकर हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. शाम के समय बेसन के लड्डुओं या फिर खीर का भोग हनुमानजी को लगाकर स्वयं नमकरहित भोजन करना चाहिए. मंगलवार का व्रत करने वालों को इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए. मान्यता है कि मांगलिक दोष से पीड़ित जातकों को भी मंगलवार का व्रत रखने से लाभ होता है. शनि की महादशा, ढैय्या या साढ़ेसाती की परेशानी को दूर करने के लिए भी यह व्रत बहुत कारगर माना जाता है.

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