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चाकसू: पंचायत राज चुनाव का बहिष्कार करने की ग्रामीणों ने की घोषणा

जयपुर के चाकसू उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बल्लूपुरा के ग्रामीणों ने पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ने के विरोध में पंचायत राज चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है.

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चुनाव का बहिष्कार करने की ग्रामीणों ने की घोषणा
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Published : Sep 26, 2020, 9:50 AM IST

चाकसू (जयपुर). उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बल्लूपुरा के ग्रामीणों ने पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ने के विरोध में पंचायत राज चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है. बता दें नवसृजित कोटखावदा पंचायत समिति क्षेत्र में 6 अक्टूबर को मतदान होना. वहीं शनिवार को चुनाव लड़ने वाले इच्छुक प्रत्याशियों के द्वारा पंचायत मुख्यालय पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर नामांकन दाखिल होंगे. लेकिन ऐसे में चुनाव का बहिष्कार का एलान करना और किसी का नामांकन दाखिल नहीं होना एक बड़ी बात हो सकती है.

गौरतलब है गत बल्लुपुरा ग्राम पंचायत के लोगों की मौजूदगी में आम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों ने कोटखावदा पंचायत समिति में बल्लूपुरा पंचायत को जोड़ने का विरोध किया है. ग्रामीणों ने पंचायत और पंचायत समिति साथ ही जिला परिषद के चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों की माने तो प्रशासनिक अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते उनकी ग्राम पंचायत को चाकसू से हटाकर कोटखावदा में जोड़ा गया है.

पढ़ेंः बारांः पंचायती राज चुनाव को लेकर संवेदनशील केंद्रों पर निकाला गया फ्लैग मार्च

ऐसे में छोटे-छोटे कामों के लिए कोटखावदा जाना पड़ेगा, जोकि 20 से 25 किलोमीटर दूर है. नवगठित ग्राम पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ने से लोगों को आवागमन की समस्या होगी. ग्राम पंचायत बाड़ा पदमपुरा, बरखेड़ा, शिवदासपुरा, डाहर, बल्लूपुरा आदि ग्राम पंचायतों की सीमा से जुड़ी हुई है. ग्रामीणों को सीधा कोटखावदा जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है.

उन्हें चाकसू होते हुए कोटखावदा जाना पड़ेगा. साथ ही दूरी भी ज्यादा है. सीधा बसों का जुड़ाव भी नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को कोई भी कार्य करवाने के लिए आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसको लेकर ग्रामीणों ने विधायक और उपखंड अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था. लेकिन ग्रामीणों की एक नहीं सुनी गई तो ग्रामीणों को बहिष्कार का ऐलान करना पड़ा.

चाकसू (जयपुर). उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत बल्लूपुरा के ग्रामीणों ने पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ने के विरोध में पंचायत राज चुनाव का बहिष्कार करने की घोषणा की है. बता दें नवसृजित कोटखावदा पंचायत समिति क्षेत्र में 6 अक्टूबर को मतदान होना. वहीं शनिवार को चुनाव लड़ने वाले इच्छुक प्रत्याशियों के द्वारा पंचायत मुख्यालय पर चुनाव प्रक्रिया को लेकर नामांकन दाखिल होंगे. लेकिन ऐसे में चुनाव का बहिष्कार का एलान करना और किसी का नामांकन दाखिल नहीं होना एक बड़ी बात हो सकती है.

गौरतलब है गत बल्लुपुरा ग्राम पंचायत के लोगों की मौजूदगी में आम सभा का आयोजन कर ग्रामीणों ने कोटखावदा पंचायत समिति में बल्लूपुरा पंचायत को जोड़ने का विरोध किया है. ग्रामीणों ने पंचायत और पंचायत समिति साथ ही जिला परिषद के चुनाव का पूर्ण रूप से बहिष्कार करने का ऐलान किया है. ग्रामीणों की माने तो प्रशासनिक अधिकारियों की हठधर्मिता के चलते उनकी ग्राम पंचायत को चाकसू से हटाकर कोटखावदा में जोड़ा गया है.

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ऐसे में छोटे-छोटे कामों के लिए कोटखावदा जाना पड़ेगा, जोकि 20 से 25 किलोमीटर दूर है. नवगठित ग्राम पंचायत समिति कोटखावदा में जोड़ने से लोगों को आवागमन की समस्या होगी. ग्राम पंचायत बाड़ा पदमपुरा, बरखेड़ा, शिवदासपुरा, डाहर, बल्लूपुरा आदि ग्राम पंचायतों की सीमा से जुड़ी हुई है. ग्रामीणों को सीधा कोटखावदा जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है.

उन्हें चाकसू होते हुए कोटखावदा जाना पड़ेगा. साथ ही दूरी भी ज्यादा है. सीधा बसों का जुड़ाव भी नहीं है. ऐसे में ग्रामीणों को कोई भी कार्य करवाने के लिए आने-जाने में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. इसको लेकर ग्रामीणों ने विधायक और उपखंड अधिकारियों को ज्ञापन भी सौंपा था. लेकिन ग्रामीणों की एक नहीं सुनी गई तो ग्रामीणों को बहिष्कार का ऐलान करना पड़ा.

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