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Vasundhara Raje Vs Satish Poonia - आज होगा तय, राजे का जन्मदिन होगा भव्य या पूनिया जयपुर में दिखाएंगे अपनी ताकत

2023 के रण में भाजपा का चेहरा कौन होगा, इसके लिए बिछी शह और मात की पहली बिसात, सतीश पूनिया को करना होगा वसुन्धरा के सालासर से बड़ा शक्ति प्रदर्शन.

Vasundhara Raje Vs Satish Poonia
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Published : Mar 4, 2023, 12:54 PM IST

जयपुर. जैसे जैसे राजस्थान में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासत तेज होती जा रही है. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर जबरदस्त गुटबाजी चल रही है. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं तो दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी खुद को बड़ा नेता दिखाने का प्रयास करते रहते हैं.

इस दौड़ में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जैसे चेहरे भी खुद को डार्क हॉर्स साबित कर सकते हैं. बहरहाल 4 मार्च का दिन राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच 2023 की चुनावी चौसर की पहली शह और मात के दिन के तौर पर देखा जा रहा है. वसुंधरा राजे सालासर में अपने जन्मदिन के अवसर पर बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं तो जयपुर में सतीश पूनिया पेपर लीक मामले में युवा मोर्चा के विधानसभा घेराव के नाम पर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इन दोनों शक्ति प्रदर्शनों में से कौनसा शक्ति प्रदर्शन ज्यादा भारी होता है और कौन किस पर भारी पड़ता है यह आज शाम तक सामने आ जाएगा.

Vasundhara Raje Vs Satish Poonia
वसुंधरा राजे व सतीश पूनिया का शक्ति प्रदर्शन

पढ़ें- भाजपा के फरमान से वसुंधरा के जन्मदिन में रंग में भंग, जानें क्या संगठन होगा हावी या राजे का चलेगा राज

सतीश पूनिया उलझन में - सतीश पूनिया पर इस बात का दबाव है कि विधानसभा चुनाव से पहले किस तरह वह पेपर लीक जैसे मामले में सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करें. इसके विपरीत पूनिया इस बात को लेकर भी उलझन में हैं कि वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सालासर में हो रहे जन्मदिन कार्यक्रम में शिरकत करें या नहीं. अगर सतीश पूनिया वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंचते हैं, तो सीधे तौर पर इसे 2023 के चुनाव से पहले वसुंधरा राजे की बड़ी जीत के तौर पर देखा जाएगा. ऐसा इसलिए कि सबकी नजरें वसुंधरा राजे के कार्यक्रम पर हैं कि कौन-कौन विधायक, सांसद और बड़े नेता सालासार पहुंचते हैं, इन सबके बीच अगर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह व पूनिया भी सालासर पहुंच गए तो यह साफ हो जाएगा की राजे को दिल्ली का समर्थन प्राप्त है. दिल्ली के कहने पर ही मजबूरी में सतीश पूनिया सालासर पहुंचे हैं. सतीश पूनिया के सामने उलझन यह भी है कि वह सालासर नहीं पहुंचे तो राजस्थान में जो भाजपा नेताओं में आपसी गुटबाजी है वह खुलकर सामने आ जाएगी. पूनिया राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष भी हैं तो गुटबाजी को थामने की जिम्मेदारी भी उन पर ही है. पूनिया के सामने दिक्कत यह भी है कि अगर वह सालासर गए तो जिस तरह वसुंधरा राजे कैंप की ओर से प्रदेश में राजनीतिक यात्रा निकालने की तैयारी हो रही है, उसमें भी उन्हें साथ खड़ा होना होगा.

Vasundhara Raje Vs Satish Poonia
वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन

पढ़ें- Rajasthan Politics: जोधपुर में लगे वसुंधरा को CM बनाने के नारे, जन्मदिन मनाने सालासर जाएंगे 10 हजार समर्थक

पुनिया खींचना चाहते हैं हर किसी का ध्यान - सतीश पूनिया के सामने अपनी जीत का एक ही रास्ता है कि वह जयपुर में युवा मोर्चा के विरोध प्रदर्शन को इतना बड़ा और आक्रामक करें कि इससे कांग्रेस की सरकार और भाजपा की तरफ से सतीश पूनिया में ही टकराव दिखाई दे. सतीश पूनिया चाहते हैं कि प्रदर्शन ऐसा हो कि दिल्ली तक उसकी गूंज दिखाई दे और यह संदेश जाए कि कांग्रेस से मुद्दों की लड़ाई केवल सतीश पूनिया ही लड़ रहे हैं. ऐसे में वसुंधरा वर्सेस सतीश पूनिया (Vasundhara Raje Vs Satish Poonia) की इस लड़ाई में सतीश पूनिया का प्रदर्शन यह तय करेगा कि 2023 में राजनीति का ऊंट भाजपा के किस नेता की करवट में बैठेगा.

पढ़ें- वसुंधरा के जन्मदिन पर होगी सबकी निगाह, सदन की आगामी कार्यवाही पर कार्य सलाहकार समिति ने लगाई मुहर

जयपुर. जैसे जैसे राजस्थान में चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सियासत तेज होती जा रही है. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री कौन होगा, इसे लेकर जबरदस्त गुटबाजी चल रही है. एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे हैं तो दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया. इन सबके बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी खुद को बड़ा नेता दिखाने का प्रयास करते रहते हैं.

इस दौड़ में लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव जैसे चेहरे भी खुद को डार्क हॉर्स साबित कर सकते हैं. बहरहाल 4 मार्च का दिन राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया के बीच 2023 की चुनावी चौसर की पहली शह और मात के दिन के तौर पर देखा जा रहा है. वसुंधरा राजे सालासर में अपने जन्मदिन के अवसर पर बड़ा शक्ति प्रदर्शन कर रही हैं तो जयपुर में सतीश पूनिया पेपर लीक मामले में युवा मोर्चा के विधानसभा घेराव के नाम पर अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं. अब इन दोनों शक्ति प्रदर्शनों में से कौनसा शक्ति प्रदर्शन ज्यादा भारी होता है और कौन किस पर भारी पड़ता है यह आज शाम तक सामने आ जाएगा.

Vasundhara Raje Vs Satish Poonia
वसुंधरा राजे व सतीश पूनिया का शक्ति प्रदर्शन

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सतीश पूनिया उलझन में - सतीश पूनिया पर इस बात का दबाव है कि विधानसभा चुनाव से पहले किस तरह वह पेपर लीक जैसे मामले में सरकार के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन करें. इसके विपरीत पूनिया इस बात को लेकर भी उलझन में हैं कि वह पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के सालासर में हो रहे जन्मदिन कार्यक्रम में शिरकत करें या नहीं. अगर सतीश पूनिया वसुंधरा राजे के जन्मदिन कार्यक्रम में पहुंचते हैं, तो सीधे तौर पर इसे 2023 के चुनाव से पहले वसुंधरा राजे की बड़ी जीत के तौर पर देखा जाएगा. ऐसा इसलिए कि सबकी नजरें वसुंधरा राजे के कार्यक्रम पर हैं कि कौन-कौन विधायक, सांसद और बड़े नेता सालासार पहुंचते हैं, इन सबके बीच अगर प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह व पूनिया भी सालासर पहुंच गए तो यह साफ हो जाएगा की राजे को दिल्ली का समर्थन प्राप्त है. दिल्ली के कहने पर ही मजबूरी में सतीश पूनिया सालासर पहुंचे हैं. सतीश पूनिया के सामने उलझन यह भी है कि वह सालासर नहीं पहुंचे तो राजस्थान में जो भाजपा नेताओं में आपसी गुटबाजी है वह खुलकर सामने आ जाएगी. पूनिया राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष भी हैं तो गुटबाजी को थामने की जिम्मेदारी भी उन पर ही है. पूनिया के सामने दिक्कत यह भी है कि अगर वह सालासर गए तो जिस तरह वसुंधरा राजे कैंप की ओर से प्रदेश में राजनीतिक यात्रा निकालने की तैयारी हो रही है, उसमें भी उन्हें साथ खड़ा होना होगा.

Vasundhara Raje Vs Satish Poonia
वसुंधरा राजे का शक्ति प्रदर्शन

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पुनिया खींचना चाहते हैं हर किसी का ध्यान - सतीश पूनिया के सामने अपनी जीत का एक ही रास्ता है कि वह जयपुर में युवा मोर्चा के विरोध प्रदर्शन को इतना बड़ा और आक्रामक करें कि इससे कांग्रेस की सरकार और भाजपा की तरफ से सतीश पूनिया में ही टकराव दिखाई दे. सतीश पूनिया चाहते हैं कि प्रदर्शन ऐसा हो कि दिल्ली तक उसकी गूंज दिखाई दे और यह संदेश जाए कि कांग्रेस से मुद्दों की लड़ाई केवल सतीश पूनिया ही लड़ रहे हैं. ऐसे में वसुंधरा वर्सेस सतीश पूनिया (Vasundhara Raje Vs Satish Poonia) की इस लड़ाई में सतीश पूनिया का प्रदर्शन यह तय करेगा कि 2023 में राजनीति का ऊंट भाजपा के किस नेता की करवट में बैठेगा.

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