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पच्छयाण 2022 : गुलाबी नगरी की धरा पर साकार हुई उत्तराखंड की संस्कृति

जयपुर में प्रवासी उत्तराखंड के लोगों के लिए सांस्कृतिक महोत्सव 'पच्छयाण 2022' का (Uttarakhand cultural festival Pachhayan 2022) आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तराखंड से बाहर अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडी को वहां की वेश-भूषा, खान-पान और संस्कृति से रूबरू कराना था. इस दौरान लोक कलाकारों ने भी नृत्य व संगीत प्रस्तुत किए.

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Published : Dec 25, 2022, 9:21 PM IST

Updated : Dec 25, 2022, 11:42 PM IST

Uttarakhand cultural festival Pachhayan 2022
Uttarakhand cultural festival Pachhayan 2022
साकार हुई उत्तराखंड की संस्कृति.

जयपुर. राजधानी के वैशाली नगर में रविवार को राजस्थान उत्तराखंड सभा की ओर से एक दिवसीय तृतीय उत्तराखंड सांस्कृतिक महोत्सव 'पच्छयाण 2022' (Uttarakhand cultural festival Pachhayan 2022) का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में रह रहे 20 हजार से अधिक प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हुए. उत्तराखंड के खान-पान, वेशभूषा से लेकर वहां की संस्कृति को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया.

राजस्थान उत्तराखंड सभा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावत ने बताया कि कार्यक्रम में (Pachhayan 2022 organised in Jaipur) उत्तराखंडी बिजनेस आइकन अवार्ड, उत्तराखंडी खान-पान प्रतियोगिता, एपण प्रशिक्षण शिविर एवं प्रतियोगिता, हमारे बुजुर्ग हमारा स्वाभिमान सम्मान, पत्रकारिता के क्षेत्र में बद्रीदत्त पांडे कलमकार सम्मान और विभिन्न श्रेणियों में प्रदेश के करीब 100 उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया.

पढ़ें. जोधपुर में मारवाड़ उत्सव की धूम, सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने भरा लोगों में उत्साह...देखें तस्वीरें

राजस्थान उत्तराखंड सभा के महासचिव प्रहलाद सिंह अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में पच्छयाण 2022 स्मारिका का विमोचन भी किया गया. इसके साथ ही युवा पीढ़ी को उनकी संस्कृति से बेहद करीब से रूबरू करवाया गया. कार्यक्रम में देश के अलग-अलग कोनों से आए ऐसे बिजनेस आइकन को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कार्यक्रम में उत्तराखंड से आए लोक गायकों व लोक कलाकारों ने संगीत व नृत्य के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को गुलाबी नगर में दर्शाया. कार्यक्रम में ईटीवी भारत के संवाददाता विनय पंत को भी बद्रीदत्त पांडे कलमकार सम्मान से सम्मानित किया गया.

उत्तराखंडी खान-पान, वेशभूषा और बोली से हुए रूबरू : पच्छयाण कार्यक्रम के कोर्डिनेटर आनंद पांडे ने बताया कि कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से बाहर अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को उनकी संस्कृति से रूबरू कराना है. कार्यक्रम में युवा पीढ़ी और विशेषकर बच्चों को उत्तराखंडी खान-पान व विभिन्न उत्तराखंडी व्यंजन की रेसिपी के बारे में बताया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड में घरों के आंगन, चौखट व फर्श पर बनाए जाने वाले विशेष ऐपण के बारे में जानकारी देते हुए उसकी कार्यशाला आयोजित की गई. इसके साथ ही युवाओं को उत्तराखंड की भाषा से रूबरू कराते हुए भाषा से संबंधित कई प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी और कार्यक्रम देखने पहुंच रहे लोग भी उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए.

साकार हुई उत्तराखंड की संस्कृति.

जयपुर. राजधानी के वैशाली नगर में रविवार को राजस्थान उत्तराखंड सभा की ओर से एक दिवसीय तृतीय उत्तराखंड सांस्कृतिक महोत्सव 'पच्छयाण 2022' (Uttarakhand cultural festival Pachhayan 2022) का आयोजन किया जा रहा है. कार्यक्रम में जयपुर सहित राजस्थान के विभिन्न शहरों में रह रहे 20 हजार से अधिक प्रवासी उत्तराखंडी शामिल हुए. उत्तराखंड के खान-पान, वेशभूषा से लेकर वहां की संस्कृति को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों के सामने प्रस्तुत किया गया.

राजस्थान उत्तराखंड सभा के प्रदेश अध्यक्ष बीएस रावत ने बताया कि कार्यक्रम में (Pachhayan 2022 organised in Jaipur) उत्तराखंडी बिजनेस आइकन अवार्ड, उत्तराखंडी खान-पान प्रतियोगिता, एपण प्रशिक्षण शिविर एवं प्रतियोगिता, हमारे बुजुर्ग हमारा स्वाभिमान सम्मान, पत्रकारिता के क्षेत्र में बद्रीदत्त पांडे कलमकार सम्मान और विभिन्न श्रेणियों में प्रदेश के करीब 100 उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यकर्ताओं का सम्मान किया गया.

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राजस्थान उत्तराखंड सभा के महासचिव प्रहलाद सिंह अधिकारी ने बताया कि कार्यक्रम में पच्छयाण 2022 स्मारिका का विमोचन भी किया गया. इसके साथ ही युवा पीढ़ी को उनकी संस्कृति से बेहद करीब से रूबरू करवाया गया. कार्यक्रम में देश के अलग-अलग कोनों से आए ऐसे बिजनेस आइकन को सम्मानित किया गया जिन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई है. कार्यक्रम में उत्तराखंड से आए लोक गायकों व लोक कलाकारों ने संगीत व नृत्य के माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति को गुलाबी नगर में दर्शाया. कार्यक्रम में ईटीवी भारत के संवाददाता विनय पंत को भी बद्रीदत्त पांडे कलमकार सम्मान से सम्मानित किया गया.

उत्तराखंडी खान-पान, वेशभूषा और बोली से हुए रूबरू : पच्छयाण कार्यक्रम के कोर्डिनेटर आनंद पांडे ने बताया कि कार्यक्रम आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड से बाहर अन्य राज्यों में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को उनकी संस्कृति से रूबरू कराना है. कार्यक्रम में युवा पीढ़ी और विशेषकर बच्चों को उत्तराखंडी खान-पान व विभिन्न उत्तराखंडी व्यंजन की रेसिपी के बारे में बताया गया. इसके साथ ही उत्तराखंड में घरों के आंगन, चौखट व फर्श पर बनाए जाने वाले विशेष ऐपण के बारे में जानकारी देते हुए उसकी कार्यशाला आयोजित की गई. इसके साथ ही युवाओं को उत्तराखंड की भाषा से रूबरू कराते हुए भाषा से संबंधित कई प्रतियोगिताएं व कार्यक्रम आयोजित किए गए. कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी प्रतिभागी और कार्यक्रम देखने पहुंच रहे लोग भी उत्तराखंड की पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए.

Last Updated : Dec 25, 2022, 11:42 PM IST
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