जयपुर. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि, अटल बिहारी वाजपेई जब देश के प्रधानमंत्री थे उस वक्त एक टास्क फोर्स का गठन किया गया था. इस टास्क फोर्स का नेतृत्व सुरेश प्रभु कर रहे थे. टास्क फोर्स से यह अपेक्षा की गई थी की देश का 15 से 20 प्रतिशत का हिस्सा जहां सुखा पड़ता है और लगभग इतना ही हिस्सा ऐसा है जहां हर साल बाढ़ आती है इसका डेफिसिट बेसिन के आधार पर यह अध्यन होना चाहिए कि, किस तरह से सर्वपल्स का पानी ट्रांसफर किया जा सकता है. इसे लेकर कई तरह के अध्यन भी हुए थे, लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण अटल सरकार गिर गई और यह विषय ठंडे बस्ते में चला गया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जब फिर से 2014 में बीजेपी की मोदी सरकार फिर से सत्ता में आई तो इस बार नितिन गड़करी जी के नेतृत्व में इस पर काम शुरू किया गया है. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि, 31 लिंक अब तक चिंहित की जा चुकी हैं उसमें से 16 से लेकर 17 लिंक की डीपीआर बन चुकी है. शेखावत ने कहा कि, फिलहाल हम इस दिशा में पूरी तरह से काम कर रहे हैं और जल्द ही इसके परिणा में दिखने वाले हैं.
जोधपुर और जयपुर के हालातों पर क्या कहा?
इसके अलावा जोधपुर और जयपुर के हालतों पर बात करते हुए शेखवात ने कहा कि, निश्चित रूप से आज जो जोधपुर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या का ऑकड़ा है हम 900 से ज्यादा पार कर चुके हैं. हालत चिंता जनक हैं. लेकिन प्ररंभिक शुरुआत जोधपुर में भी एक निश्चित क्षेत्र जो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी का क्षेत्र है वहां से शुरु हुआ. शेखावत ने कहा कि, मैंने उस वक्त भी कहा था कि हमें राजनीति से उपर उठ कर सोचने की जरुरत हैं.
ये भी पढ़ें: गंगा की स्वच्छता के पीछे नमामि गंगा मिशन का बड़ा योगदानः शेखावत
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, मेरे हिसाब से उस वक्त लॉकडाउन को जिस लेवल पर इमपोज करना चाहिए था नहीं हुआ. इस मामले में हमसे जयपुर और जोधपुर दोनों में चूक हुई. इसका परिणाम यह हुआ कि, यह बीमारी यहां बहुत तेजी से बढ़ी और कोरोना के नंबर बढ़ते गए इसके बाद इन क्षेत्र से आप-पास भी ये नंबर बढ़ने लगे. लेकिन अब अगर में जोधपुर के परिपक्ष में पात करूं तो पिछले चार दिन से अब कोरोना के मामले घटकर 10 या 20 तक सीमट चुके हैं.