जयपुर. 1989 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी उमेश मिश्रा ने गुरुवार को राजस्थान के 35वें डीजीपी के तौर पर पदभार ग्रहण (Umesh Mishra took charge as new DGP) किया. उमेश मिश्रा को उनके गांधीनगर स्थित आवास से एस्कॉर्ट कर पुलिस मुख्यालय लाया गया. जहां पर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय के दूसरे तल पर स्थित डीजीपी कार्यालय में जाकर एमएल लाठर से मुलाकात की. लाठर ने मिश्रा को डीजीपी का चार्ज सौंपा. डीजीपी की कुर्सी पर बैठने के बाद उमेश मिश्रा ने दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए और पुलिस के अधिकारियों व कर्मचारियों से मुलाकात की.
बदमाशों को दी कड़े शब्दों में चुनौती: डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद उमेश मिश्रा ने कहा कि पुलिस मुख्यालय और सरकार की जो प्राथमिकता है, उस पर और भी बेहतर तरीके से काम किया जाएगा. प्रदेश में हर तरह के बदमाश चाहे वे संगठित अपराधों में लिप्त हों, माफिया हों या तस्कर, उन्हें किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा. इसके साथ ही मिश्रा ने कहा कि कमजोर वर्ग विशेषकर की महिला व बालिकाओं से जुड़े अपराधों पर उनका विशेष फोकस रहेगा. वह यह बात सुनिश्चित करेंगे कि अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलाई जा सके. इसके साथ ही मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में आर्थिक अपराध विशेषकर साइबर फ्रॉड और विभिन्न तरह के फाइनेंशियल फ्रॉड को लेकर वह नई रणनीति के तहत काम करेंगे.
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इसके साथ ही मिश्रा ने कहा कि पुलिसकर्मियों का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा और पुलिस वेलफेयर से जुड़े हुए कार्यों को भी प्राथमिकता दी जाएगी. साथ ही मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले लोगों पर नकेल कसी जाएगी और इंटेलिजेंस तंत्र को और मजबूत किया जाएगा ताकि बदमाशों के बारे में सटीक जानकारी मिल सके. आगामी साल में आने वाले चुनावों को मद्देनजर रखते हुए ऐसे तमाम अराजक तत्व जो माहौल खराब करने का काम करते हैं, उन्हें चिन्हित कर सख्त एक्शन लिया जाएगा.
ट्रांसफर पोस्टिंग में विधायक व सांसद की राय जानना जरूरी: मिश्रा से जब पूछा गया कि पुलिसकर्मियों की ट्रांसफर व पोस्टिंग में विधायक-सांसदों की अहम भूमिका रहती है, तो जवाब में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी राय रखने का अधिकार है. अपने क्षेत्र को लेकर जनप्रतिनिधि यदि राय रख रहा है, तो उसे जानना भी बेहद जरूरी है. हालांकि पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों की ट्रांसफर व पोस्टिंग का काम पुलिस मुख्यालय व सरकार के स्तर पर किया जाता है. डीजीपी का पदभार ग्रहण करने के बाद मिश्रा ने पुलिस मुख्यालय के अधिकारियों से मुलाकात की और मुख्यालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में एक बैठक भी आयोजित की गई.