जयपुर. राजस्थान में माध्यमिक शिक्षा बोर्ड इस बार दसवीं कक्षा की नई किताबों में राजस्थान का इतिहास और संस्कृति पढ़ाएगा. लेकिन स्कूल खुलने से पहले इस किताब के बाजार में आने के साथ ही विवाद खड़े हो गए थे. इस किताब में महाराणा उदय सिंह को बनवीर का हत्यारा बताया गया है. तो वहीं हल्दीघाटी के नामकरण को लेकर अजीबोगरीब तर्क लिखा गया है. इसके अलावा हकीम खान सूर के सामने मुगल सेना का नेतृत्वकर्ता जगन्नाथ कच्छावाहा को बताया गया, और बीते साल महाराणा प्रताप के हल्दीघाटी युद्ध में हार जाने और हारने के कारणों को पाठ्यक्रम में जोड़ा गया था.
ये सभी विवादित पाठ्यक्रम शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के कार्यकाल में रहा. अब डोटासरा को ही प्रदेश कांग्रेस की कमान सौंपी गई है जिस पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर लिखा है कि 'वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद सिंह डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बनाकर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है'.
-
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना कर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है!!#RajasthanPoliticalCrisis
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 14, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना कर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है!!#RajasthanPoliticalCrisis
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 14, 2020वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप के इतिहास को अपमानित करने वाले गोविंद डोटासरा को कांग्रेस ने अपना अध्यक्ष बना कर हर स्वाभिमानी राजस्थानी का तिरस्कार किया है!!#RajasthanPoliticalCrisis
— Gajendra Singh Shekhawat (@gssjodhpur) July 14, 2020
-
गजेंद्र जी, महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं ,आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 15, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
राजस्थान में आपकी पार्टी के मनसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई। https://t.co/RbHgqDkegZ
">गजेंद्र जी, महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं ,आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 15, 2020
राजस्थान में आपकी पार्टी के मनसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई। https://t.co/RbHgqDkegZगजेंद्र जी, महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं ,आपसे सर्टिफिकेट नहीं चाहिए।
— Govind Singh Dotasra (@GovindDotasra) July 15, 2020
राजस्थान में आपकी पार्टी के मनसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आये हैं। खिसयानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई। https://t.co/RbHgqDkegZ
डोटासरा ने लिखा है कि 'गजेंद्र जी महाराणा प्रताप की वीरता और शौर्य हम सब जानते और मानते हैं, आप से सर्टिफिकेट नहीं चाहिए, राजस्थान में आप की पार्टी के मंसूबे कामयाब नहीं हुए तो ओछी राजनीति पर उतर आए हैं, खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे वाली कहावत चरितार्थ हो गई।'
इन दो दिग्गजों के ट्वीट पर सैकड़ों रिट्वीट भी आने शुरू हो गए हैं. प्रताप के नाम पर एक बार फिर राजनीतिक रोटी सेकी जा रही हैं. हालांकि. पाठ्यक्रम में अभी भी विवादित तथ्यों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.