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Digital Arrest Case : पत्नी फंसी साइबर ठगी के जाल में, पति ने ऐसे तोड़ा 'चक्रव्यूह'

अलवर में एक इंजीनियर को साइबर ठगों ने 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. हालांकि उसके प​ति की समझदारी से ठगी होने से बच गई.

Engineer Digital Arrest in Alwar
इंजीनियर को 3 घंटे किया डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 26, 2024, 11:13 PM IST

Updated : Nov 27, 2024, 7:29 AM IST

अलवर: टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में युवा भागदौड़ से बचने के लिए टेक्नोलॉजी का आदि होने लगा है. यही कारण है कि कई बार युवाओं को खुद की चीज भी याद नहीं रहती. इस कारण वे दूसरों की कही बातों में आ जाते है. मंगलवार को अलवर में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई, जिसमें शहर के मनुमार्ग में रहने वाली एक युवा इंजीनियर को अपने क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाने की धमकी देकर 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया. हालांकि पति की सूझबूझ के चलते युवा इंजीनियर बड़ी ठगी से बच गई. युवा इंजीनियर आर्शी इस घटना से काफी डर गई और देर रात तक डर से उभर नहीं पाई.

साइबर ठगों ने इंजीनियर को किया डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat Alwar)

पीड़िता आर्शी शर्मा ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे उनके फोन पर अनजान नंबर से कॉल आया, जिसे रिसीव करने पर दूसरी तरफ से उन्होंने आरबीआई के अधिकारी होने की बात कही. इस पर विश्वास करते हुए आर्शी ने फोन पर बात जारी रखी. आर्शी ने बताया कि फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने हैदराबाद के एसबीआई बैंक से क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाया है, जिसमें 1.50 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, क्रेडिट कार्ड का उनकी ओर से भुगतान नहीं किया गया.

पढ़ें: Digital Arrest Case: फर्जी CBI अधिकारी ने बुजुर्ग दंपती से ठगे 1 करोड़ से अधिक रुपए

इस कारण उनके सभी बैंक अकाउंट को सीज किया जाएगा. भुगतान नहीं करने पर उनके खिलाफ हैदराबाद के थाने में मामला दर्ज हुआ है. इसकी गवाही के लिए उन्हें 2 घंटे में हैदराबाद थाने में पेश होना है. व्यक्ति की बात सुनते ही आर्शी घबरा गई और कहा कि वे राजस्थान में रहती हैं. उनका हैदराबाद से कोई लेना देना नहीं और न ही उन्होंने वहां से कोई क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाया है. इसके बाद आर्शी को यकीन दिलाने के लिए व्यक्ति ने फोन को कान्फ्रेस पर लेकर अलग-अलग जगहों पर बात कराई.

पढ़ें: ठगों के निशाने पर डॉक्टर्स! चिकित्सा अधिकारी को 24 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, पाकिस्तान से फंडिंग के नाम पर ठगे 9 लाख

आर्शी को घबराता हुआ देख साइबर ठगों ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और फिर वॉट्सएप के जरिए उन्हें वीडियो कॉल कर कमरे में कैद कर लिया. ठगों की ओर से आर्शी के कमरे की छानबीन की गई और इसके बारे में परिजनों को भी नहीं बताने को कहा. इसके बाद ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का प्रोसेस शुरू किया. वीडियो कॉल के जरिए उनके बयान लेने के नाम पर उनकी निजी जानकारी ली गई. जब तक आर्शी कुछ समझ पाती, तब तक उन्होंने उनका आधार, सैलरी व परिवार सहित अन्य चीजों की जानकारी ले ली.

पढ़ें: साइबर ठगों का नया पैंतरा डिजिटल अरेस्ट, थोड़ी सी सावधानी बचा सकती है आपकी गाढ़ी कमाई - Cyber Fraud

आर्शी ने बताया कि वीडियो कॉल पर जो व्यक्ति बात कर रहा था, वह पूरी तरह से इंग्लिश में बात कर रहा था व देखने में पुलिस अधिकारी लग रहा था. उनके पीछे भारत का झंडा व पुलिस थाने का सेट था. जिस से उन्हें लगा ही नहीं कि यह किसी तरीके का ट्रैप है. इस घटना में साइबर ठगों ने आर्शी को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. आर्शी ने कहा कि इस दौरान उन्हें बहुत ज्यादा हैरेस किया गया.

उन्होंने साइबर ठगों से कहा कि उनके परिजन भी पुलिस में है. वह इस मामले की जानकारी लेती हैं, तब ठगों ने गुस्से में बात कर उन्हें चुप करा दिया. आर्शी ने बताया कि उन्होंने दूसरे नंबर से अपने पति को कॉल किया, जब वे आए तो ठगों ने उन्हें भी अपनी बातों में फंसा लिया. फलित ने बताया कि अपनी पत्नी की भय के चलते तबीयत बिगड़ती देख उन्होंने फोन काट दिया. जिससे बड़ी साइबर ठगी होने से बच गई. बाद में घटना की सूचना उन्होंने साइबर थाने में दी, हालांकि अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.

सीबीआई व ईडी अधिकारी बनकर डराया: साइबर ठगों ने हैदराबाद पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी व ईडी अधिकारियों बनकर फोन पर अलग-अलग लोगों से बात करवाई और उसके बाद वीडियो कॉल पर आर्शी को गवाही देने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने पीड़िता को अरेस्ट वारंट भेजा और अन्य दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर भेजे. साइबर ठग उनको उनके बेटे व पति को जान से मारने की धमकी दे रहे थे. साथ ही कई बड़े मामलों में लिप्त होने व आतंकी संगठनों से पैसे का लेनदेन का नाम लेकर उसमें फंसाने की भी बात कह रहे थे.

अलवर: टेक्नोलॉजी के बढ़ते दौर में युवा भागदौड़ से बचने के लिए टेक्नोलॉजी का आदि होने लगा है. यही कारण है कि कई बार युवाओं को खुद की चीज भी याद नहीं रहती. इस कारण वे दूसरों की कही बातों में आ जाते है. मंगलवार को अलवर में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई, जिसमें शहर के मनुमार्ग में रहने वाली एक युवा इंजीनियर को अपने क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाने की धमकी देकर 3 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा गया. हालांकि पति की सूझबूझ के चलते युवा इंजीनियर बड़ी ठगी से बच गई. युवा इंजीनियर आर्शी इस घटना से काफी डर गई और देर रात तक डर से उभर नहीं पाई.

साइबर ठगों ने इंजीनियर को किया डिजिटल अरेस्ट (ETV Bharat Alwar)

पीड़िता आर्शी शर्मा ने बताया कि मंगलवार दोपहर करीब 1 बजे उनके फोन पर अनजान नंबर से कॉल आया, जिसे रिसीव करने पर दूसरी तरफ से उन्होंने आरबीआई के अधिकारी होने की बात कही. इस पर विश्वास करते हुए आर्शी ने फोन पर बात जारी रखी. आर्शी ने बताया कि फोन पर बात कर रहे व्यक्ति ने कहा कि उन्होंने हैदराबाद के एसबीआई बैंक से क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाया है, जिसमें 1.50 लाख रुपए का ट्रांजेक्शन हुआ है, क्रेडिट कार्ड का उनकी ओर से भुगतान नहीं किया गया.

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इस कारण उनके सभी बैंक अकाउंट को सीज किया जाएगा. भुगतान नहीं करने पर उनके खिलाफ हैदराबाद के थाने में मामला दर्ज हुआ है. इसकी गवाही के लिए उन्हें 2 घंटे में हैदराबाद थाने में पेश होना है. व्यक्ति की बात सुनते ही आर्शी घबरा गई और कहा कि वे राजस्थान में रहती हैं. उनका हैदराबाद से कोई लेना देना नहीं और न ही उन्होंने वहां से कोई क्रेडिट कार्ड इश्यू करवाया है. इसके बाद आर्शी को यकीन दिलाने के लिए व्यक्ति ने फोन को कान्फ्रेस पर लेकर अलग-अलग जगहों पर बात कराई.

पढ़ें: ठगों के निशाने पर डॉक्टर्स! चिकित्सा अधिकारी को 24 घंटे रखा डिजिटल अरेस्ट, पाकिस्तान से फंडिंग के नाम पर ठगे 9 लाख

आर्शी को घबराता हुआ देख साइबर ठगों ने उन्हें अपने जाल में फंसा लिया और फिर वॉट्सएप के जरिए उन्हें वीडियो कॉल कर कमरे में कैद कर लिया. ठगों की ओर से आर्शी के कमरे की छानबीन की गई और इसके बारे में परिजनों को भी नहीं बताने को कहा. इसके बाद ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का प्रोसेस शुरू किया. वीडियो कॉल के जरिए उनके बयान लेने के नाम पर उनकी निजी जानकारी ली गई. जब तक आर्शी कुछ समझ पाती, तब तक उन्होंने उनका आधार, सैलरी व परिवार सहित अन्य चीजों की जानकारी ले ली.

पढ़ें: साइबर ठगों का नया पैंतरा डिजिटल अरेस्ट, थोड़ी सी सावधानी बचा सकती है आपकी गाढ़ी कमाई - Cyber Fraud

आर्शी ने बताया कि वीडियो कॉल पर जो व्यक्ति बात कर रहा था, वह पूरी तरह से इंग्लिश में बात कर रहा था व देखने में पुलिस अधिकारी लग रहा था. उनके पीछे भारत का झंडा व पुलिस थाने का सेट था. जिस से उन्हें लगा ही नहीं कि यह किसी तरीके का ट्रैप है. इस घटना में साइबर ठगों ने आर्शी को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट रखा. आर्शी ने कहा कि इस दौरान उन्हें बहुत ज्यादा हैरेस किया गया.

उन्होंने साइबर ठगों से कहा कि उनके परिजन भी पुलिस में है. वह इस मामले की जानकारी लेती हैं, तब ठगों ने गुस्से में बात कर उन्हें चुप करा दिया. आर्शी ने बताया कि उन्होंने दूसरे नंबर से अपने पति को कॉल किया, जब वे आए तो ठगों ने उन्हें भी अपनी बातों में फंसा लिया. फलित ने बताया कि अपनी पत्नी की भय के चलते तबीयत बिगड़ती देख उन्होंने फोन काट दिया. जिससे बड़ी साइबर ठगी होने से बच गई. बाद में घटना की सूचना उन्होंने साइबर थाने में दी, हालांकि अब तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.

सीबीआई व ईडी अधिकारी बनकर डराया: साइबर ठगों ने हैदराबाद पुलिस अधिकारी, सीबीआई अधिकारी व ईडी अधिकारियों बनकर फोन पर अलग-अलग लोगों से बात करवाई और उसके बाद वीडियो कॉल पर आर्शी को गवाही देने के लिए कहा. इस दौरान उन्होंने पीड़िता को अरेस्ट वारंट भेजा और अन्य दस्तावेज भी सोशल मीडिया पर भेजे. साइबर ठग उनको उनके बेटे व पति को जान से मारने की धमकी दे रहे थे. साथ ही कई बड़े मामलों में लिप्त होने व आतंकी संगठनों से पैसे का लेनदेन का नाम लेकर उसमें फंसाने की भी बात कह रहे थे.

Last Updated : Nov 27, 2024, 7:29 AM IST
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