उदयपुर : पूर्व मेवाड़ राज परिवार के सदस्यों के बीच उत्पन्न हुए विवाद के बाद मंगलवार शाम को लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ मीडिया के सामने आए. मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि "उदयपुर में जिस तरह की स्थिति देख रहे हैं, वह दुखद और अप्रिय है. यह हम सभी को आहत और विचलित करने वाली है. हम नहीं चाहते कि ऐसी परिस्थितियां पैदा हों, हमारा ऐसा कोई उद्देश्य नहीं है." लक्ष्यराज सिंह ने कहा कि एक घमंड और अहंकार के कारण उदयपुर का नाम खराब हो रहा है और बाहर से आने वाले लोग परेशान हो रहे हैं.
इशारों-इशारों में किया हमला : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि "सड़कों पर आकर समस्याओं का समाधान निकालना कोई तरीका नहीं है. हम इस तरह की सोच का समर्थन नहीं करते और इसे जायज नहीं मानते."उन्होंने आगे कहा कि "कई बार जज्बातों के साथ चीजें नहीं होतीं. अफवाह उड़ाकर और लोगों को गुमराह करके शक्ति प्रदर्शन का माहौल बनाना ठीक नहीं है."उन्होंने यह भी कहा कि "देश में कानून व्यवस्था है, लेकिन क्या उदयपुर में यह व्यवस्था सही तरीके से काम कर रही है ? हमारे साथ जो घटनाक्रम हुआ, वह बहुत चिंताजनक है. इतनी पुलिस व्यवस्था के बावजूद इस प्रकार की घटना कैसे घटी, इसे लेकर मेरा पुलिस और प्रशासन से सवाल है."
प्रशासन और कानून पर उठाए सवाल : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने इशारों-इशारों में विश्वराज पर सवाल उठाते हुए कहा कि "जो लोग सरकारी पदों पर हैं, क्या कानून सिर्फ उनके लिए काम करेगा ?. जिस प्रकार से मेरे ऊपर दबाव डाला जा रहा है और गैरकानूनी काम करने के लिए कहा जा रहा है, क्या हमें इस दहशत में जीने की आवश्यकता है ?" उन्होंने कहा कि "हम अपने घरों में बैठकर कानूनी तरीके से अपनी बात रख सकते हैं. अगर किसी को कोई आपत्ति हो, तो वह कानून के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है."
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पुलिस और प्रशासन की आलोचना : लक्ष्यराज ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि "जैसे पूरे घटनाक्रम में पुलिस ने लापरवाही दिखाई, यह बहुत ही निंदनीय और दुखद स्थिति थी. यह मुझे 1984 की घटना की याद दिलाता है. उस समय भी कुछ इसी तरह की व्यवस्था बनाई गई थी और अब फिर से ऐसी स्थिति पैदा करने की कोशिश की जा रही है."उन्होंने कहा कि "कुछ लोग सरकारी पदों पर बैठकर अपने निजी फायदे के लिए कानून को दरकिनार करके अपनी बात मनवाना चाहते हैं, लेकिन यह बिल्कुल गलत है."
पहले ही प्रशासन को किया था सूचित : लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि "हमने पहले ही प्रशासन को इस प्रकार की स्थिति के बारे में सूचित किया था. इसके बावजूद 144 धारा क्यों नहीं लागू की गई ? लोगों को गुमराह करके किसी पूजा के माध्यम से स्थिति को हल करना ठीक नहीं है."उन्होंने कहा कि "गुंडागर्दी से यह सब नहीं किया जा सकता."लक्ष्यराज ने यह भी याद दिलाया कि उनके पिता और बहनों ने 40 साल पहले ऐसी ही स्थिति का सामना किया था. उन्होंने कहा कि "वह लोग भी मरते-मरते बचे थे. ऐसे ही हालात उस समय बनाए गए थे, अब फिर से गलत मंशाओं के साथ प्रवेश करने की कोशिश की जा रही है."