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'स्टैचू ऑफ यूनिटी की तर्ज पर यहां स्टैचू ऑफ इंडिपेंडेंस स्थापित किया जा सकता है' : राज्यपाल बागडे - MAHARANA PRATAP MEMORIAL COMMITTEE

महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल हरिभाऊ बागडे शामिल हुए.

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे
राज्यपाल हरिभाऊ बागडे (ETV Bharat Salmubar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 9, 2025, 8:50 AM IST

सलूम्बर : राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की आजादी के लिए राजपाट और महलों का वैभव त्याग कर जंगलों में रहना स्वीकार किया. वे भारत के आजादी आंदोलन के महानायक के रूप में हमारे प्रेरणा स्रोत हैं. राज्यपाल शनिवार को सलूंबर जिले में स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्य स्थल बंडोली (चावंड) में महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से महाराणा प्रताप की 428वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.

कार्यालय में स्थापित करवाई है प्रतिमा : उन्होंने कहा कि 'मेरे कार्यालय में भी मैंने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करवाई है. इससे हमें अनवरत प्रेरणा मिलती रहेगी. मेवाड़ के महाराणा प्रताप और महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र की आराधना में समर्पित किया है, ऐसे महानायकों को मैं कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं.'

पढ़ें. राज्यपाल हरिभाऊ बागडे बोले-राष्ट्र कोई भूभाग नहीं, संस्कृति और सनातन मूल्य से जुड़ा विचार

विकसित किया जा सकता है यह स्थान : उन्होंने कहा कि 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की तर्ज पर यहां भी स्टैचू ऑफ इंडिपेंडेंस स्थापित किया जा सकता है. इससे इस स्थान पर पर्यटक भी आकर्षित होंगे और महाराणा के जीवन से प्रेरणा ले पाएंगे. राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध होकर संघर्ष करने वाले, अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरित करने वाला यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है.

राजस्थान है शूरवीरों की धरती : उन्होंने मोहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान शूरवीरों की धरती है. यहां कई पराक्रमी योद्धाओं ने जन्म लिया है. आज महाराणा की इस पुण्य धरा पर आने से मैं धन्य हुआ हूं. उन्होंने भारतीय संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि ऐतिहासिक कालखंड में संस्कृती को डूबाने के कई प्रयास हुए फिर भी यह अटूट रही इसका कारण महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा ही हैं.

पढे़ं. राज्यपाल ने राजस्थान पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के निर्माण कार्यों का शिलान्यास किया

छतरी पर अर्पित किए श्रद्धासुमन : इससे पूर्व राज्यपाल ने बांडोली स्थित महाराणा प्रताप की छतरी पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में सलूंबर विधायक शांता देवी, समाजसेवी तख्तसिंह शक्तावत, नरेन्द्र मीणा समेत स्मारक समिति के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

अपने मित्र से मिलने सगतड़ा गांव पहुंचे राज्यपाल : महाराणा प्रताप समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे सगतड़ा गांव पहुंचे. यहां करीब 40 वर्ष पुराने मित्रों से आत्मीय मुलाकात की. साथ ही पुरानी यादें ताजा करते हुए नरेंद्र जोशी के साथ बातचीत की व कुशलक्षेम पूछी. इससे पूर्व राज्यपाल के पहुंचने पर हेमराज जोशी के घर पर मेवाड़ी रिवाज में तिलक लगाकर स्वागत किया. उन्होंने अपने पुराने मित्र स्व.भगवान जोशी के पुत्र मोहन जोशी व हरिराम जोशी से मुलाकात की और हालचाल लिया.

सलूम्बर : राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने कहा कि महाराणा प्रताप ने मातृभूमि की आजादी के लिए राजपाट और महलों का वैभव त्याग कर जंगलों में रहना स्वीकार किया. वे भारत के आजादी आंदोलन के महानायक के रूप में हमारे प्रेरणा स्रोत हैं. राज्यपाल शनिवार को सलूंबर जिले में स्थित वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की पुण्य स्थल बंडोली (चावंड) में महाराणा प्रताप स्मारक समिति की ओर से महाराणा प्रताप की 428वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे.

कार्यालय में स्थापित करवाई है प्रतिमा : उन्होंने कहा कि 'मेरे कार्यालय में भी मैंने महाराणा प्रताप और छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करवाई है. इससे हमें अनवरत प्रेरणा मिलती रहेगी. मेवाड़ के महाराणा प्रताप और महाराष्ट्र के शिवाजी महाराज ने अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र की आराधना में समर्पित किया है, ऐसे महानायकों को मैं कोटि-कोटि प्रणाम करता हूं.'

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विकसित किया जा सकता है यह स्थान : उन्होंने कहा कि 'स्टैचू ऑफ यूनिटी' की तर्ज पर यहां भी स्टैचू ऑफ इंडिपेंडेंस स्थापित किया जा सकता है. इससे इस स्थान पर पर्यटक भी आकर्षित होंगे और महाराणा के जीवन से प्रेरणा ले पाएंगे. राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध होकर संघर्ष करने वाले, अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले महाराणा प्रताप के जीवन से प्रेरित करने वाला यह स्थान पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है.

राजस्थान है शूरवीरों की धरती : उन्होंने मोहम्मद गोरी और पृथ्वीराज चौहान के बीच हुए घटनाक्रम का जिक्र करते हुए कहा कि राजस्थान शूरवीरों की धरती है. यहां कई पराक्रमी योद्धाओं ने जन्म लिया है. आज महाराणा की इस पुण्य धरा पर आने से मैं धन्य हुआ हूं. उन्होंने भारतीय संस्कृति का बखान करते हुए कहा कि ऐतिहासिक कालखंड में संस्कृती को डूबाने के कई प्रयास हुए फिर भी यह अटूट रही इसका कारण महाराणा प्रताप जैसे वीर योद्धा ही हैं.

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छतरी पर अर्पित किए श्रद्धासुमन : इससे पूर्व राज्यपाल ने बांडोली स्थित महाराणा प्रताप की छतरी पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किया. इस अवसर पर कार्यक्रम में सलूंबर विधायक शांता देवी, समाजसेवी तख्तसिंह शक्तावत, नरेन्द्र मीणा समेत स्मारक समिति के पदाधिकारी, गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे.

अपने मित्र से मिलने सगतड़ा गांव पहुंचे राज्यपाल : महाराणा प्रताप समाधि स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर राज्यपाल हरिभाऊ बागडे सगतड़ा गांव पहुंचे. यहां करीब 40 वर्ष पुराने मित्रों से आत्मीय मुलाकात की. साथ ही पुरानी यादें ताजा करते हुए नरेंद्र जोशी के साथ बातचीत की व कुशलक्षेम पूछी. इससे पूर्व राज्यपाल के पहुंचने पर हेमराज जोशी के घर पर मेवाड़ी रिवाज में तिलक लगाकर स्वागत किया. उन्होंने अपने पुराने मित्र स्व.भगवान जोशी के पुत्र मोहन जोशी व हरिराम जोशी से मुलाकात की और हालचाल लिया.

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