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कोटपूतली में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित

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Published : Dec 30, 2020, 9:55 AM IST

जयपुर जिले में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें स्वास्थ्य समस्या की रोकथाम और इसका निवारण कैसे की जाए इन सभी पहलूओं पर जानकारी डांक्टरोंं के माध्यम से दी गई.

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जयपुर में फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन

कोटपूतली (जयपुर). कोटपुतली में राजकीय सरदार जनाना अस्पताल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग खण्ड कोटपूतली द्वारा फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया. इस दौरान बीसीएमओ डॉ. रामनिवास यादव ने बताया कि राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विभाग की जिला स्तरीय टीम द्वारा चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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इसी क्रम में खण्ड के अधीन संचालित सीएचसी एवं पीएचसी पर कार्यरत चिकित्साकर्मियों को फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए अधिकारी डॉ. रतन सिंह द्वारा फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण, रोकथाम, बचाव के उपाय एवं ईलाज की विधियां बताई गई. इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि एक पीपीएम से अधिक मात्रा में पानी में खाद्य पदार्थो में फ्लोराइड की मात्रा शरीर में जाने से यह रोग हो सकता है. जिससे वृद्धावस्था के लक्षण प्रकट हो जाते है.

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जैसे-शरीर में कूबड़ होना, घुटनों में दर्द, दांत पीले होना एवं अन्य कई प्रकार के मानसिक अवसाद नपुसंकता, शारीरिक कमजोरी, बार-बार प्यास लगना एवं बार-बार पेशाब आना आदि है. डॉ. सिंह ने कहा कि कम्युनिटी में हेल्थ एज्युकेशन, बिहेवियर चेंज करके खानपान में परिवर्तन कर नियंत्रण करने की विधियों का उपयोग करते हुए वर्षा जल एवं विटामिन सी युक्त भोज्य पदार्थ एवं दूध, दही का अधिक सेवन से बचाव हो सकता है और विटामिन बी और सी एंटीऑक्सीडेंट सप्लीमेंट्री फूड के रूप में उपयोग से इस बीमारी से बचा जा सकता है. कार्यशाला का संचालन बीपीएम विजय तिवाड़ी ने किया.

कोटपूतली (जयपुर). कोटपुतली में राजकीय सरदार जनाना अस्पताल में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग खण्ड कोटपूतली द्वारा फ्लोरोसिस नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन मंगलवार को किया गया. इस दौरान बीसीएमओ डॉ. रामनिवास यादव ने बताया कि राष्ट्रीय फ्लोरोसिस रोकथाम एवं नियंत्रण कार्यक्रम के तहत विभाग की जिला स्तरीय टीम द्वारा चिकित्साकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है.

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इसी क्रम में खण्ड के अधीन संचालित सीएचसी एवं पीएचसी पर कार्यरत चिकित्साकर्मियों को फ्लोरोसिस नियंत्रण के लिए अधिकारी डॉ. रतन सिंह द्वारा फ्लोरोसिस बीमारी के लक्षण, रोकथाम, बचाव के उपाय एवं ईलाज की विधियां बताई गई. इसके साथ ही उन्होंने प्रशिक्षणार्थियों को बताया कि एक पीपीएम से अधिक मात्रा में पानी में खाद्य पदार्थो में फ्लोराइड की मात्रा शरीर में जाने से यह रोग हो सकता है. जिससे वृद्धावस्था के लक्षण प्रकट हो जाते है.

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