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पद्मश्री संत नारायणदास महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर शाहपुरा विरोध-प्रदर्शन - नारायणदास महाराज टिप्पणी विरोध

शनिवार को जयपुर के शाहपुरा में ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए प्रोफेसर की ओर से की गई अशोभनीय टिप्पणी को लेकर नाराज़ अनुयायियों और ग्रामीणों ने बाजार बंद रखा. साथ ही विरोध रैली निकालते हुए प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की.

शाहपुरा शहर विरोध, shahpura city opposition
शाहपुरा शहर विरोध
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Published : Dec 28, 2019, 5:26 PM IST

जयपुर (शाहपुरा). ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए प्रोफेसर की ओर से की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद जयपर में उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. टिप्पणी से नाराज़ अनुयायियों और ग्रामीणों ने शाहपुरा शहर के बाजार बंद रखकर, विरोध जताया और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इस दौरान विरोध रैली निकालकर प्रोफेसर का पुतला भी जलाया गया.

संत नारायणदास महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर विरोध-प्रदर्शन

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने त्रिवेणीधाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी की थी. साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में भी महाराज की फोटो हटा दी गई थी. महाराज के अनुयायियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उनमें रोष व्याप्त हो गया. जिसके बाद अनुयायियों ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वहीं मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में भारी रोष है. शाहपुरा शहर के लोगों और व्यापारियों ने बाजार बंद रखकर अपना विरोध जताया. इस दौरान शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए विरोध रैली निकाली गई. रैली में अनुयायी प्रोफेसर के खिलाफ नारे लगाते चल रहे थे. इसके बाद शहर के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला जलाया गया. साथ ही सभा को वक्ताओं ने संबोधित किया.

पढ़ें: जयपुर में दो नगर निगम को लेकर मांगी गई आपत्तियों में से 115 खारिज

ग्रामीणों ने बताया कि शीघ्र ही प्रोफेसर को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई नहीं कि गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. गौरतलब है कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज ने आध्यात्मिक, सामाजिक, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई अनुकरणीय कार्य किए थे. संस्कृत यूनिवर्सिटी के निर्माण में महाराज श्री का अहम योगदान रहा है.

जयपुर (शाहपुरा). ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए प्रोफेसर की ओर से की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद जयपर में उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है. टिप्पणी से नाराज़ अनुयायियों और ग्रामीणों ने शाहपुरा शहर के बाजार बंद रखकर, विरोध जताया और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की. इस दौरान विरोध रैली निकालकर प्रोफेसर का पुतला भी जलाया गया.

संत नारायणदास महाराज पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर विरोध-प्रदर्शन

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर ने त्रिवेणीधाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी की थी. साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में भी महाराज की फोटो हटा दी गई थी. महाराज के अनुयायियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उनमें रोष व्याप्त हो गया. जिसके बाद अनुयायियों ने प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

वहीं मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में भारी रोष है. शाहपुरा शहर के लोगों और व्यापारियों ने बाजार बंद रखकर अपना विरोध जताया. इस दौरान शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए विरोध रैली निकाली गई. रैली में अनुयायी प्रोफेसर के खिलाफ नारे लगाते चल रहे थे. इसके बाद शहर के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला जलाया गया. साथ ही सभा को वक्ताओं ने संबोधित किया.

पढ़ें: जयपुर में दो नगर निगम को लेकर मांगी गई आपत्तियों में से 115 खारिज

ग्रामीणों ने बताया कि शीघ्र ही प्रोफेसर को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई नहीं कि गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा. गौरतलब है कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज ने आध्यात्मिक, सामाजिक, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई अनुकरणीय कार्य किए थे. संस्कृत यूनिवर्सिटी के निर्माण में महाराज श्री का अहम योगदान रहा है.

Intro: ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए प्रोफेसर द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिप्पणी से नाराज़ अनुयायियों और ग्रामीणों ने शाहपुरा शहर के बाजार बंद रखकर विरोध जताया और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस दौरान विरोध रैली निकालकर प्रोफेसर का पुतला भी जलाया।Body:ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए प्रोफेसर द्वारा की गई अशोभनीय टिप्पणी के बाद उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। टिप्पणी से नाराज़ अनुयायियों और ग्रामीणों ने शनिवार को शाहपुरा शहर के बाजार बंद रखकर विरोध जताया और प्रोफेसर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। इस दौरान विरोध रैली निकालकर प्रोफेसर का पुतला भी जलाया। जानकारी के अनुसार गत दिनों जगद्गुरु रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर द्वारा त्रिवेणीधाम के ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज के लिए अशोभनीय टिप्पणी की गई थी। साथ ही यूनिवर्सिटी की ओर से प्रकाशित पुस्तिका में से भी महाराज श्री की फोटो हटा दी गई थी। महाराज श्री के अनुयायियों को जब इसकी जानकारी मिली तो उनमें रोष व्याप्त हो गया। अनुयायियों द्वारा प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाने लगी। मामले में अभी तक ठोस कार्रवाई नहीं होने से ग्रामीणों में भारी रोष है। शाहपुरा शहर के लोगों और व्यापारियों से बाजार बंद रखकर अपना विरोध जताया। इस दौरान शहर के मुख्य मार्गो से होते हुए विरोध रैली निकाली गई। रैली में अनुयायी प्रोफेसर के खिलाफ नारे लगाते चल रहे थे। इसके बाद शहर के पीपली तिराहे पर प्रोफेसर का पुतला जलाया गया तथा सभा को वक्ताओं ने सबोधित किया। ग्रामीणों ने बताया कि शीघ्र ही प्रोफेसर को गिरफ्तार कर सख्त कार्रवाई नहीं कि गई तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा। गौरतलब है कि ब्रह्मलीन संत नारायणदास महाराज आध्यात्मिक, सामाजिक, शिक्षा और चिकित्सा के क्षेत्र में कई अनुकरणीय कार्य किए थे। संस्कृत यूनिवर्सिटी के निर्माण में महाराज श्री का अहम योगदान रहा है।
बाईट-
1-राजेन्द्र पलसानिया, पूर्व पार्षद
2-विनोद कुमार, व्यापारीConclusion:
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