जयपुर. 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज के 5वीं और अंतिम किश्त में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने रविवार को 7 कदम उठाने का ऐलान किया है. सरकार ने मनरेगा, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधा और शिक्षा सुविधा, कोविड-19 से प्रभावित होने वाले कारोबार, सहित अन्य सेक्टरों को राहत दी है, लेकिन इस अंतिम किश्त में भी पर्याटन कारोबार को जगह नहीं मिली.
केंद्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज का ऐलान किया गया है. रविवार को इसकी 5वीं और अंतिम किश्त पर वित्तमंत्री सीतारमण ने विस्तार से बताया. राजस्थान के कारोबारियों को क्या कुछ सरकार से उम्मीदें थीं, और क्या कुछ मिलना चाहिए था जिससे वो अपने कारोबार को जिंदा रख सके बता रहे हैं पर्यटन कारोबारी संजय कौशिक.
राजस्थान के कुल राजस्व में प्रदेश के पर्यटन और होटल उद्योग का अच्छा-खासा हिस्सा होता है. कोरोना संकट के बीच पर्यटन कारोबार और होटल उद्योग के सामने क्या चुनौतियां हैं. अब इन चुनौतियों से कैसे निपटा जाएगा इसको लेकर भी कौशिक ने विस्तार से चर्चा की.
कोरोना वायरस के चलते राजस्थान में पहले ही 30 हजार से ज्यादा बुकिंग कैंसिल हो चुकी हैं, पैलेस ऑन व्हील्स जैसी ट्रेन जिससे अच्छा खासा राजस्व मिलता था बंद है. वहीं पर्यटन और होटल इंडस्ट्री के कारोबार में प्रत्यक्ष रूप से जितने लोगों को रोजगार मिल रहा है, उसके करीब चार गुना लोग अप्रत्यक्ष रूप से इससे जीवन यापन कर रहे हैं, ऐसे में इन लोगों के उन्होंने आर्थिक मदद और कुछ सहूलियत देने की मांग की है.
पैकेज की अंतिम किश्त में इन क्षेत्रों पर फोकस:
- स्वास्थ्य और व्यापार पर फोकस किया जाएगा
- ऑनलाइन शिक्षा पर जोर
- मनरेगा को अतिरिक्त फंड
- व्यापार को सरल बनाया जाएगा
- नई सार्वजनिक नीति बनाई जाएगी
- राज्यों को अतिरिक्त सहायता देने का एलान
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने गत 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की थी. बता दें कि गत 25 मार्च से जारी देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देश आर्थिक संकट से गुजर रहा है. काम-धंधा बंद होने के कारण कई उद्योगों पर मार पड़ी है.