जयपुर. शहर की राह आसान हो, लोगों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें, इसके लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न प्रोजेक्ट्स लाती रहती है. इन सभी प्रोजेक्ट्स में कुछ चुनौतियां भी होती हैं. जिन पर पार पाने का प्रयास किया जाता है. कुछ प्रोजेक्ट एक ही सरकार के कार्यकाल में पूरे हो जाते हैं. तो कुछ को दूसरी सरकार को संभालना पड़ता है. यही हालात इस वक्त राजधानी के कई बड़े प्रोजेक्ट का है. जो बीजेपी सरकार के समय शुरू तो हुए, लेकिन अब तक पूरे नहीं हो सके हैं. इनमें द्रव्यवती नदी, रिंग रोड, एलिवेटेड रोड, मेट्रो फेज वन बी पार्ट और स्मार्ट रोड जैसे काम अभी तक अपने अंतिम स्वरूप के लिए तरस रहे हैं.
द्रव्यवती नदी प्रोजेक्ट -
शहर के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल द्रव्यवती नदी का काम 11 अप्रैल 2016 को शुरू हुआ था. जिसकी लागत 1 हजार 676 करोड़ बताई जाती है. 47 किलोमीटर बनने वाली इस द्रव्यवती नदी के काम की धीमी गति का खामियाजा बारिश में शहरवासियों को भुगतना पड़ सकता है. काम तय समय पर पूरा होता, तो इस बारिश में परेशान होने की नौबत नहीं आती. जेडीए अधिकारियों के अनुसार 90 फीसदी काम पूरा हो चुका है, शेष काम जल्द पूरा हो जाएगा.
रिंग रोड प्रोजेक्ट -
18 जनवरी 2018 को रिंग रोड प्रोजेक्ट का काम शुरू हुआ था. 47 किलोमीटर लंबाई वाली रोड का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है. हालांकि दावा किया गया था कि 21 महीने में रिंग रोड का काम पूरा हो जाएगा. लेकिन अभी जयपुर को 18 महीने का और इंतजार करना पड़ेगा। 810 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट का स्वरूप क्लोवर लीफ नहीं बनने के चलते बिगड़ा हुआ है. वहीं रेलवे की ओर से आरओबी की परमिशन नहीं मिलने के चलते काम फिलहाल अटका पड़ा है.
एलिवेटेड रोड प्रोजेक्ट -
जुलाई 2017 में सोडाला के ट्रैफिक को डायवर्ट करने के लिए, हवा सड़क से अंबेडकर सर्किल तक एलिवेटेड रोड बनाने का काम शुरू किया गया था. 250 करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट में अभी करीब 1 साल का समय और लगेगा. फिलहाल पिलर और पिलर कैप काम पूरा हो चुका है. और अब लॉन्चर रखे जा रहे हैं.
मेट्रो ट्रेन फेस वन बी पार्ट -
मेट्रो ट्रेन का ये प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार अपने पिछले कार्यकाल में लेकर आई थी. तब मानसरोवर से चांदपोल तक फेस वन ए पार्ट का काम पूरा कर लिया गया था. इसके बाद अक्टूबर 2016 को फेस वन बी पार्ट यानी परकोटा क्षेत्र में भूमिगत मेट्रो का काम शुरू हुआ. 1 हजार 126 करोड़ लागत वाले इस प्रोजेक्ट की धीमी रफ्तार के कारण इसकी डेडलाइन लगातार बदलती जा रही है. अब अक्टूबर 2019 में इसके काम को पूरा होने का दावा किया जा रहा है.
स्मार्ट सिटी स्मार्ट रोड प्रोजेक्ट -
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत 1 जून 2017 को स्मार्ट रोड का काम किशनपोल बाजार से शुरू किया गया. 192 करोड़ की लागत से शहर की 9 रोड को स्मार्ट बनाने का काम किया जाना है. लेकिन अब तक किशनपोल बाजार का काम ही 90 फ़ीसदी पूरा गो सका है. जबकि चांदपोल बाजार में 30 प्रतिशत काम हुआ है. लेकिन बाकी सात रोड को अब तक टच भी नहीं किया गया.
इन तमाम प्रोजेक्ट्स के काम पर यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल लगातार निगाहें बनाए हुए हैं. उन्होंने सभी प्रोजेक्ट्स को समय रहते पूरा करने का दावा तो किया, साथ ही पिछली सरकार पर सवाल भी खड़े किए. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने आधे अधूरे प्रोजेक्ट्स का उद्घाटन कर दिया. वो काम शुरू करने और प्रचार करने में इंटरेस्टेड रहती है. 2008 में भी इसी तरह कई अधूरे प्रोजेक्ट कांग्रेस सरकार को पूरे करने पड़े थे.
बहरहाल, इन सभी प्रोजेक्ट को लेकर कांग्रेस सरकार संजीदा नजर आ रही है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत विधानसभा सत्र से पहले इन सभी प्रोजेक्ट्स को लेकर रिव्यू मीटिंग भी कर रहे हैं. ऐसे में अब राज्य सरकार से शहरवासियों की उम्मीद भी बंधी है.