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जयपर: नोन वेंडिंग जोन में थड़ी और ठेलों की भरमार, प्रशासन मौन

जयपुर में नॉन वेंडिंग जोन में अतिक्रमण को लेकर यातायात विभाग और निगम प्रशासन उदासीन है. वहीं लोगों को आए दिन जाम में फंसकर अपना समय नष्ट करना पड़ता है.

जयपर के नो वेंडिंग जोन को थड़ी और ठेले की भरमार
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Published : Jun 7, 2019, 10:51 PM IST

Updated : Jun 8, 2019, 9:11 AM IST

जयपुर. राजधानी में नोन वेंडिंग जोन में स्थाई अतिक्रमण आम हो चुका है. जिसके चलते यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं नगर निगम और ट्रैफिक विभाग समस्या को लेकर उदासीन बना हुआ है.

जयपर के नो वेंडिंग जोन को थड़ी और ठेले की भरमार

यातायात की समस्याओं को देखते हुए जयपुर निगम प्रशासन की ओर से कुछ प्रमुख स्थानों और बाजारों को नॉन वेंडिंग जोन घोषित किया गया था. इस उम्मीद के साथ कि इन स्थानों पर सड़क पर थड़ी ठेले या फुटकर दुकाने नहीं लगेगी. सड़के केवल वाहनों के प्रयोग में आएगी, ताकि यातायात बाधित ना हो. लेकिन यही नॉन वेंडिंग जोन अतिक्रमण की मुख्य जगह बने हुए हैं. नॉन वेंडिंग जोन के बोर्ड के पास ही दुकानें चल रही हैं.

थड़ी और ठेले बेधड़क यहां चल रहे हैं. जिसके चलते ऐसे स्थानों पर जाम लगा रहता है. ये आलम राजधानी के प्रमुख बाजारों में देखने को मिलता है. जयपुर के चांदपोल बाजार में इन दिनों स्मार्ट रोड का काम चल रहा है. जिसके चलते वन वे यातायात की व्यवस्था की है, लेकिन इस रास्ते पर भी थड़ी ठेले वालों का जमावड़ा लगा हुआ है. एक दुकान के बाहर दो से तीन थड़ी ठेले वाले मौजूद रहते हैं. जिससे यातायात तो बाधित है ही, साथ ही व्यापारी भी परेशान है.

वहीं इस संबंध में निगम प्रशासन की ओर से बार-बार महज एक अभियान चलाने की बात कह कर इतिश्री कर ली जाती है. नगर निगम ने शहर में पहले जगह-जगह नॉन वेंडिंग जोन घोषित किए थे. लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद जयपुर शहर में 86 वेंडिंग जोन घोषित किए गए. यही नहीं शहर का सारा इलाका नॉन वेंडिंग जोन में शामिल किया गया। लेकिन धरातल पर इसके उलट ही देखने को मिलता है.

जयपुर. राजधानी में नोन वेंडिंग जोन में स्थाई अतिक्रमण आम हो चुका है. जिसके चलते यहां जाम की स्थिति बनी रहती है. वहीं नगर निगम और ट्रैफिक विभाग समस्या को लेकर उदासीन बना हुआ है.

जयपर के नो वेंडिंग जोन को थड़ी और ठेले की भरमार

यातायात की समस्याओं को देखते हुए जयपुर निगम प्रशासन की ओर से कुछ प्रमुख स्थानों और बाजारों को नॉन वेंडिंग जोन घोषित किया गया था. इस उम्मीद के साथ कि इन स्थानों पर सड़क पर थड़ी ठेले या फुटकर दुकाने नहीं लगेगी. सड़के केवल वाहनों के प्रयोग में आएगी, ताकि यातायात बाधित ना हो. लेकिन यही नॉन वेंडिंग जोन अतिक्रमण की मुख्य जगह बने हुए हैं. नॉन वेंडिंग जोन के बोर्ड के पास ही दुकानें चल रही हैं.

थड़ी और ठेले बेधड़क यहां चल रहे हैं. जिसके चलते ऐसे स्थानों पर जाम लगा रहता है. ये आलम राजधानी के प्रमुख बाजारों में देखने को मिलता है. जयपुर के चांदपोल बाजार में इन दिनों स्मार्ट रोड का काम चल रहा है. जिसके चलते वन वे यातायात की व्यवस्था की है, लेकिन इस रास्ते पर भी थड़ी ठेले वालों का जमावड़ा लगा हुआ है. एक दुकान के बाहर दो से तीन थड़ी ठेले वाले मौजूद रहते हैं. जिससे यातायात तो बाधित है ही, साथ ही व्यापारी भी परेशान है.

वहीं इस संबंध में निगम प्रशासन की ओर से बार-बार महज एक अभियान चलाने की बात कह कर इतिश्री कर ली जाती है. नगर निगम ने शहर में पहले जगह-जगह नॉन वेंडिंग जोन घोषित किए थे. लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद जयपुर शहर में 86 वेंडिंग जोन घोषित किए गए. यही नहीं शहर का सारा इलाका नॉन वेंडिंग जोन में शामिल किया गया। लेकिन धरातल पर इसके उलट ही देखने को मिलता है.

Intro:राजधानी में नॉन वेंडिंग जोन में स्थाई अतिक्रमण आम हो चुका है। इससे जाम लगता तो लगता ही है, लोग भी परेशान होते हैं। ये सब खुलेआम हो रहा है, फिर भी नगर निगम और ट्रैफिक विभाग को इससे कोई सरोकार नहीं है।


Body:राजधानी में यातायात की समस्याओं को देखते हुए निगम प्रशासन की ओर से कुछ प्रमुख स्थानों और बाजारों को नॉन वेंडिंग जोन घोषित किया गया था। इस उम्मीद के साथ कि इन स्थानों पर सड़क पर थड़ी ठेले या फुटकर दुकाने नहीं लगेगी। सड़के केवल वाहनों के प्रयोग में आएगी, ताकि यातायात बाधित ना हो। लेकिन यही नॉन वेंडिंग जोन अतिक्रमण की मुख्य जगह बने हुए हैं। नॉन वेंडिंग जोन के बोर्ड के पास ही दुकानें चल रही है। थड़ी ठेलें बेधड़क यहां चल रहे हैं। इनकी वजह से यहाँ जाम लगा रहता है। ये आलम राजधानी के प्रमुख बाजारों में देखने को मिलता है। जयपुर के चांदपोल बाजार में इन दिनों स्मार्ट रोड का काम चल रहा है। जिसके चलते वन वे यातायात की व्यवस्था की है। लेकिन इस रास्ते पर भी थड़ी ठेले वालों का जमावड़ा लगा हुआ है। एक दुकान के बाहर दो से तीन थड़ी ठेले वाले मौजूद रहते हैं। जिससे यातायात तो बाधित है ही, साथ ही व्यापारी भी परेशान है।
बाईट - कृष्णा अवतार, व्यापारी
बाईट - विक्की खंडेलवाल, व्यापारी


Conclusion:हालांकि इस संबंध में निगम प्रशासन की ओर से बार-बार महज एक अभियान चलाने की बात कह कर इतिश्री कर ली जाती है। नगर निगम ने शहर में पहले जगह-जगह नॉन वेंडिंग जोन घोषित किए थे। लेकिन कोर्ट की फटकार के बाद जयपुर शहर में 86 वेंडिंग जोन घोषित किए गए। यही नहीं शहर का सारा इलाका नॉन वेंडिंग जोन में शामिल किया गया। लेकिन धरातल पर इसके उलट ही देखने को मिलता है।
Last Updated : Jun 8, 2019, 9:11 AM IST
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