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जयपुर कलेक्ट्रेट में रिश्वत लेते तहसीलदार का रीडर Trap, जानिए पूरा मामला - jaipur acb

जयपुर की ACB टीम ने मंगलवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक तहसीलदार के रीडर को 5 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया है.

जयपुर एसीबी
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Published : Feb 19, 2019, 8:29 PM IST

जयपुर. ACB टीम ने मंगलवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक तहसीलदार के रीडर को 5 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया है. रीडर द्वारा परिवादी से सहकारिता अनुग्रह पत्र रिन्यूअल करने की एवज में रिश्वत राशि की मांग की गई.

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इसकी शिकायत परिवादी द्वारा एसीबी मुख्यालय में की गई और शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर कलेक्ट्रेट में तहसीलदार कार्यालय के अंदर ही तहसीलदार के रीडर विजय को 5 हजार की रिश्वत राशि के साथ ट्रैप किया. वहीं चालक अशोक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में एसीबी टीम दबिश दे रही है.

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वहीं इस पूरे प्रकरण में तहसीलदार गजेंद्र गोयल की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, जिसके बारे में एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं. वहीं इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आया है. जहां इस बात का खुलासा हुआ है कि तहसीलदार का चालक शंभू दयाल है. लेकिन शंभू दयाल के स्थान पर अशोक तहसीलदार की गाड़ी चलाया करता है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक शंभू दयाल का पुत्र है. फिलहाल इस बारे में भी एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं.

जयपुर. ACB टीम ने मंगलवार को जयपुर कलेक्ट्रेट में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक तहसीलदार के रीडर को 5 हजार रुपये की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया है. रीडर द्वारा परिवादी से सहकारिता अनुग्रह पत्र रिन्यूअल करने की एवज में रिश्वत राशि की मांग की गई.

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इसकी शिकायत परिवादी द्वारा एसीबी मुख्यालय में की गई और शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने जाल बिछाकर कलेक्ट्रेट में तहसीलदार कार्यालय के अंदर ही तहसीलदार के रीडर विजय को 5 हजार की रिश्वत राशि के साथ ट्रैप किया. वहीं चालक अशोक मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश में एसीबी टीम दबिश दे रही है.

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वहीं इस पूरे प्रकरण में तहसीलदार गजेंद्र गोयल की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है, जिसके बारे में एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं. वहीं इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आया है. जहां इस बात का खुलासा हुआ है कि तहसीलदार का चालक शंभू दयाल है. लेकिन शंभू दयाल के स्थान पर अशोक तहसीलदार की गाड़ी चलाया करता है.सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक शंभू दयाल का पुत्र है. फिलहाल इस बारे में भी एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं.
Intro:जयपुर
एंकर- एसीबी टीम ने आज जयपुर कलेक्ट्रेट में एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक तहसीलदार के रीडर को 5 हजार रुपए की रिश्वत राशि लेते हुए ट्रैप किया है। रीडर द्वारा परिवादी से सहकारिता अनुग्रह पत्र रिन्यूअल करने की एवज में रिश्वत राशि की मांग की गई। जिसकी शिकायत परिवादी द्वारा एसीबी मुख्यालय में की गई और शिकायत का सत्यापन करने के बाद एसीबी ने आज जाल बिछाकर कलेक्ट्रेट में तहसीलदार कार्यालय के अंदर ही तहसीलदार के रीडर विजय को 5 हजार की रिश्वत राशि के साथ ट्रैप किया। वही चालक अशोक मौके से फरार हो गया जिसकी तलाश में एसीबी टीम दबिश दे रही है।


Body:वीओ- वही इस पूरे प्रकरण में तहसीलदार गजेंद्र गोयल की भूमिका भी संदिग्ध मानी जा रही है जिसके बारे में एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं। वहीं इस पूरे प्रकरण में एक नया मोड़ आया है जहां इस बात का खुलासा हुआ है कि तहसीलदार का चालक शंभू दयाल है लेकिन शंभू दयाल के स्थान पर अशोक तहसीलदार की गाड़ी चलाया करता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अशोक शंभू दयाल का पुत्र है। फिलहाल इस बारे में भी एसीबी अधिकारी जांच कर रहे हैं।


बाइट- अशोक सिंघल, एडिशनल एसपी एसीबी


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