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सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी की खारिज, कहा- विधवा पुत्रवधू भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार - ईटीवी भारत राजस्थान न्यूज

सुप्रीम कोर्ट ने विधवा पुत्रवधू को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत हकदार मानते हुए राज्य सरकार की एसएलपी को खारिज कर दिया है.

Supreme Court rejects government SLP,  widow daughter in law also deserves
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की एसएलपी की खारिज.
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 12, 2023, 9:40 PM IST

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने विधवा पुत्रवधू को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत हकदार मानने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए.

मामले के अनुसार सुशीला देवी की सास पीडब्ल्यूडी में कुली के पद पर कार्यरत थी. वर्ष 2007 में उसकी मौत हो गई. इस पर सुशीला देवी के पति ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया. वहीं आवेदन के लंबित रहने के दौरान उसकी भी मौत हो गई. इस पर सुशीला देवी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने पुत्रवधू को आश्रित की श्रेणी में मानने से इनकार कर दिया.

पढ़ेंः Rajasthan High Court: सरकार की अपील खारिज, विधवा पुत्रवधू भी अनुकंपा नियुक्ति की हकदार

पढ़ेंः Rajasthan : अनुकंपा नियुक्ति की मांग करते हुए पानी की टंकी पर चढ़ा युवक, राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु को लेकर लिख चुका है पत्र

इस पर सुशीला देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुशीला देवी को हकदार मानते हुए उसे एक माह में अनुकंपा नियुक्ति देने को कहा. राज्य सरकार की ओर से इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील पेश कर चुनौती दी गई थी. खंडपीठ ने भी सुशीला देवी को अनुकंपा नियुक्ति के पात्र माना. इस आदेश को राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी गई.

जयपुर. सुप्रीम कोर्ट ने विधवा पुत्रवधू को भी अनुकंपा नियुक्ति के तहत हकदार मानने के राजस्थान हाईकोर्ट के आदेश को सही माना है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से दायर विशेष अनुमति याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की खंडपीठ ने यह आदेश राज्य सरकार की एसएलपी पर सुनवाई करते हुए दिए.

मामले के अनुसार सुशीला देवी की सास पीडब्ल्यूडी में कुली के पद पर कार्यरत थी. वर्ष 2007 में उसकी मौत हो गई. इस पर सुशीला देवी के पति ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया. वहीं आवेदन के लंबित रहने के दौरान उसकी भी मौत हो गई. इस पर सुशीला देवी ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया, लेकिन विभाग ने पुत्रवधू को आश्रित की श्रेणी में मानने से इनकार कर दिया.

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इस पर सुशीला देवी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की. हाईकोर्ट की एकलपीठ ने सुशीला देवी को हकदार मानते हुए उसे एक माह में अनुकंपा नियुक्ति देने को कहा. राज्य सरकार की ओर से इस आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील पेश कर चुनौती दी गई थी. खंडपीठ ने भी सुशीला देवी को अनुकंपा नियुक्ति के पात्र माना. इस आदेश को राज्य सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर चुनौती दी गई.

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