जयपुर. प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा बीते 6 जून से लगातार राजस्थान के दौरे पर है. इसी क्रम में वो पार्टी के नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. साथ ही सीकर, झुंझुनू और कोटपूतली में आयोजित महंगाई राहत कैंप के निरीक्षण के लिए भी पहुंचे थे. रविवार को राजधानी जयपुर में पीसीसी वॉर रूम में रंधावा ने कांग्रेस नेता और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की. इसके बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए रंधावा ने कहा कि हम पूरी तरह से इलेक्शन मोड में हैं. उन्होंने कहा कि सीएम, सह प्रभारी और पीसीसी चीफ से तो बात होती ही है. साथ ही प्रदेश के सभी पदाधिकारियों, विधायकों और विधायक प्रत्याशियों को उनके क्षेत्रों में पूरी सक्रियता से प्रचार के लिए निर्देशित किया गया है.
इंदिरा जी के सपने को साकार करना है लक्ष्य - उन्होंने कहा कि विधायकों और नेताओं से कहा गया है कि वो कांग्रेस की बात करें और सरकार की योजनाओं को घरों तक पहुंचाने का काम करें, ताकि पार्टी के पक्ष में माहौल बना बने. साथ ही लोगों तक सरकार के कार्यों की सटीक जानकारी पहुंचाई जा सके. आगे रंधावा ने महंगाई राहत कैंप की तुलना पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के गरीबी हटाओ नारे से करते हुए कहा कि इंदिरा गांधी ने बहुत साल पहले गरीबी हटाओ का नारा दिया था. उसी तरह आज महंगाई राहत कैंप लगाए जा रहे हैं. वहीं, 50 साल पहले जो नारा दिया गया था, उसी नारे को लेकर हम चल रहे हैं. हम 'इंदिरा जी' के सपने को साकार करने के लिए काम कर रहे हैं.
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रंधावा ने कहा कि जब भाजपा विपक्ष में थी और सिलेंडर की कीमतों में 50 रुपए का इजाफा होता था तो शोर मचाया जाता था. अब जब राजस्थान में सिलेंडर 500 रुपए में दिए जा रहे हैं तो केंद्र सरकार को भी गरीबों को राहत देने के लिए इस योजना को पूरे हिंदुस्तान में लागू करना चाहिए. उन्होंने कहा कि जिस तरह हमने 100 यूनिट बिजली फ्री की है, उसी तरह केंद्र सरकार को भी पूरे हिंदुस्तान में बिजली फ्री करनी चाहिए.
नेताओं की टिकट पर मंडराता खतरा - रंधावा ने टिकट वितरण को लेकर कहा कि प्रदेश के चुनाव में जातिगत गणित का भी अहम स्थान है. ऐसे में जातिगत समीकरण के साथ ही इस बार टिकट वितरण में प्रत्याशियों की लॉयल्टी भी देखी जाएगी. इसके साथ ही नेताओं के पुराने इतिहास भी खंगाले जाएंगे. उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े व छोटे लीडर जो कांग्रेस से नाता तोड़कर घर बैठ गए हैं, वो उनके परिवारों से मिल रहे हैं.
उन्हें वापस कांग्रेस में यह कहते हुए जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है कि काग्रेस आपकी है और आप कांग्रेस के हैं. ऐसे में साफ है कि निराशा में घर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ताओं को रंधावा फिर से एक्टिव करना चाहते हैं, ताकि चुनाव में इसका फायदा पार्टी को मिल सके. इसके साथ ही रंधावा ने साफ किया कि जो प्रत्याशी लगातार चुनाव हार रहे हैं, वहां टिकट वितरण को लेकर मंथन होगा और जिताऊ प्रत्याशियों को मैदान में उतारा जाएगा.