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जयपुर के चिकित्सकों ने मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्ची का किया सफल इलाज

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Published : Apr 1, 2021, 10:12 PM IST

जयपुर में गुरुवार को चिकित्सकों ने मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त एक बच्ची का इलाज किया है. मामले को लेकर चिकित्सकों ने कहा कि इस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चों का यदि समय पर इलाज किया जाए तो उन्हें ठीक किया जा सकता है.

जयपुर की ताजा हिंदी खबरें,Multi System Inflammatory Syndrome
मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्ची का किया सफल इलाज

जयपुर. शहर के चिकित्सकों ने मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त एक बच्ची का सफल इलाज किया है. चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चों का यदि समय पर इलाज किया जाए तो उन्हें ठीक किया जा सकता है.

सानवी नाम की बच्ची का इलाज करने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशुल मित्तल और डॉ. प्रीतम गुप्ता ने बताया कि बच्ची की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी और जब जांच की गई तो बच्ची में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम बीमारी के लक्षण दिखाई दिए.

चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची को लगभग 5 दिन गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया था. एक बार खून भी चढ़ाना पड़ा था. सानवी को IVIG (इम्मुनोगलोबुलिन) दवा चढ़ाई गई और उच्च श्रेणी की ऐंटीबायोटिक दवाइयां चालू की गई. कई बार उसका ब्लड प्रेशर कम हुआ जिसकी वजह से उसे वासोप्रेसर और गहन मॉनिटरिंग करने की ज़रूरत पड़ी.

पढ़ें- गहलोत पर पूनिया का पलटवार, कहा- मतदाताओं को धमकाने का प्रयास ना करें, बीजेपी जीतेगी भी और जनता को न्याय भी दिलाएगी

इलाज करने वाले चिकित्सकों ने दावा किया है कि बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) एक गंभीर स्थिति है जो कोरोनवायरस वायरस 2019 (COVID-19) से जुड़ी हुई प्रतीत होती है. ज्यादातर बच्चे जो COVID-19 वायरस से संक्रमित हो जाते हैं, उन्हें केवल एक हल्की बीमारी होती है. लेकिन जिन बच्चों में MIS-C हो जाता है, उनके कुछ अंग और ऊतक, जैसे कि हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाएं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखें - गंभीर रूप से सूज जाते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है और ज्यादातर बच्चे जिनमें ये बीमारी होती है वे अंततः चिकित्सा देखभाल के साथ बेहतर हो जाते हैं.

जयपुर. शहर के चिकित्सकों ने मल्टी सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम जैसी दुर्लभ बीमारी से ग्रस्त एक बच्ची का सफल इलाज किया है. चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह की बीमारी से पीड़ित बच्चों का यदि समय पर इलाज किया जाए तो उन्हें ठीक किया जा सकता है.

सानवी नाम की बच्ची का इलाज करने वाले शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. अंशुल मित्तल और डॉ. प्रीतम गुप्ता ने बताया कि बच्ची की तबीयत कुछ दिनों से खराब चल रही थी और जब जांच की गई तो बच्ची में मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम बीमारी के लक्षण दिखाई दिए.

चिकित्सकों ने बताया कि बच्ची को लगभग 5 दिन गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में रखा गया था. एक बार खून भी चढ़ाना पड़ा था. सानवी को IVIG (इम्मुनोगलोबुलिन) दवा चढ़ाई गई और उच्च श्रेणी की ऐंटीबायोटिक दवाइयां चालू की गई. कई बार उसका ब्लड प्रेशर कम हुआ जिसकी वजह से उसे वासोप्रेसर और गहन मॉनिटरिंग करने की ज़रूरत पड़ी.

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इलाज करने वाले चिकित्सकों ने दावा किया है कि बच्चों में मल्टीसिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम (MIS-C) एक गंभीर स्थिति है जो कोरोनवायरस वायरस 2019 (COVID-19) से जुड़ी हुई प्रतीत होती है. ज्यादातर बच्चे जो COVID-19 वायरस से संक्रमित हो जाते हैं, उन्हें केवल एक हल्की बीमारी होती है. लेकिन जिन बच्चों में MIS-C हो जाता है, उनके कुछ अंग और ऊतक, जैसे कि हृदय, फेफड़े, रक्त वाहिकाएं, गुर्दे, पाचन तंत्र, मस्तिष्क, त्वचा या आंखें - गंभीर रूप से सूज जाते हैं. चिकित्सकों का कहना है कि मल्टी सिस्टम इन्फ्लेमेटरी सिंड्रोम एक दुर्लभ बीमारी है और ज्यादातर बच्चे जिनमें ये बीमारी होती है वे अंततः चिकित्सा देखभाल के साथ बेहतर हो जाते हैं.

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