जयपुर. विधानसभा में मंगलवार को गृह विभाग की मांगों पर अपनी बात रखते हुए जयपुर के आदर्श नगर से विधायक व राजस्थान माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष रफीक खान की पीड़ा छलक गई. इस दौरान पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज रफीक खान ने यहां तक कह दिया कि उन्हें अफसोस है कि एक विधायक की जिम्मेदारी को समझे बिना पहले तो उन पर गलत तरीके से मुकदमा दर्ज किया गया और फिर यह कहते हुए उन्हें भगोड़ा (एब्सकॉन्डिंग) बता दिया गया कि वो उन्हें मिल ही नहीं रहे हैं.
अपनी नाराजगी जताते हुए विधायक ने कहा कि अगर वो दोषी हैं तो उन्हें आज सदन से निकलने के दौरान गिरफ्तार कर लिया जाए. उन्होंने कहा कि अगर एक विधायक और माइनॉरिटी कमीशन का चेयरमैन खुद के न्याय की बात नहीं कर सकता तो वह कैसे लोगों की पैरवी करेगा?. खान ने दो साल पहले कोरोना के दौरान लगी रोक के बावजूद एक जनाजे में शामिल होने के चलते उन पर दर्ज हुए मुकदमे पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि जिस व्यक्ति का निधन हुआ था, वो उनकी विधानसभा का जाना माना चेहरा था. ऐसे में जनाजा आराम से निकल जाए, इसके लिए वो लोगों के बीच समझाइश के लिए गए थे. लेकिन पुलिस ने उन्हीं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया.
विधायक ने कहा कि वो विधायक के साथ ही माइनॉरिटी कमीशन के चेयरमैन भी हैं. ऐसे में अगर उन्हें ही न्याय नहीं मिल सकेगा तो वो आम आदमी को भला कैसे न्याय दिलाने की बात करेंगे. उनकी इस टिप्पणी पर उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि सदन में कोई व्यक्ति अपने ही मुकदमे की पैरवी कैसे कर सकता है. यह सही तरीका नहीं है. इस पर रफीक खान ने कहा कि उन्होंने केवल घटना की सच्चाई रखी है. उन्होंने कहा कि पहले तो उन पर मुकदमा दर्ज हुआ और फिर एक पुलिस वाले ने जाकर लिख दिया कि वो उन्हें नहीं मिल रहे हैं.
उन्होंने कहा कि उन्हें अफसोस के साथ यह कहना पड़ रहा है कि स्थानीय विधायक के तौर पर उन पर जो जिम्मेदारी थी, वह समझे बिना भी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. साथ ही मुकदमे में यह लिखा गया कि विधायक ने भीड़ को उत्तेजित करने का काम किया. लेकिन अगर मैं उत्तेजना का एक शब्द भी कहा हूं और यह प्रमाणित हो जाता है तो वो सदन से निकलते ही अपना इस्तीफा दे देंगे.
खान ने कहा कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि माइनॉरिटी कमीशन के अध्यक्ष के तौर पर जब उन्होंने डीजी ऑफिस को खत लिखा तो उन्हें बताया गया कि इस मामले में जांच चल रही है. हालांकि, बाद में उन्हें पता चला है कि एक व्यक्ति उनका जुर्म प्रमाणित करके चला गया है. वहीं, इस दौरान रफीक खान ने जयपुर सेंट्रल जेल को शिफ्ट करने की मुख्यमंत्री की बजट घोषणा की याद दिलाते हुए कहा कि पिछले बजट में इसे लेकर घोषणा हुई थी. लेकिन अब तक इस पर कोई काम नहीं हुआ है. मौजूदा हालात यह है कि शहर के बीचो-बीच सेंट्रल जेल के होने से लोगों में इनसिक्योरिटी का माहौल बन गया है.