जयपुर. तबादलों के बाद भी कुर्सी से चिपके रहने वाले अफसर के खिलाफ अब गहलोत सरकार सख्त एक्शन लेने में जुट गई है. यही वजह है कि कार्मिक विभाग ने तबादले के बाद भी नए पद पर ज्वाइन नहीं करने वाले 16 आरएएस अफसरों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. वहीं कारण बताओं नोटिस का जवाब नहीं देने वाले 11 आरएएस अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की है.
इनको मिला नोटिस : दरअसल कार्मिक विभाग ने जुलाई और अगस्त में किये गए राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों का स्थानान्तरण/पदस्थापन किया. आदेश में सभी अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से नए पद पर ज्वॉइन करने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन आदेशों की पालना नहीं की गई. ऐसे में कार्मिक विभाग ने ऐसे आरएएस अधिकारियों जो नवीन पद पर कार्यग्रहण नहीं कर सरकार के आदेशों की अवहेलना की. उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जिन अधिकारियों को नोटिस दिया गया है उसमें अनिता मीना, अमृता चौधरी, राजपाल सिंह, आशीष कुमार, भगवत सिंह, मान सिंह मीणा, प्रियंका विश्नोई, शैफाली कुशवाहा, रोहित चौहान, प्रियंका तलानिया, विशाल दवे, रामस्वरूप चौहान, सोहन राम चौधरी, राधेश्याम डेलू, कनक जैन और अशुल सिंह का नाम शामिल है.
इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित : इसके साथ ही कार्मिक विभाग ने 11 उन पूर्व भी अतिरिक्त जिला कलक्टर एवं उपखण्ड अधिकारी के पदो पर स्थानांतरणाधीन अधिकारियों के खिलाफ भी अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की है. जिहोंने कारण बताओ नोटिस का जवाब भी नहीं दिया है. जिसमें अंजना सहरावत, बालकिशन तिवाड़ी, चेतन चौहान, दुर्गाशंकर मीणा, गंगाधर मीणा, मीनू वर्मा, नरेश सिंह तंवर, राकेश कुमार गुप्ता, संतोष कुमार मीणा, विनित कुमार सुखाडिया, विष्णु कुमार गोयल का नाम शामिल है.
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पिछले महीने जारी हुई थी तबादला सूची : बता दें कि प्रदेश की गहलोत सरकार जुलाई और अगस्त में चार तबादला सूची जारी की थी, पहली तबादला सूची 31 जुलाई को, दूसरी तबादला सूची 10 अगस्त को, तीसरी तबादला सूची 16 अगस्त को और चौथी तबादला सूची 20 अगस्त को जारी की थी. इस तबादला सूची में सभी अधिकारियों को जिनका तबादला हुआ है उन्हें अपने नवीन पद पर तत्काल प्रभाव से कार्य ज्वाइन करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बावजूद कई अधिकारियों ने आदेशों की पालना नहीं की. वहीं 24 अगस्त को कारण बताओ नोटिस जारी करने वाले अधिकारियों का जवाब नहीं आने पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई प्रस्तावित की है.