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रैपिड टेस्टिंग किट पर राज्य सरकार और आईसीएमआर आमने-सामने

जयपुर में रैपिड टेस्टिंग को लेकर आईसीएमआर को पत्र लिखा गया था. आईएमआर ने जवाब देते हुए कहा है कि रैपिड टेस्टिंग किट से जांच जारी रखी जाए. ये मरीजों की एंटीबॉडी टेस्ट के लिए भेजा गया किट है.

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रैपिड टेस्टिंग किट पर राज्य सरकार और आईसीएमआर आमने-सामने
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Published : Apr 24, 2020, 11:42 PM IST

जयपुर. रैपिड टेस्टिंग किट से जांच को लेकर अब राज्य सरकार और आईसीएमआर के बीच ठन गई है. दरअसल 3 दिन पहले राज्य सरकार ने रैपिड टेस्टिंग किट की जांच को लेकर आईसीएमआर को पत्र लिखा था और कहा था कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए रैपिड टेस्टिंग किट ठीक नहीं है और पॉजिटिव मरीजों की जांच भी इससे नेगेटिव आ रही है

जिसके बाद आईसीएमआर ने राज्य सरकार को पत्र का जवाब दिया है. आईसीएमआर की ओर से पत्र के जवाब में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आईसीएमआर की ओर से लिखे गए पत्र में गोलमाल भाषा में जवाब दिया गया है और कहा गया है कि रैपिड टेस्टिंग किट से जांच जारी रखी जाए. ये मरीजों की एंटीबॉडी टेस्ट के लिए भेजा गया किट है.

वहीं शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देश के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी आयोजित की जहां राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने रैपिड टेस्टिंग किट के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया. जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रयोगशाला में सभी टेस्टिंग किट का परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद ही राज्यों को किट के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी की जाएगी.

पढें- हाईकोर्ट ने मेडिकल ऑफिसर भर्ती को लेकर मांगा जवाब

प्रदेश में स्थिति की जानकारी-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी और अधिक से अधिक पीसीआर किट और करीब 1500 वेंटीलेटर उपलब्ध कराने की बात भी कही. इसके अलावा भीलवाड़ा में कोरोना टेस्ट की अनुमति भी मांगी गई.

घर बैठे चिकित्सा परामर्श मिलेगा-

वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से जल्द ही एक पोर्टल शुरू किया जाएगा. जहां आमजन इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे और चिकित्सा विभाग की ओर से जल्द ही इस पोर्टल की शुरुआत भी की जाएगी. जरूरतमंद लोगों www.esanjeevainopd.in पर जाकर चिकित्सकीय परामर्श चिकित्सक की ओर से ले सकेंगे.

इसके अलावा कोविड-19 के अलावा अन्य चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके तहत प्रजनन मातृ नवजात और डायलिसिस आदि की सुविधाएं कराने के निर्देश जारी किए गए हैं और इन चिकित्सकीय सुविधाओं में लगे चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों को कोविड-19 के वार्ड अस्पतालों में नहीं लगाया जाएगा.

जयपुर. रैपिड टेस्टिंग किट से जांच को लेकर अब राज्य सरकार और आईसीएमआर के बीच ठन गई है. दरअसल 3 दिन पहले राज्य सरकार ने रैपिड टेस्टिंग किट की जांच को लेकर आईसीएमआर को पत्र लिखा था और कहा था कि कोरोना वायरस के टेस्ट के लिए रैपिड टेस्टिंग किट ठीक नहीं है और पॉजिटिव मरीजों की जांच भी इससे नेगेटिव आ रही है

जिसके बाद आईसीएमआर ने राज्य सरकार को पत्र का जवाब दिया है. आईसीएमआर की ओर से पत्र के जवाब में चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि आईसीएमआर की ओर से लिखे गए पत्र में गोलमाल भाषा में जवाब दिया गया है और कहा गया है कि रैपिड टेस्टिंग किट से जांच जारी रखी जाए. ये मरीजों की एंटीबॉडी टेस्ट के लिए भेजा गया किट है.

वहीं शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने देश के सभी स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी आयोजित की जहां राजस्थान के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने रैपिड टेस्टिंग किट के बारे में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत करवाया. जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रयोगशाला में सभी टेस्टिंग किट का परीक्षण किया जाएगा. इसके बाद ही राज्यों को किट के इस्तेमाल को लेकर गाइडलाइन जारी की जाएगी.

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प्रदेश में स्थिति की जानकारी-

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रदेश के चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कोरोना वायरस की मौजूदा स्थिति की जानकारी दी और अधिक से अधिक पीसीआर किट और करीब 1500 वेंटीलेटर उपलब्ध कराने की बात भी कही. इसके अलावा भीलवाड़ा में कोरोना टेस्ट की अनुमति भी मांगी गई.

घर बैठे चिकित्सा परामर्श मिलेगा-

वहीं चिकित्सा विभाग की ओर से जल्द ही एक पोर्टल शुरू किया जाएगा. जहां आमजन इस पोर्टल के माध्यम से घर बैठे ही चिकित्सकीय परामर्श ले सकेंगे और चिकित्सा विभाग की ओर से जल्द ही इस पोर्टल की शुरुआत भी की जाएगी. जरूरतमंद लोगों www.esanjeevainopd.in पर जाकर चिकित्सकीय परामर्श चिकित्सक की ओर से ले सकेंगे.

इसके अलावा कोविड-19 के अलावा अन्य चिकित्सा सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर भी निर्देश जारी किए गए हैं. जिसके तहत प्रजनन मातृ नवजात और डायलिसिस आदि की सुविधाएं कराने के निर्देश जारी किए गए हैं और इन चिकित्सकीय सुविधाओं में लगे चिकित्सकों और नर्सिंग कर्मियों को कोविड-19 के वार्ड अस्पतालों में नहीं लगाया जाएगा.

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