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गोपाल केसावत को एक साल की सजा, 20 लाख का जुर्माना, यह है मामला - former Minister of State

चेक अनादरण मामलों की विशेष अदालत क्रम-12, महानगर प्रथम ने चेक बाउंस के मामले में पूर्व राज्यमंत्री गोपाल केसावत को एक साल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर बीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है.

पूर्व राज्यमंत्री केसावत को सजा, बीस लाख का जुर्माना भी
पूर्व राज्यमंत्री केसावत को सजा, बीस लाख का जुर्माना भी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 4, 2024, 10:57 PM IST

Updated : Jan 4, 2024, 11:05 PM IST

जयपुर. चेक अनादरण मामलों की विशेष अदालत क्रम-12, महानगर प्रथम ने चेक बाउंस के मामले में अभियुक्त गोपाल केसावत को एक साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर बीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह की सजा अतिरिक्त काटनी पड़ेगी. अदालत ने यह आदेश ऋषिकेश शर्मा के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि अभियुक्त गोपाल केसावत ने निजी जरूरत के लिए परिवादी से पन्द्रह लाख रुपए उधार लिए थे. जब परिवादी ने रुपए वापस मांगे तो अभियुक्त ने अक्टूबर और नवंबर, 2017 में दो चेक परिवादी को दिए. परिवादी ने राशि भुनाने के लिए चेक बैंक में पेश किए तो वह खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के चलते बाउंस हो गए.

पढ़ें: भजनलाल सरकार ने बदला गहलोत सरकार का एक और आदेश, सीबीआई को जांच के लिए नहीं लेनी पड़ेगी अनुमति

पढ़ेंः राजस्थान के चाकसू विधायक वेद प्रकाश सोलंकी को चेक बाउंस मामले में 1 साल की सजा, यह है मामला

इस पर परिवादी की ओर से अभियुक्त को लीगल नोटिस भेजकर रुपए लौटाने को कहा, लेकिन अभियुक्त ने रुपए नहीं लौटाए. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसने तीन लाख रुपए उधार लिए थे और जमानत के तौर पर दो चेक परिवादी को दिए थे, लेकिन परिवादी ने चेक का दुरुपयोग कर लिया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को एक साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 लाख रुपए का जुर्माने से भी दंडित किया है.

जयपुर. चेक अनादरण मामलों की विशेष अदालत क्रम-12, महानगर प्रथम ने चेक बाउंस के मामले में अभियुक्त गोपाल केसावत को एक साल की सजा सुनाई है. साथ ही अदालत ने अभियुक्त पर बीस लाख रुपए का जुर्माना लगाया है. जुर्माना राशि अदा नहीं करने पर अभियुक्त को दो माह की सजा अतिरिक्त काटनी पड़ेगी. अदालत ने यह आदेश ऋषिकेश शर्मा के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि अभियुक्त गोपाल केसावत ने निजी जरूरत के लिए परिवादी से पन्द्रह लाख रुपए उधार लिए थे. जब परिवादी ने रुपए वापस मांगे तो अभियुक्त ने अक्टूबर और नवंबर, 2017 में दो चेक परिवादी को दिए. परिवादी ने राशि भुनाने के लिए चेक बैंक में पेश किए तो वह खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने के चलते बाउंस हो गए.

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इस पर परिवादी की ओर से अभियुक्त को लीगल नोटिस भेजकर रुपए लौटाने को कहा, लेकिन अभियुक्त ने रुपए नहीं लौटाए. वहीं, अभियुक्त की ओर से कहा गया कि उसने तीन लाख रुपए उधार लिए थे और जमानत के तौर पर दो चेक परिवादी को दिए थे, लेकिन परिवादी ने चेक का दुरुपयोग कर लिया. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने अभियुक्त को एक साल की सजा सुनाई है. साथ ही 20 लाख रुपए का जुर्माने से भी दंडित किया है.

Last Updated : Jan 4, 2024, 11:05 PM IST
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