जयपुर. एसीबी मामलों की विशेष अदालत क्रम-2 ने दशकों पुराने नामांतरण को रद्द कर उसके स्थान पर अन्य के पक्ष में नामांतरण खोलने के मामले में प्रसंज्ञान लिया है. कोर्ट ने इस मामले में राजस्व मंडल के तत्कालीन अध्यक्ष उमराव सालोदिया, सदस्य हरीशंकर भारद्वाज, तहसीलदार अरविंद कुमार शर्मा, भू अभिलेख निरीक्षक मक्खनलाल मीणा, पटवारी नारायण लाल मीणा और लाभार्थी रणवीर सिंह के खिलाफ प्रसंज्ञान लिया है. साथ ही अदालत ने आरोपियों को 18 मई को तलब किया है.
मामले के अनुसार सितंबर, 2012 में नानगराम ने एसीबी में शिकायत दी थी, जिसमें कहा गया कि नींदड गांव में 77 बीघा 15 बिस्वा जमीन पर वर्ष 1954 से उसके पूर्वज काश्त करते आ रहे हैं. वहीं वर्ष 1954 में नींदड़ के जागीरदार ने नजराना लेकर उनके नाम पट्टा जारी किया था. राजस्व रिकॉर्ड में भी भूमि उसके नाम ही दर्ज है और कब्जा भी परिवादी का है. जागीरदार के पुत्र रणबीर सिंह ने नामान्तरण निरस्त करने की कार्रवाई शुरु की.
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शिकायत में बताया कि मामला राजस्व मंडल में आने पर आरोपियों से मिलीभगत कर ली. प्रार्थी की ओर से इसकी शिकायत मंडल के अध्यक्ष उमराव सालोदिया को की, लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की. इसके बाद मंडल सदस्य ने एक ही मामले में रणवीर सिंह की ओर से पेश रिवीजन पर आदेश दे दिए, लेकिन परिवादी की रिवीजन पर सुनवाई लंबित रखी. इसकी शिकायत पर भी सालोदिया ने कार्रवाई नहीं की. शिकायत में कहा गया कि राजस्व मंडल ने वर्ष 2012 में उसे नामांतरण को निरस्त कर दिया और इसके बाद आरोपियों ने रणवीर सिंह के पक्ष में नामान्तरण खोल दिया, जबकि मंडल ने सिर्फ उसके नामांतरण को ही रद्द किया था. जिस पर सुनवाई करते हुए एसीबी ने आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र पेश किया था.