जयपुर. प्रदेश में भले ही भाजपा गुटबाजी से नकारती हो, लेकिन गाहे-बगाहे कुछ नेताओं के बयान यह साफ दिखा रहे हैं कि पार्टी में सब कुछ सामान्य नहीं है. ताजा मामला एक दिन पहले का है. जब बीजेपी के वरिष्ठ नेता और विधायक कैलाश मेघवाल ने अपनी पार्टी के केंद्रीय मंत्री और सांसद अर्जुन राम मेघवाल को भ्रष्टाचारी बताया. हालांकि कैलाश मेघवाल का बयान सामने आने के साथी पार्टी ने सख्ती दिखने में भी देरी नहीं की. चुनावी माहौल में कांग्रेस इसे मुद्दा बनाए उससे पहले ही बीजेपी की अनुशासन समिति ने कैलाश मेघवाल को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब मांगा है.
अनुशासन समिति ने थमाया नोटिस: बता दें कि कैलाश मेघवाल की ओर से अर्जुन राम मेघवाल पर सार्वजनिक रूप से भ्रष्टाचार के आरोप लगाने के मामले पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के निर्देश पर प्रदेश भाजपा अनुशासन समिति ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है. राजस्थान भाजपा अनुशासन समिति अध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत के हस्ताक्षर से जारी हुए कारण बताओ नोटिस में कैलाश मेघवाल से 10 दिन में जवाब मांगा गया है. स्पष्टीकरण नहीं देने पर पार्टी की ओर से नियम मुताबिक कार्रवाई की जाएगी.
समिति ने मेघवाल के बयान को अनुशासन भंग करने की श्रेणी में माना है. नोटिस में लिखा गया है कि कैलाश मेघवाल के बयान से भाजपा और अर्जुन राम मेघवाल की प्रतिष्ठा को नुकसान हुआ है. यह बयान उनकी छवि को धूमिल करने वाला है. बता दें कि सोमवार को भीलवाड़ा में एक आम सभा के दौरान कैलाश मेघवाल ने अर्जुन राम मेघवाल को भ्रष्टाचारी बताया था. मेघवाल ने कहा कि वह भ्रष्ट हैं. उनके खिलाफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखूंगा और उस पत्र में अर्जुन राम मेघवाल को मंत्री पद से हटाने की मांग भी करूंगा.