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Shardiya Navratri 2023 : प्राचीन शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब, 9 दिन चलेगा मेला

नवरात्रि के पहले दिन जयपुर के आमेर महल में स्थित मां शिला देवी मंदिर के जैसे ही पट खुले, भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. इस दौरान प्रशासन की ओर से श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए विशेष व्यवस्थाएं भी की गई.

Shardiya Navratri 2023
प्राचीन शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 15, 2023, 5:39 PM IST

Updated : Oct 15, 2023, 7:00 PM IST

प्राचीन शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जयपुर. शारदीय नवरात्रि की रविवार से शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान पूरे 9 दिनों तक माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाएगी. रविवार को शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. इस कड़ी में आमेर के प्राचीन शिला माता मंदिर में भी सुबह 11:55 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की गई. इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे से भक्तों के लिए मइया के पट खोले गए. देखते ही देखते शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. दूर-दूराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में पहुंचे. माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई गई. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान माता के भक्तों के लिए प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्थाएं भी की गई.

देश भर से आते है भक्त : भक्तों की मान्यता है कि शिला माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है. प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर से श्रद्धालु माता के मंदिर में पहुंचे हैं. कई भक्त ऐसे भी थे जो काफी वर्षों से हर नवरात्रि में माता के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कई भक्त दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे. भक्तों के लिए आमेर महल में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. प्रसादी के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया है. वहीं, छाया के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है. भक्त सुबह 6 बजे से ही कतार में लगकर दर्शनों के लिए इंतजार करते हुए नजर आए.

पढ़ें : Navratri 2023 : मेहरानगढ़ हादसे के 16 साल, लेकिन कम नहीं हुआ श्रद्धालुओं का उत्साह, चामुंडा दर्शन के लिए लगी कतारें

9 दिन नवदुर्गा की होगी पूजा : नवरात्रि में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. इस दौरान पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक भी चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई है. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे को चंद्रघंटा माता, चौथे को कुषमांडा माता, पांचवे को स्कंधमाता, छठे को कात्यायनी माता, सातवें को कालरात्रि माता, आठवें को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

12:30 बजे से शाम 4 बजे तक रहेंगे पट बंद : शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की विशेष व्यवस्थाएं की गई है. 16 अक्टूबर को दूसरे नवरात्र से आखिरी नवरात्र तक रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 4 बजे से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन होंगे. नवरात्रि के दौरान दोपहर 12:30 बजे से शाम 4 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. 20 अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा. निशा पूजन 21 अक्टूबर को रात्रि 10 बजे होगा. 22 अक्टूबर अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 24 अक्टूबर को दशमी के दिन नवरात्र उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. नवरात्रि में रोजाना बाल भोग सुबह 8 बजे से 8:15 बजे तक और प्रातः आरती 11 बजे होगी. संध्या आरती शाम 6:15 बजे होगी. रात्रि भोग रात 7:45 बजे से 8 बजे तक होगा और शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी.

पढ़ें : Shardiya Navratri 2023 : तरतई माता के दरबार में लगा भक्तों का तांता, 9 दिन होगी विशेष पूजा-अर्चना

24 तक रात्रिकालीन पर्यटन व हाथी सवारी बंद : आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि शारदीय नवरात्रों में माता के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों और पर्यटकों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. आमेर महल में नवरात्र के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त होमगार्ड तैनात किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो. नवरात्र के दौरान सुबह 8 से शाम 5:30 तक महल में पर्यटकों का प्रवेश रहेगा. 24 अक्टूबर तक रात्रि कालीन पर्यटन और हाथी सवारी बंद रहेगी.

प्राचीन शिला माता मंदिर में उमड़ा भक्तों का सैलाब

जयपुर. शारदीय नवरात्रि की रविवार से शुरुआत हो चुकी है. इस दौरान पूरे 9 दिनों तक माता के 9 स्वरूपों की पूजा की जाएगी. रविवार को शुभ मुहूर्त में माता के मंदिरों में घट स्थापना की गई. इस कड़ी में आमेर के प्राचीन शिला माता मंदिर में भी सुबह 11:55 बजे वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घट स्थापना की गई. इसके बाद दोपहर करीब 1 बजे से भक्तों के लिए मइया के पट खोले गए. देखते ही देखते शिला माता मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. दूर-दूराज से भक्त अपनी मनोकामनाएं लिए माता के दरबार में पहुंचे. माता रानी का विशेष श्रृंगार कर झांकी भी सजाई गई. पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई. इस दौरान माता के भक्तों के लिए प्रशासन की ओर से विशेष व्यवस्थाएं भी की गई.

देश भर से आते है भक्त : भक्तों की मान्यता है कि शिला माता उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करती है. प्रदेश ही नहीं बल्कि पूरे देश भर से श्रद्धालु माता के मंदिर में पहुंचे हैं. कई भक्त ऐसे भी थे जो काफी वर्षों से हर नवरात्रि में माता के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचते हैं. कई भक्त दंडवत करते हुए भी माता के दरबार में पहुंचे. भक्तों के लिए आमेर महल में विशेष व्यवस्थाएं की गई हैं. प्रसादी के लिए भंडारे का आयोजन भी किया गया है. वहीं, छाया के लिए टेंट की व्यवस्था की गई है. भक्त सुबह 6 बजे से ही कतार में लगकर दर्शनों के लिए इंतजार करते हुए नजर आए.

पढ़ें : Navratri 2023 : मेहरानगढ़ हादसे के 16 साल, लेकिन कम नहीं हुआ श्रद्धालुओं का उत्साह, चामुंडा दर्शन के लिए लगी कतारें

9 दिन नवदुर्गा की होगी पूजा : नवरात्रि में प्रतिदिन दुर्गा सप्तमी का पाठ और हवन किया जाएगा. इस दौरान पूर्व राज परिवार की ओर से माता रानी की पोशाक भी चढ़ाई जाती है और रोजाना आभूषणों का विशेष श्रृंगार किया जाता है. शिला माता मंदिर में नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं और 9 दुर्गाओं की प्रतिदिन पूजा-अर्चना की जाएगी. पहले नवरात्र को मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना की गई है. दूसरे नवरात्र को ब्रह्मचारिणी माता, तीसरे को चंद्रघंटा माता, चौथे को कुषमांडा माता, पांचवे को स्कंधमाता, छठे को कात्यायनी माता, सातवें को कालरात्रि माता, आठवें को महागौरी माता और नवें व आखिरी नवरात्र को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी.

12:30 बजे से शाम 4 बजे तक रहेंगे पट बंद : शिला माता मंदिर के पुजारी बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि शिला माता मंदिर में नवरात्र के दौरान दर्शनार्थियों के लिए दर्शनों की विशेष व्यवस्थाएं की गई है. 16 अक्टूबर को दूसरे नवरात्र से आखिरी नवरात्र तक रोजाना सुबह 6 बजे से दोपहर 12:30 बजे और शाम 4 बजे से रात 8:30 बजे तक भक्तों को दर्शन होंगे. नवरात्रि के दौरान दोपहर 12:30 बजे से शाम 4 बजे तक दर्शन बंद रहेंगे. 20 अक्टूबर को छठ का मेला भरेगा. निशा पूजन 21 अक्टूबर को रात्रि 10 बजे होगा. 22 अक्टूबर अष्टमी को शाम 4:30 बजे पूर्णाहुति होगी. 24 अक्टूबर को दशमी के दिन नवरात्र उत्थापना सुबह 10:30 बजे किया जाएगा. नवरात्रि में रोजाना बाल भोग सुबह 8 बजे से 8:15 बजे तक और प्रातः आरती 11 बजे होगी. संध्या आरती शाम 6:15 बजे होगी. रात्रि भोग रात 7:45 बजे से 8 बजे तक होगा और शयन आरती रात्रि 8:30 बजे होगी.

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24 तक रात्रिकालीन पर्यटन व हाथी सवारी बंद : आमेर महल अधीक्षक पंकज धरेंद्र ने बताया कि शारदीय नवरात्रों में माता के दर्शनों के लिए आने वाले भक्तों और पर्यटकों की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं. आमेर महल में नवरात्र के दौरान सुरक्षा की दृष्टि से अतिरिक्त होमगार्ड तैनात किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरों से भी निगरानी रखी जा रही है, ताकि किसी भी तरह की असुविधा नहीं हो. नवरात्र के दौरान सुबह 8 से शाम 5:30 तक महल में पर्यटकों का प्रवेश रहेगा. 24 अक्टूबर तक रात्रि कालीन पर्यटन और हाथी सवारी बंद रहेगी.

Last Updated : Oct 15, 2023, 7:00 PM IST
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