जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को विधानसभा में हुई बहस का जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने पेपर लीक मामला सीबीआई को सौंपने से साफ इंकार करते हुए कह दिया कि अगर यह केस सीबीआई को सौंपा गया तो सालों तक इन्वेस्टिगेशन चलेगा.
उन्होंने कहा कि सीबीआई पूरे दस्तावेज जब्त कर के ले जाएगी और परीक्षाएं 15 साल तक नहीं हो पाएंगी. अगर यह केस सीबीआई को सौंपा गया तो विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो जाएगा. इस मामले को प्रदेश में प्रतिदिन मॉनिटर किया जा रहा है. सरकार दोषियों को सख्त सजा दिलवाएगी. यही हमारा कमिटमेंट है. इसलिए आपको सीबीआई जांच की मांग की जिद छोड़नी चाहिए, मैं इस मांग को खारिज करता हूं.
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धारीवाल ने कहा कि हनुमान बेनीवाल ने लोकसभा में यह सवाल लगाया था कि 10 साल में कितने केस राजस्थान से सीबीआई को सौंपे गए तो जवाब यह मिला था कि 12 केस थे, जिनमें से सीबीआई ने 2 केस दर्ज नहीं किए 7 में क्लोजर रिपोर्ट दे दी. एक को दोषमुक्त कर दिया और दो मामले अभी इन्वेस्टिगेशन में चल रहे हैं. उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भैरों सिंह शेखावत ने भी एक बार कहा था कि अगर शिवानी जडेजा का मामला हम सीबीआई को नहीं सौपते तो शायद अपराधियों पर हमारी पुलिस बेहतर काम कर सकती थी. ऐसे में सीबीआई को यह केस सौंपना छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगा.
सिस्टम बदलने के लिए डिबेट करें राजनीति नहीं: धारीवाल ने कहा कि राजेंद्र राठौड़ और कालीचरण सराफ ने आरोप लगाए हैं लेकिन कोई भी लिख कर देने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि अपराधियों पर सरकार ने कार्रवाई की है. जब बिल 1 जुलाई को पास हुआ, तो इतनी जल्दी कार्रवाई कैसे हो सकती थी और वैसे भी सजा देने का काम न्यायालय का है पुलिस का काम चालान पेश करने का है, जो किया जा चुका है.
उन्होंने कहा कि लॉ डिपार्टमेंट की ओर से आदेश हो चुका है कि जिस कोर्ट में यह केस जाएंगे वह अपने आप ही डेजिग्नेटिड कोर्ट बन जाएगा. शांति धारीवाल ने सदन में कहा कि बिल अप्रैल 2022 में पास हुआ. उसके बाद 7 प्रकरण इस एक्ट में दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 4 में चालान पेश हो चुका है. उन्होंने कहा कि रीट के आरोपी राम कृपाल मीणा आज भी जेल में है और जिन परीक्षाओं को पेपर लीक के चलते रद्द करना पड़ा, उनमें से पुस्तकालय ग्रेड थर्ड, कनिष्ठ अभियंताओं की परीक्षा, वनरक्षक परीक्षा हो चुकी है और अभी जो पेपर लीक हुआ उसकी परीक्षा भी 29 जनवरी 2023 को करवा ली जाएगी.
केवल विधानसभा में आरोप लगाना सही नहीं...: धारीवाल ने कहा कि पिछली सरकार के समय 10 पेपर लीक हुए. जिसमें 15 प्रकरण दर्ज हुए और 281 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. लेकिन पिछली सरकार को जिस गंभीरता से काम करना था उसने उस गंभीरता से काम नहीं किया. हमने नकल रोकने के लिए कदम उठाए और नकल का प्रयत्न करने वालों को भी अपराध की श्रेणी में डाला. संपत्ति की जब्ती का भी कानून रखा. उन्होंने कहा कि पहली बार 14 मार्च, 2022 को नकल विरोधी सेल का गठन किया गया और पुराने कानून में जो जमानती ऑफेंस थे, हमने हर उस अपराध को गैर-जमानती बनाया.
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धारीवाल ने कहा कि राजस्थान में जितना कठोर कानून बनाया गया है, वैसा देश के दूसरे किसी राज्य में नहीं है. धारीवाल ने कहा कि इस अपराध में लिप्त अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ ही, कर्मचारियों को गिरफ्तार भी किया गया और उनके अवैध प्रतिष्ठानों को धवस्त भी किया गया. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार कृत संकल्प होकर काम कर रही है. जहां पहले कानून में एक थानेदार कल के मामलों की जांच करता था, हमने ऐसे मामलों में मिनिमल एडिशनल एसपी को तफ्तीश का नियम बना दिया है.
उन्होंने कहा कि आज विधानसभा में आरोप लगाए गए, आरोप लगाना आसान है यह आरोप बाहर लगा कर देखो आपको पता लग जाएगा. अगर किसी के पास किसी मंत्री के खिलाफ, किसी अधिकारी के खिलाफ या किसी कर्मचारी के खिलाफ कोई सबूत है तो हमें दें, अदालत को दें या फिर पुलिस को दें, यहां विधानसभा में क्योंकि सदस्यों का बोलने का प्रिविलेज है लेकिन उस बोलने से काम नहीं चलता. हाईकोर्ट ने भी 7 जुलाई, 2022 को कहा था कि कोई सबूत है तो हम उसे सुनने को तैयार हैं, लेकिन सबूत कोई नहीं देना चाहता केवल आरोप लगाते हैं.