जयपुर. सहायक कर्मचारी की संदिग्धावस्था में मौत से जुड़े मामले में सीबीआई जांच सहित अन्य मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश पर चल रहे न्यायिक कर्मचारी गुरुवार से काम पर (Judicial employees back to work on Dec 15) लौटेंगे. राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ ने यह निर्णय सीजे पंकज मित्थल से वार्ता के बाद लिया. कर्मचारी बीते 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे थे.
गौरतलब है कि एनडीपीएस मामलों की विशेष कोर्ट में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा का जला हुआ शव 10 नवंबर को इसी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी कृष्ण स्वरूप चलाना के घर की छत पर मिला था. न्यायिक कर्मचारी मामले की सीबीआई जांच, न्यायिक अफसर को एपीओ करने, मृतक के परिजनों को 50 लाख रुपए मुआवजा सहित एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर बीते 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं. वहीं गत दिनों पुलिस ने मृतक की बहन की शिकायत पर एनडीपीएस कोर्ट के जज कृष्ण स्वरूप चलाना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था.
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मुख्य न्यायाधीश के निवास पर हुई वार्ता में सीजे के साथ मुख्य सचिव, गृह सचिव, पुलिस आयुक्त और कर्मचारी नेता मौजूद रहे. संघर्ष समिति के अध्यक्ष बद्री चौधरी ने बताया कि सीजे और मुख्य सचिव ने हमारी मांगों को लेकर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया है. गौरतलब है कि राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ के आव्हान पर बुधवार को भी न्यायिक कर्मचारी सामूहिक अवकाश पर रहे.
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जयपुर जिला व महानगर के कर्मचारी बीते 27 दिन और प्रदेश के अन्य जिलों के कर्मचारी 14 दिन से सामूहिक अवकाश पर हैं. इसकी वजह से प्रदेश में लाख मुकदमों में सुनवाई प्रभावित हुई है. कर्मचारियों की मांग पर एनडीपीएस कोर्ट के जज एसके चलाना के खिलाफ बीते रविवार रात को भांकरोटा थाने में रिपोर्ट दर्ज हो गई थी. इसके बाद हाईकोर्ट प्रशासन ने कर्मचारियों को काम पर लौटने को कहा था.