जयपुर. कोरोना संकट के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार ने सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के वेतन में कटौती की. जिसका विरोध तेजी बढ़ता जा रहा है.
पहले राज्य के कर्मचारी संघ इसका विरोध कर रहे थे लेकिन अब सचिवालय कर्मचारियों ने भी विरोध शुरू कर दिया है. सचिवालय कर्मचारी संघ ने शुक्रवार को मुख्य सचिव को ज्ञापन देकर विरोध दर्ज करवाया.
सचिवालय कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह शेखावत ने दिए ज्ञापन में कहा कि राज्यपाल, सचिवालय, सीएमओ, विधानसभा, हाईकोर्ट, राज्य निर्वाचन आयोग और आरपीएसी को वेतन कटौती से बाहर रखा गया है.
इसी तरह से सचिवालय कमर्चारी भी कोरोना जैसे वैश्विक महामारी में कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे हैं. लिहाज सचिवालय कर्मचारी और अधिकारियों को भी वेतन कटौती से बाहर किया जाए. संघ द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया कि सचिवालय कर्मचारी वैसे ही कई तरह के ऋण के बोझ तले दबे हुए है.
पढ़ें- Corona Update: प्रदेश में 1817 नए केस आए सामने, 15 मौतें... कुल आंकड़ा 1,11,290
ऐसे में कोरोना के इस संकट के वक्त सरकार ने कर्मचारियों के बच्चों की स्कूल फीस को भी माफ नहीं किया. कर्मचारियों को मकान की किस्त चुकानी होती है. इसके साथ ही लगातार बढ़ती महंगाई से भी कर्मचारियों को सामना करना पड़ रहा है.
इस हालातों में सचिवालय कर्मचारियों की कटौती से उनका बजट चरमरा गया है. ज्ञापन में कहा गया कि सचिवालय कर्मचारी सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को मूर्त रूप देने में लगे रहते है. सरकार के साथ हर परिस्थिति में कर्मचारी पूरी इमानदारी के साथ करते है. इन सब हालातों के बावजूद कर्मचारियों का वेतन कटना कर्मचारियों के अधिकारों का हनन है. इतना ही नहीं सचिवालय कर्मचारी कोविड के मध्यनजर मुख्यमंत्री सहायता कोष में पहले ही 1 से 3 दिन का वेतन कटवा चुके हैं.
कर्मचारी एकीकृत महासंघ पहले ही कर रहे है विरोध
प्रदेश के अन्य कर्मचारी महासंघ भी कटौती के पहले दिन से ही विरोध कर रहे हैं. एकीकृत कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने पहले ही दिन कटौती का विरोध दर्ज कराते हुए ज्ञापन भी दिया थ.