जोधपुर: राजस्थान में देश दुनिया का 25 हजार करोड़ रूपए मूल्य तक का मसाला उत्पादन हो रहा है, लेकिन अभी इसे पहचान नहीं मिल रही. इसे पहचान दिलाने और मसाला प्रोसेसिंग की बड़ी कंपनियों को यहां आकर्षित करने के उदृेश्य से राजस्थान एसोसिएशन ऑफ स्पाइसेज की ओर से जोधपुर में 8 और 9 फरवरी को दो दिवसीय मसाला एक्सपो का आयोजन किया जाएगा. इसमें देश की 100 से ज्यादा नामी गिरामी मसाला कंपनियां भाग लेंगी. राजस्थान में पैदा होने वाले उत्पाद भी इसमें प्रदर्शित किए जाएंगे. किसानों के साथ संवाद का कार्यक्रम भी रखा गया है.
एसोसिएशन के अध्यक्ष श्याम जाजू ने बताया कि राजस्थान के मसालों को वैश्विक पहचान देने का यह प्रयास है. संगठन यह बताना चाहता है कि राजस्थान में अन्य प्रदेशों के मुकाबले कई गुना ज्यादा मसालों का उत्पादन होता है, लेकिन उसके अनुरूप यहां ब्रांडिंग और मार्केट की कमी है. इसे पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. जाजू ने बताया कि इस दो दिवसीय एक्सपो में 600 से ज्यादा राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय बायर भी आ रहे हैं. इसके अलावा जो कंपनियां यहां आ रही है, उन्हें राजस्थान में ही अपनी यूनिट लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि प्रदेश और यहां के किसानों को फायदा मिल सके.
पढ़ें: मिलावट के खिलाफ अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई, 18 हजार किलो मिलावटी मसाला किया सीज
मंडी टैक्स अधिक होने का नुकसान: संगठन के सदस्यों ने बताया कि राजस्थान में 9 तरह के मसालों का उत्पादन हो रहा है, लेकिन यहां पर मंडी टैक्स अधिक होने से पड़ोसी राज्य इसका फायदा उठा रहे हैं. किसान से सीधी खरीद कर रहे हैं. इसका सीधा नुकसान राजस्थान सरकार को हो रहा है, लेकिन सरकार इसको लेकर अभी गंभीर नहीं है. हम संगठन के माध्यम से एकजुट होकर सरकार से इस व्यवस्था में बदलाव करने के लिए प्रयासरत हैं. इससे राजस्थान का किसान अपना उत्पाद राजस्थान में ही सही मूल्य पर बेच सकेगा और उसके उत्पाद का यहीं की इंडस्ट्रीज में उपयोग हो सकेगा. संगठन के सचिव महावीर गुप्ता ने बताया कि राजस्थान से अभी मसाले का एक्सपोर्ट बहुत कम मात्रा में हो रहा है. इसे बढ़ाने के लिए यहां इंडस्ट्रीज लगनी जरूरी है.