जयपुर: राजस्थान में कर्मचारी सरकार से नाराज है. खेमराज कमेटी की रिपोर्ट से नाखुश कर्मचारियों ने अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत कमेटी के तत्वावधान में विरोध - प्रदर्शन किया और गुरुवार को वित्त भवन के सामने कमेटी की रिपोर्ट की प्रतियां जलाई. महासंघ एकीकृत ने मांगों को गंभीरता से नही लिए जाने पर आंदोलन को उग्र करने की चेतावनी भी दी.
संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि सरकार ने महासंघ के दबाव में खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया, लेकिन इस रिपोर्ट में सिर्फ और सिर्फ कर्मचारियों के साथ छलावा किया गया. राठौड़ ने कहा कि राज्य सरकार ने इस रिपोर्ट में कुछ भी नहीं दिया, जिससे कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है. खेमराज कमेटी ने कर्मचारियों की मांगों एवं वेतन विसंगतियों को गंभीरता से नहीं लिया. सरकार ने सावंत कमेटी और खेमराज कमेटी पर करोड़ों रुपए जनता का खर्च कर दिया. खेमराज कमेटी के इतर राज्य सरकार ने भी संविदा कर्मचारियों को नियमित करने के वादा किया था, लेकिन लगभग 14 माह होने के बावजूद सरकार ने इसका अभी तक कोई आदेश जारी नहीं किया है.
सरकार ने नहीं किया सकारात्मक निर्णय: उन्होंने कहा कि मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए दूसरी पदोन्नति पर ग्रेड पे 4200 सहित सचिवालय के समान वेतनमान, राज्य के समस्त कर्मचारियों को 9, 18 और 27 के चयनित वेतनमान के स्थान पर एसीपी 8,16, 24 और 32 में देने और निविदा कर्मचारियों के लिए रेक्सो की तर्ज पर आरएलएसडीसी का गठन के लिए कई दिनों से आंदोलन करते आ रहे हैं. इसके बाद भी राज्य सरकार ने अभी तक इस पर कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया है. इस बात को लेकर राज्यभर के कर्मचारियों में बहुत आक्रोश है और इसी को देखते हुए गुरुवार को खेमराज कमेटी की रिपोर्ट की प्रतियों की होली जलाकर विरोध दर्ज किया है.
उग्र होगा आंदोलन: महासंघ अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने कहा कि आज तो सिर्फ प्रतियां जलाकर विरोध दर्ज कराया है. सरकार ने यदि मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा. इसके लिए 7 और 8 फरवरी को अलग अलग कर्मचारी संगठनों के साथ बैठक का दौर चलेगा. इसके बाद प्रदेश व्यापी आंदोलन की रणनीति बनेगी. महासंघ अध्यक्ष ने कहा कि सरकार की ओर से शीघ्र ही उचित नहीं निर्णय नहीं लिया जाता है तो विधानसभा का प्रदर्शन और आंदोलन भी शुरू करना पड़ सकता है.
महासंघ ने ये रखी मांग:
- मंत्रालयिक कर्मचारियों के लिए दूसरी पदोन्नति पर ग्रेड पे 4200 सहित सचिवालय के समान वेतनमान दिया जाए.
- राज्य के समस्त कर्मचारियों को 9, 18 और 27 के चयनित वेतनमान के स्थान पर एसीपी 8,16, 24 और 32 पदोन्नति की जाए.
- निविदा कर्मचारियों के लिए रेक्सो की तर्ज पर आरएलएसडीसी का गठन किया जाए.
- छोटे कर्मचारियों पर दमनात्मक कार्रवाई के खिलाफ कानून बनना जाए.
- बोर्ड निगम का निजीकरण बंद करते हुए नई भर्ती प्रक्रिया चालू करनी चाहिए.
- आइसोलेटेड पदों को पदोन्नति का लाभ एसीपी की अवधि से पहले दिए जाना चाहिए.