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सदन में गूंजे कई अहम मुद्दे, मंत्रियों ने 26 में से 15 सवालों के दिए जवाब - विधानसभा

राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ. सत्र की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई. प्रश्नकाल में कारखानों की चिमिनियों से निकलते प्रदूषण, फसल खराब के मुआवजे और उपखंडों पर कॉलेज शिक्षा की व्यवस्थाओं के मामले सदन में गूंजे.

राजस्थान विधानसभा बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू
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Published : Jul 8, 2019, 6:28 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ. वहीं, सत्र की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई. प्रश्नों के जवाब में मंत्रियों ने विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन करीब सभी मंत्री सवाल के जवाब में यह कहना नहीं भूले की वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर ही योजनाओं को आगे बढाया जाएगा.

राजस्थान विधानसभा बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू

वहीं, विधायक मदन प्रजापत ने प्रदेश में कपड़ा उद्योग के कारखानों में लगी चिमनियों की उंचाई का मामला उठाया. प्रजापत ने कहा कि जहां जहां कपड़ा उद्योग के कारखाने हैं, वहां इन कारखानों में चिमनियों की उंचाई नियमानुसार नहीं है और चिमनियों से निकल रहा जहरीला धुंआ और राख घरों तक पहुंच रहा है. जिससे लोगों का जीवन खराब कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक किसी को यह पता नहीं है कि बायलर्स के क्या मापदंड है.

उधर, ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत ने पालनहार योजना में शामिल बच्चों का मामला उठया. इस पर मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने जवाब दिया. विधायक शंकर सिंह रावत ने कहा कि आज भी क्षेत्र में सैंकड़ों बच्चे इस पालनहार योजना से वंचित हैं. क्योंकि इस योजना का प्रचार प्रसार ही नहीं किया जा रहा हैं, अधिकारी कोई न कोई कमी निकाल कर पालनहार योजना के आवेदनों को निरस्त कर दे रहे हैं.

विधायक ज्ञानचंद पारख ने पाली के रोहट में गैर आबादी भूमि को आबादी में परिवर्तित करने का मामला उठाया. पारख ने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी को पता है कि यहां बिखरी हुई आबादी है. 2011 से लेकर अब तक क्षेत्र में केवल एक गैर आबादी घर को आबादी क्षेत्र में घोषित किया है. अब वहां हजारों लोग रह रहे हैं, लेकिन भू उपयोग परिवर्तन के कारण उनको बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, वहां कैंप लगा कर ऐसे मामलों को निपटाया जाए. वहीं, समय सीमा भी तय की जाए. इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इतना देर लगा इसकी जिम्मेदारी वे लेते हैं और अब समय सीमा में ऐसे मामले निपटाएं जाएंगे.

इसके साथ ही नदबई से विधायक जोगेन्द्र सिंह अवाना ने उच्चैन में सरकारी महाविद्यालय नहीं होने का मामला उठाया. अवाना ने बताया कि उनके विधान सभा क्षेत्र में 48 पंचायते हैं. लेकिन, उच्चेन के आसपास कोई सरकारी कॉलेज नहीं है. निजी कॉलेज भी वहां बंद हो गए हैं. इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कॉलेज खोला जाएगा.

इधर, विधायक अर्जुन लाल जीनगर बीते जून महीने में आए आंधी तूफान का मामला उठाया. जीनगर ने कहा कि कोटडा में आए आंधी तूफान से मकानों को नुकसान हुआ है. आबादी क्षेत्रों में तो हुए नुकसान का मुआवजा मिल गया, लेकिन जो लोग खेतों में रह रहे हैं उनको मुआवजा नहीं मिला. पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को मुआवजा नहीं मिला. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हमारी सरकार ने भी ऐसा मुआवजा दिया है, जहां पहाड़ी क्षेत्रों में भी लोग रह रहे हैं. बता दें, प्रश्नकाल के दौरान 26 प्रश्न लगे हुए थे, जिसमें से एक दर्जन से अधिक प्रश्नों पर ही चर्चा हो पाई. वहीं, 2 प्रश्नों को स्थगित कर दिया गया.

जयपुर. राजस्थान विधान सभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ. वहीं, सत्र की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई. प्रश्नों के जवाब में मंत्रियों ने विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब तो दिए, लेकिन करीब सभी मंत्री सवाल के जवाब में यह कहना नहीं भूले की वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर ही योजनाओं को आगे बढाया जाएगा.

राजस्थान विधानसभा बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू

वहीं, विधायक मदन प्रजापत ने प्रदेश में कपड़ा उद्योग के कारखानों में लगी चिमनियों की उंचाई का मामला उठाया. प्रजापत ने कहा कि जहां जहां कपड़ा उद्योग के कारखाने हैं, वहां इन कारखानों में चिमनियों की उंचाई नियमानुसार नहीं है और चिमनियों से निकल रहा जहरीला धुंआ और राख घरों तक पहुंच रहा है. जिससे लोगों का जीवन खराब कर रहा है. उन्होंने कहा कि आज तक किसी को यह पता नहीं है कि बायलर्स के क्या मापदंड है.

उधर, ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत ने पालनहार योजना में शामिल बच्चों का मामला उठया. इस पर मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने जवाब दिया. विधायक शंकर सिंह रावत ने कहा कि आज भी क्षेत्र में सैंकड़ों बच्चे इस पालनहार योजना से वंचित हैं. क्योंकि इस योजना का प्रचार प्रसार ही नहीं किया जा रहा हैं, अधिकारी कोई न कोई कमी निकाल कर पालनहार योजना के आवेदनों को निरस्त कर दे रहे हैं.

विधायक ज्ञानचंद पारख ने पाली के रोहट में गैर आबादी भूमि को आबादी में परिवर्तित करने का मामला उठाया. पारख ने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी को पता है कि यहां बिखरी हुई आबादी है. 2011 से लेकर अब तक क्षेत्र में केवल एक गैर आबादी घर को आबादी क्षेत्र में घोषित किया है. अब वहां हजारों लोग रह रहे हैं, लेकिन भू उपयोग परिवर्तन के कारण उनको बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है. लिहाजा, वहां कैंप लगा कर ऐसे मामलों को निपटाया जाए. वहीं, समय सीमा भी तय की जाए. इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इतना देर लगा इसकी जिम्मेदारी वे लेते हैं और अब समय सीमा में ऐसे मामले निपटाएं जाएंगे.

इसके साथ ही नदबई से विधायक जोगेन्द्र सिंह अवाना ने उच्चैन में सरकारी महाविद्यालय नहीं होने का मामला उठाया. अवाना ने बताया कि उनके विधान सभा क्षेत्र में 48 पंचायते हैं. लेकिन, उच्चेन के आसपास कोई सरकारी कॉलेज नहीं है. निजी कॉलेज भी वहां बंद हो गए हैं. इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कॉलेज खोला जाएगा.

इधर, विधायक अर्जुन लाल जीनगर बीते जून महीने में आए आंधी तूफान का मामला उठाया. जीनगर ने कहा कि कोटडा में आए आंधी तूफान से मकानों को नुकसान हुआ है. आबादी क्षेत्रों में तो हुए नुकसान का मुआवजा मिल गया, लेकिन जो लोग खेतों में रह रहे हैं उनको मुआवजा नहीं मिला. पहाड़ी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को मुआवजा नहीं मिला. नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हमारी सरकार ने भी ऐसा मुआवजा दिया है, जहां पहाड़ी क्षेत्रों में भी लोग रह रहे हैं. बता दें, प्रश्नकाल के दौरान 26 प्रश्न लगे हुए थे, जिसमें से एक दर्जन से अधिक प्रश्नों पर ही चर्चा हो पाई. वहीं, 2 प्रश्नों को स्थगित कर दिया गया.

Intro:जयपुर(इंट्रो)
विधान सभा के बजट सत्र का दूसरा चरण सोमवार से शुरू हुआ। सत्र की शुरूआत प्रश्नकाल से हुई। प्रश्नकाल में कारखानों की चिमिनियों से निकलते प्रदूषण, फसल खराबे के मुआवजे और उपखंडों पर कॉलेज शिक्षा की व्यवस्थाओं के मामले सदन में गूंजे। मंत्रियों ने विधायकों की ओर से उठाए गए सवालों के जवाब तो दिए लेकिन लगभग सभी मंत्री सवाल के जवाब में यह कहना नहीं भूले की वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर ही योजनाओं को आगे बढाया जाएगा।

Body:विधायक मदन प्रजापत ने प्रदेश में कपडा उद्योग के कारखानों में लगी चिमनियों की उंचाई का मामला उठाया। प्रजापत ने कहा कि जहां जहां कपडा उद्योग के कारखाने हैं वहां इन कारखानों में चिमनियो की उंचाई नियमानुसार नहीं है और चिमनियों से निकल रहा जहरीला धुंआ और राख घरों तक पहुंच रहा है और लोगों का जीवन खराब कर रहा है। आज तक किसी को यह पता नहीं है कि बायलर्स के क्या मापदंड है।

ब्यावर से विधायक शंकर सिंह रावत ने पालनहार योजना में शामिल बच्चो का मामला उठया। इस पर मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल ने जवाब दिया। विधायक शंकर सिंह रावत ने कहा कि आज भी क्षेत्र में सैंकडो बच्चे इस पालनहार योजना से वंचित है क्योंकि इस योजना का प्रचार प्रचास ही नहीं किया जा रहा हे। अधिकारी कोई न कोई कमी निकाल कर पालनहार योजना के आवेदनों को निरस्त कर दिया जाता है।

विधायक ज्ञानचंद पारख ने पाली के रोहट में गैर आबादी भूमि को आबादी में परिवर्तितक करने का मामला उठाया। पारख ने कहा कि पूरे प्रदेश में सभी को पता है कि यहां बिखरी हुई आबादी है। 2011 से लेकर अब तक क्षेत्र में केवल एक गैर आबादी घर को आबादी क्षेत्र में घोषित किया है। अब वहां हजारों लोग रह रहे हैं लेकिन भू उपयोग परिवर्तन के कारण उनको बुनियादी सुविधाएं तक नहीं मिल पा रही है। लिहाजा वहां कैंप लगा कर ऐसे मामलों को निपटाया जाए। वहीं समय सीमा भी तय की जाए। इस पर राजस्व मंत्री ने कहा कि इतनी देरी लगी इसकी जिम्मेदारी वे लेते हैं और अब समय सीमा में ऐसे मामले निपटाएं जाएंगे। वर्षों के भीतर काम नहीं हो पाए। इसकी जिम्मेदारी में लेता हूं। समय सीमा तीन माह की तय है। इन सभी प्रकरणों का फैसला होगा।
नदबई से विधायक जोगेन्द्र सिंह अवाना ने उच्चैन में सरकारी महाविद्यालय नहीं होने का मामला उठाया। अवाना ने बताया कि उनके विधान सभा क्षेत्र में 48 पंचायत है। लेकिन उच्चेन के आसपास भी कोई सरकारी कॉलेज नहीं है। निजी कॉलेज भी वहां बंद हो गया है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री ने कहा कि वित्तीय संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर कॉलेज खोला जाएगा।

विधायक अर्जुन लाल जीनगर बीते जून माह में आए आंधी तूफान का मामला उठाया। जीनगर ने कहा कि कोटडा में आंधी तूफान ने मकानों को नुकसान हुआ। आबादी क्षेत्रों में तो हुए नुकसान का मुआवजा मिल गया लेकिन जो लोग खेतों में रह रहे हें उनको मुआवजा नहीं मिला। पहाडी क्षेत्रों में रह रहे लोगों को मुआवजा नहीं मिला। नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि हमारी सरकार ने भी ऐसे मुआवजा दिया जहा पहाडी क्षेत्रों में भी लोग रह रहे हें और हां तूफान से नुकसान हुआ था।

प्रश्नकाल के दौरान 26 प्रश्न लगे हुए थे, जिसमें से एक दर्जन से अधिक प्रश्नों पर ही चर्चा हो पाई। वहीं 2 प्रश्नों को स्थगित कर दिया गया।

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