चौमूं (जयपुर). कस्बे में महामारी के दौर में कोई भी स्थाई अधिकारी नहीं है. एसडीएम अभिषेक सुराना के तबादले के बाद किसी को यहां SDM के पद पर नहीं लगाया गया. इतना ही नहीं पिछले 1 साल से यहां तहसीलदार का पद रिक्त पड़ा है, लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है.
विधायक रामलाल शर्मा भी अधिकारियों की नियुक्ति की सरकार से मांग कर चुके हैं, लेकिन फिर भी अभी तक अधिकारियों की नियुक्ति नहीं की गई है. कोरोना के दौर में कर्मचारियों की बैठक या निर्देश देने के लिए भी कोई अधिकारी नहीं है. केवल तमाम व्यवस्थाएं पुलिस के भरोसे ही टिकी हुई हैं. एसडीएम, तहसीलदार, सहायक अभियंता और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी के पद पर अधिकारियों की नियुक्ति की मांग को लेकर पार्षद अनिता कुमावत ने कार्यवाहक एसडीएम सीमा शर्मा को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा.
पार्षद अनीता कुमावत ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच जन जागरूकता, वैक्सीनेशन अभियान की सुध लेने वाला भी कोई अधिकारी नहीं है. नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी का पद भी पिछले महीनों से रिक्त पड़ा है. ऐसे में नगर पालिका के संविदा कर्मियों को कोरोना पगार नहीं मिल पा रही है. इतना ही नही है शहर के विकास के लिए नगर पालिका में कोई टेंडर हो पा रहे हैं.
नगर पालिका में जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए भी कोई अधिकारी नहीं है. भीषण गर्मी के दौर में जहां शहर के लोग पानी के लिए त्राहिमाम त्राहिमाम कर रहे हैं, तो वहीं जलदाय विभाग में सहायक अभियंता का पद भी खाली पड़ा है.
जयपुर जिले की सबसे बड़ी राजस्व तहसील होने के बावजूद 1 साल से यहां तहसीलदार नियुक्त नहीं हो सका. इसका परिणाम यह भी है किन लोगों को यहां सरकारी योजनाओं का भी अब लाभ नहीं मिल पा रहा है. अब ज्ञापन सौंपकर पार्षद ने अधिकारियों की नियुक्ति की मांग की है.