जयपुर. हर घर तक नल से पानी पहुंचाने की योजना जल जीवन मिशन में गड़बड़ी के मामले में विभागीय जांच के बाद अब मामला पुलिस तक पहुंच गया है. विभागीय जांच में गड़बड़ी की दोषी पाई गई मैसर्स गणपति ट्यूबवेल कंपनी और प्रोपराइटर महेश मित्तल के खिलाफ अब जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) के अतिरिक्त मुख्य अभियंता ने मुकदमा दर्ज करवाया है. अब पुलिस इस मामले में अनुसंधान करेगी.
बजाज नगर थानाधिकारी कैलाश विश्नोई के अनुसार, पीएचईडी के अतिरिक्त मुख्य अभियंता (एसीई) अजय सिंह राठौड़ ने थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है. उन्होंने अपनी रिपोर्ट में बताया कि जयपुर शहर के खोह नागोरियान क्षेत्र में बीसलपुर परियोजना से पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइन बिछाने के टेंडर जारी किए गए थे. जिसमें मैसर्स गणपति ट्यूबवेल कंपनी, शाहपुरा, जयपुर ने भी हिस्सा लिया. इस फर्म के प्रोपराइटर महेश मित्तल हैं. सबसे कम दर होने के कारण मैसर्स गणपति ट्यूबवेल कंपनी को वर्क आर्डर जारी कर दिया गया. फर्म पर फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र काम में लेने की शिकायत मिलने पर जांच की गई.
पीएचईडी के उप सचिव की अध्यक्षता में की गई जांच में फर्जी कार्य पूर्णता प्रमाण पत्र उपयोग में लिए जाने की पुष्टि हुई है. इस आधार पर इस फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के निर्देश के आधार पर यह मुकदमा दर्ज करवाया जा रहा है. थानाधिकारी कैलाश विश्नोई ने बताया कि रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया जा रहा है. तफ्तीश एएसआई कालूराम कर रहे हैं.
एसीबी और ईडी भी कर रही है जांच: जल जीवन मिशन में बिल पास करने की एवज में रिश्वत का लेन-देन करते एसीबी ने ठेकेदार और पीएचईडी के इंजीनियर्स को गिरफ्तार किया था. इस मामले को लेकर एसीबी ने कई दस्तावेज और उपकरण भी जब्त किए हैं. जबकि इसी मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी जांच कर रही है. प्रदेशभर में जल जीवन मिशन में हजारों करोड़ रुपए के घोटाले की शिकायत के बाद ईडी ने कार्रवाई करते हुए ठेकेदार, अभियंताओं और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी. इस छापेमारी में नकदी और सोना भी मिला था.