जयपुर. राजस्थान सरपंच संघ की सोमवार को आयोजित बैठक में केंद्र सरकार की ओर से नरेगा के नियमों के बदलाव को निरस्त करने का प्रस्ताव पास किया गया और इसके खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई गई. राज्य सरकार के स्तर की मांगों को लेकर सचिवालय स्तर पर वार्ता की बात कही गई. मांगें नहीं मानने की स्थिति में बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव का निर्णय लिया गया.
सोमवार को सरपंच संघ के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर गढ़वाल की अध्यक्षता में संपन्न हुई. इसमें सरपंच संघ के प्रदेश पदाधिकारी व जिला जिला अध्यक्ष शामिल हुए. बैठक में पिछले आंदोलन की समीक्षा और उसमें लंबित रही मांगों को पूरा कराने के लिए नए सिरे से रणनीति बनाने के साथ ही नरेगा में हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा निकाले गए परिपत्रों पर विस्तार से चर्चा की गई. बैठक में सभी उपस्थित पदाधिकारियों ने प्रस्ताव पास किया कि केंद्र सरकार ने नरेगा में जो नए अमेंडमेंट किये गए हैं, उसके खिलाफ आंदोलन की रणनीति बनाई गई.
केंद्र सरकार के नरेगा के नए प्रावधान जिसमें बकाया पक्के निर्माण कार्यों का पैसा, एमएमएस से हाजिरी व 20 कामों की स्वीकृति की बाध्यता जरूरी की गई है. सरपंच संघ ने उन पर नाराजगी जाहिर की. केंद्र सरकार के इन दोनों आदेशों को निरस्त करने के लिए और बकाया पेमेंट शीघ्र जारी करने की मांग को लेकर शीघ्र ही सांसदों के माध्यम से केंद्रीय मंत्री के नाम ज्ञापन दिया जाएगा और सरपंच संघ का एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली में केंद्रीय मंत्री व अधिकारियों से मिलकर मांगों को पूरी करवाने का प्रयास करेगा.
बजट सत्र में करेंगे विधानसभा का घेराव: इसके अलावा राज्य सरकार से जुड़ी हुई मांगों को लेकर मंगलवार को सरपंच संघ का प्रतिनिधिमंडल सचिवालय जाएगा और अधिकारियों से लंबित मांगों को लेकर और स्टेट फाइनेंस की बकाया किस्तों को लेकर उन्हें शीघ्र डालने सहित अन्य मांगों के समाधान के लिए वार्ता करेगा. इसके बाद भी अगर मांगे पूरी नहीं की गईं, तो बजट सत्र के दौरान विधानसभा घेराव की तैयारी की जाएगी.