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जलदाय विभाग नहीं कर रहा मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल : कालीचरण सराफ

राजस्थान विधानसभा के शून्यकाल में आज पानी के बंद पड़े मीटर और उसके कारण मुख्यमंत्री की घोषणा का फायदा आम उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाने का मामला गुंजा. जिसमें भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए जलदाय विभाग पर मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल नहीं करने का आरोप लगाया.

कालीचरण सराफ का गहलोत सरकार पर आरोप
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Published : Jul 15, 2019, 4:22 PM IST

जयपुर. कालीचरण सराफ ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 8 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र में 15 हजार लीटर तक मुफ्त पानी देने की घोषणा की. लेकिन पेयजल विभाग का ही एक आदेश इस में रोड़ा बन गया है. भाजपा विधायक सराफ के अनुसार राजधानी जयपुर में ही लाखों पेयजल उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.

उनके अनुसार विभाग ने एक आदेश जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन पेयजल उपभोक्ताओं के पानी के मीटर बंद पड़े हैं उन्हें इसका फायदा नहीं दिया जाए. भाजपा विधायक का आरोप था कि जयपुर में ही करीब दो लाख 61 हजार उपभोक्ताओं के पेयजल के मीटर बंद पड़े हैं और विभाग एवरेज के अनुसार इन्हें मनमाना बिल भेज रहे है.

कालीचरण सराफ का गहलोत सरकार पर आरोप

कालीचरण सराफ ने सदन में मौजूद पेयजल मंत्री से इसका जवाब भी मांगा और यह भी आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि फिलहाल विभाग के पास 70 हजार मीटर बदलने की ही व्यवस्था है. सदन में जब यह सवाल उठा तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी इसका जवाब जानना चाहा, लेकिन मंत्री ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया.

जयपुर. कालीचरण सराफ ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 8 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र में 15 हजार लीटर तक मुफ्त पानी देने की घोषणा की. लेकिन पेयजल विभाग का ही एक आदेश इस में रोड़ा बन गया है. भाजपा विधायक सराफ के अनुसार राजधानी जयपुर में ही लाखों पेयजल उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है.

उनके अनुसार विभाग ने एक आदेश जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन पेयजल उपभोक्ताओं के पानी के मीटर बंद पड़े हैं उन्हें इसका फायदा नहीं दिया जाए. भाजपा विधायक का आरोप था कि जयपुर में ही करीब दो लाख 61 हजार उपभोक्ताओं के पेयजल के मीटर बंद पड़े हैं और विभाग एवरेज के अनुसार इन्हें मनमाना बिल भेज रहे है.

कालीचरण सराफ का गहलोत सरकार पर आरोप

कालीचरण सराफ ने सदन में मौजूद पेयजल मंत्री से इसका जवाब भी मांगा और यह भी आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि फिलहाल विभाग के पास 70 हजार मीटर बदलने की ही व्यवस्था है. सदन में जब यह सवाल उठा तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी इसका जवाब जानना चाहा, लेकिन मंत्री ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया.

Intro:जलदाय विभाग नहीं कर रहा मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल- कालीचरण सराफ

स्थगन के जरिए कालीचरण सराफ में उठाया बंद पड़े पानी के मेट्रो का मामला

जयपुर (इंट्रो)
राजस्थान विधानसभा के शून्यकाल में पानी के बंद पड़े मीटर और उसके कारण मुख्यमंत्री की घोषणा का फायदा आम उपभोक्ताओं का नहीं मिल पाने का मामला गुंजा। सोमवार को भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने स्थगन के जरिए यह मामला उठाते हुए जलदाय विभाग पर मुख्यमंत्री की घोषणाओं पर अमल नहीं करने का आरोप भी लगाया। कालीचरण सराफ ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 8 मार्च को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी क्षेत्र में 15000 लीटर तक मुफ्त पानी देने की घोषणा की लेकिन पेयजल विभाग का ही एक आदेश इस में रोड़ा बन गया है। कालीचरण सराफ के अनुसार राजधानी जयपुर में ही लाखों पेयजल उपभोक्ताओं को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। उनके अनुसार विभाग ने एक आदेश जारी कर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जिन पेयजल उपभोक्ताओं के पानी के मीटर बंद पड़े हैं उन्हें इसका फायदा नहीं दिया जाए। भाजपा विधायक का आरोप था कि जयपुर में ही करीब दो लाख 61 हजार उपभोक्ताओं के पेयजल के मीटर बंद पड़े हैं और विभाग एवरेज के अनुसार इन्हें मनमाना बिल भेज रहे हैं। कालीचरण सराफ ने सदन में मौजूद पेयजल मंत्री से इसका जवाब भी मांगा और यह भी आरोप लगाया कि विभाग के अधिकारियों से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि फिलहाल विभाग के पास 70000 मीटर बदलने की ही व्यवस्था है। सदन में जब यह सवाल उठा तो स्पीकर सीपी जोशी ने भी इसका जवाब जानना चाहा लेकिन मंत्री ने फिलहाल कोई जवाब नहीं दिया।

बाइट -कालीचरण सराफ,भाजपा विधायक

(नोट- इस खबर के साथ कालीचरण सराफ का बाइट भेजा है जबकि वॉइस ओवर नहीं किया है क्योंकि मैं अभी विधानसभा में हूं।)


Body:बाइट -कालीचरण सराफ,भाजपा विधायक

(नोट- इस खबर के साथ कालीचरण सराफ का बाइट भेजा है जबकि वॉइस ओवर नहीं किया है क्योंकि मैं अभी विधानसभा में हूं।)


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