जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर भाजपा विधायक अविनाश की ओर से प्राइवेट मेंबरशिप बिल रखा गया. इस बिल पर भाजपा विधायक अविनाश, उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, रामनिवास कासनिया, सीपीएम विधायक बलवान पूनिया और निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने अपनी बात रखी.
इस बिल पर सदन में उस समय हंगामा हो गया जब संयम लोढ़ा ने भाजपा विधायक अविनाश की ओर से कानून बनाकर उन लोगो को सुविधाओ से वंचित करने की वकालत की गई जिनके 2 से ज्यादा बच्चे हैं. संयम लोढ़ा ने सदन में यह तक कह दिया कि क्या आपके बाप का राज है जो जनसंख्या नियंत्रण के कानून के नाम पर गरीबों वंचितों के अधिकार छिनने की बात करो.
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जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्राइवेट बिल पर विधायक अविनाश ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि कई राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठन हैं जो मुसलमान में असुरक्षा की भावना भर उन्हें मुख्यधारा से अलग ही नही करते, बल्कि उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल भी करते हैं. जनसंख्या नियंत्रण को इस्लाम के विरोध में बताया जाता है, यह चेतावनी दी जाती है कि जनसंख्या नियंत्रण कानून को मुसलमान नहीं मानेंगे. जबकि हकीकत यह है कि जनसंख्या नियंत्रण की सबसे ज्यादा आवश्यकता मुसलमानों को है.
विधायक अविनाश ने कहा कि जब तक जनसंख्या नियंत्रण पर सख़्त कानून नहीं बनेगा तब तक हालात बिगड़ते रहेंगे और जनसंख्या के दुष्परिणाम सामने आते रहेंगे. अविनाश ने जनसंख्या नियंत्रण रोकने के लिए पॉलिसी की वकालत करते हुए कहा कि जिसके भी 2 से अधिक बच्चे हैं, उनपर चुनावों से मतदान से वंचित करने, गैस सिलेंडर बंद करने, प्रधानमंत्री आवास देना बंद करने, शौचालय योजना आदि पर पाबंदी लगाई जाए.
जिन परिवारों की जनसंख्या कम उन्हें दे इंसेंटिवः जनसंख्या नियंत्रण को लेकर प्राइवेट बिल पर बोलते हुए उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का तो समर्थन किया. लेकिन किसी को अधिकारों से वंचित करने की बात की जगह उन्होंने जिन परिवारों में कम बच्चे है उन्हें सरकारी योजनाओं में इंसेंटिव देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में बच्चे ज्यादा हैं और जो बीपीएल या गरीब हैं, उनसे योजनाओं के फायदे वापस लेने की जगह हम उन गरीबों को इंसेंटिव देने की बात करें, जिसके बच्चे कम हैं. उन्होंने कहा कि गरीब हो या अमीर हम यह मैसेज दें कि राजस्थान सरकार ने छोटे परिवारों को आगे बढ़ाने के लिए इंसेंटिव दिया है तो सभी में जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूकता आएगी.
क्या आप के "बाप का राज है": निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा ने विधायक अविनाश के ज्यादा बच्चों वाले परिवारों पर सरकारी योजनाओं में पाबंदियां लगाने का विरोध किया. उन्होंने कहा कि कानून लाकर 2 से ज्यादा बच्चे वाले परिवारों के नौकरी, शिक्षा, चिकित्सा, चुनाव लड़ने से पाबंदी वाली बात कहा कि " क्या तुम्हारे बाप का राज है जो यह तुम यह कर दोगे ". उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होगा तो जिन लोगों को आप जनसंख्या नियंत्रण के नाम पर योजनाओं से वंचित करने का षड्यंत्र करोगे तो सबसे पहले हम आप के विरोध में खड़े होंगे.
इस पर सदन में हंगामा हुआ और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा की सदन में "मां-बाप की बात हो रही है, यह गलत है. इस मामले में सदन में शांति होने के बाद संयम ने परिवार नियंत्रण के नाम पर किसी बाबा के ढोंग करने और लोगों को बेवकूफ बनाने का उदाहरण दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ खड़े हुए और उन्होंने कहा कि सदन में हमारी आस्था के केंद्र बाबा का नाम लिया गया हैं, जिससे साधु अपमानित हो रहे है, उस बाबा का नाम बताया जाए.
इस पर संयम लोढ़ा ने कहा कि उस बाबा का नाम है बाबा राजेंद्र सिंह राठौड़. इसके आगे बोलते हुए संयम लोढ़ा ने महिला विकास मंत्री ममता भूपेश से कहा कि पहले आपने एक संतान होने पर 6000 देने का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 2 बच्चे पर भी 6 हज़ार करने का प्रावधान किया. यह देश के हित में नहीं है, लोगों के हित में नहीं है. उन्होंने कहा देश में आबादी को नियंत्रण में रखना जरूरी है, ऐसे में सरकार इस नियम को बदले.