जयपुर. राजधानी जयपुर में संजय पांडे के शव का रविवार को पांचवें दिन भी अंतिम संस्कार नहीं हो पाया. रामप्रसाद मीणा सुसाइड मामले के बाद अब यह मामला भी तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. संजय पांडे के परिजन अपनी मांगों को लेकर एसएमएस मोर्चरी के बाहर धरने पर बैठे हुए हैं. परिजनों के साथ भाजपा के बड़े नेता भी धरने में शामिल हुए. जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा, पूर्व बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, जयपुर शहर अध्यक्ष राघव शर्मा समेत पार्टी के कई नेता धरने में शामिल हुए.
सवाई मानसिंह अस्पताल की मोर्चरी के बाहर सर्व समाज के लोग परिजनों के साथ धरने में शामिल हो रहे हैं. बीजेपी नेता और सर्व समाज के गणमान्य लोग भी संजय पांडे के परिजनों के साथ न्याय की मांग कर रहे हैं. रविवार को दोपहर तक धरना जारी रहा. दोपहर बाद धरना स्थगित कर दिया गया. हालांकि, परिजनों का कहना है कि जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा और धरना लगातार जारी रहेगा. मुआवजा आश्रितों को सरकारी नौकरी समेत अन्य मांगों को लेकर परिजन धरना दे रहे हैं.
सर्व समाज और बीजेपी नेताओं का कहना है कि संजय पांडे ने मौत से पहले ऑडियो बयान दिए थे, जिसमें जिन लोगों से परेशान होने की बात कही गई, उनके खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाए. आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए. परिजनों को भरतपुर में जुनैद और नासिर की तर्ज पर मुआवजा राशि दी जाए. परिवार के आश्रित को सरकारी नौकरी और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए. भाजपा नेताओं ने गहलोत सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रदेश में जंगलराज बना हुआ है. कानून-व्यवस्था बिगड़ी हुई हैं. लोग प्रताड़ित होकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं. सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
बता दें कि कानोता इलाके में 19 अप्रैल को संजय पांडे ने सुसाइड किया था. खुदकुशी से पहले एक ऑडियो मैसेज मोबाइल में रिकॉर्ड किया था, जिसमें शब्बीर नाम के व्यक्ति पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. पीड़ित ने यह भी उस ऑडियो में कहा था कि ऐसे लोगों पर विधायक रफीक खान का आशीर्वाद है. इसके साथ ही शब्बीर नाम के व्यक्ति पर गोकशी का धंधा करने का भी आरोप लगाया था. गौ रक्षक भी गौ हत्यारों को सजा देने की मांग कर के परिजनों के साथ धरने में शामिल हो रहे हैं. परिजनों की मांग है कि आरोपियों को गिरफ्तार किया जाए, परिवार को आर्थिक पैकेज दिया जाए, एक सरकारी नौकरी दी जाए.