जयपुर : सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीजों का बढ़ता हुआ दबाव चिकित्सा विभाग के लिए एक चुनौती बन गया है. इस चुनौती का सामना करने के लिए अस्पताल में सुविधाओं को बेहतर बनाने की तैयारी की जा रही है. फिलहाल, सवाई मानसिंह अस्पताल में आईपीडी और कार्डियक टावर का निर्माण किया जा रहा है, जिससे मरीजों को बेहतर इलाज मिल सकेगा. इसके अलावा चिकित्सा विभाग अब सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज और इससे जुड़े अस्पतालों को एक मॉडल हॉस्पिटल के रूप में विकसित करने की दिशा में विचार कर रहा है.
इसके लिए अस्पताल के प्रशासनिक ढांचे और भवन सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार किए जाएंगे, ताकि स्वास्थ्य सेवाएं मरीजों के हित में और अधिक प्रभावी बन सकें. अस्पताल को चरणबद्ध तरीके से आधुनिक बनाया जाएगा. इसे एनएबीएच और जेसीआई के मानकों के अनुसार विकसित किया जाएगा. चिकित्सा शिक्षा सचिव अम्बरीष कुमार ने जानकारी दी कि एसएमएस अस्पताल भारत के सबसे बड़े और प्रसिद्ध अस्पतालों में से एक है, जहां सबसे अधिक आईपीडी और ओपीडी की संख्या है. यहां विश्वस्तरीय डॉक्टरों द्वारा इलाज किया जाता है, लेकिन अब इस अस्पताल के बुनियादी ढांचे और प्रबंधन को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाने की योजना है.
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कई सुविधाओं से सुसज्जित होगा अस्पताल : उन्होंने बताया कि आगामी दो वर्षों में एसएमएस अस्पताल को पूरी तरह से नया और अत्याधुनिक बनाने की दिशा में काम किया जाएगा. इस प्रक्रिया में अस्पताल में रिंग रोड, स्काई वॉक, गार्डन प्लाजा, 2500 वाहनों के लिए पार्किंग, सेंट्रल ऑक्सीजन प्लांट, डिजिटल रजिस्ट्रेशन, मोर्चरी, फूड कोर्ट जैसी सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा. साथ ही अस्पताल को मरीजों के लिए और अधिक सुविधाजनक और फ्रेंडली बनाने पर भी जोर दिया जाएगा. बता दें कि एसएमएस अस्पताल में हर दिन औसतन 10,000 मरीज इलाज के लिए आते हैं. यहां न केवल राजस्थान से, बल्कि मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और दिल्ली जैसे राज्यों से भी मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं.