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SPECIAL REPORT: देश को 8 फीसदी नमक देने वाली सांभर झील 'लॉक', श्रमिकों के आगे भी दो जून के रोटी का संकट

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Published : Apr 16, 2020, 3:01 PM IST

Updated : Apr 17, 2020, 11:46 AM IST

देश को 8 प्रतिशन नमक देने वाली सांभर झील में कोरोना वायरस की वजह से कारोबार पूरी तरह से ठप हो गया है. पिछले चार महीनों में सांभर झील के लिए तीसरी बार संकट उत्पन्न हो गया है. एक तरफ जहां व्यापारियों के सामने व्यापार बंद होने का संकट मंडरा रहा है तो वहीं श्रमिकों के सामने रोजी-रोटी का संकट मुंह फैलाए बैठा है.

sambhar-lake-closed, सांभर झील
सांभर झील चार महीने में तीसरी बार बंद.

जयपुर. देश की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक यह सांभर झील है. इस झील से देश के कुल नमक उत्पादन का 8% नमक इस झील से मिलत है. एक फिर से कोरोना वायरस के संकट के बीच सांभर झील से निकलने वाले नमक का व्यापार ठप्प हो गया है. ऐसे हालात देश में लगभग सभी व्यवसायों का है...लेकिन सांभर झील के नमक का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों और यहां काम करने वाले श्रमिक पिछले 4 महीने में तीसरी बार व्यवसाय ठप होने के संकट से जूझ रहे हैं.

सांभर झील चार महीने में तीसरी बार बंद.
  • सांभर झील में अक्टूबर 2019 में हजारों पक्षियों की मौत हुई थी
  • पक्षियों की मौत से व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ था
  • हालात सही होने से पहले प्रदेश में लागू हो गया लॉकडाउन
  • श्रमिक और व्यापारी लॉकडाउन हटने का कर रहे इंतजार

पहले सांभर झील में पक्षियों की मौत और अब लॉकडाउन ने इस व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी है. अगर इस व्यवसाय को सरकार की ओर से रियायत नहीं दी गई तो नमक का काम इस साल पूरी तरह से ठप होने की कगार पर है. वजह साफ है कि, जून के महीने तक संभव है बारिश शुरू हो जाए ऐसे में मार्च के बाद अब 40 दिनों का लॉक डाउन रहेगा. ऐसे में अगर इस व्यवसाय को फिर से शुरू नहीं किया गया तो यह पूरी तरह से ठप हो सकता है.

ये भी पढ़ें: पांच के पंच से COVID-19 पस्त, अजमेर कोरोना वायरस से मुक्त

व्यापारियों के साथ ही यहां पर काम करने वाले हजारों श्रमिकों के सामने बेरोजगारी का बड़ा संकट भी मंडरा रहा है. कुछ व्यापारियों ने श्रमिकों को अभी भी अपने पास रखा हुआ है वह भी इस उम्मीद के साथ कि उनका काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कम से कम सोशल अपनाते हुए इतनी परमिशन मिल जाए कि वह नमक का प्रोडक्शन करना शुरू कर सके.

ये भी पढ़ें: राजस्थान के किसान ने मरुधरा में उगा दी 'कश्मीरी केसर'

व्यपारियों का कहना है कि तैयार नमक को भले ही वह बाद में बेच लेंगे, लेकिन अगर प्रोडक्शन ही शुरू नहीं हुआ तो फिर वह कैसे श्रमिकों को पैसा देंगे और कैसे उनके व्यापार चलेंगे...व्यापारियों ने सरकार से प्रोडक्शन करने की इजाजत देने की मांग की है.

जयपुर. देश की सबसे बड़ी खारे पानी की झीलों में से एक यह सांभर झील है. इस झील से देश के कुल नमक उत्पादन का 8% नमक इस झील से मिलत है. एक फिर से कोरोना वायरस के संकट के बीच सांभर झील से निकलने वाले नमक का व्यापार ठप्प हो गया है. ऐसे हालात देश में लगभग सभी व्यवसायों का है...लेकिन सांभर झील के नमक का व्यवसाय करने वाले व्यापारियों और यहां काम करने वाले श्रमिक पिछले 4 महीने में तीसरी बार व्यवसाय ठप होने के संकट से जूझ रहे हैं.

सांभर झील चार महीने में तीसरी बार बंद.
  • सांभर झील में अक्टूबर 2019 में हजारों पक्षियों की मौत हुई थी
  • पक्षियों की मौत से व्यवसाय पूरी तरह से प्रभावित हुआ था
  • हालात सही होने से पहले प्रदेश में लागू हो गया लॉकडाउन
  • श्रमिक और व्यापारी लॉकडाउन हटने का कर रहे इंतजार

पहले सांभर झील में पक्षियों की मौत और अब लॉकडाउन ने इस व्यवसाय की कमर तोड़कर रख दी है. अगर इस व्यवसाय को सरकार की ओर से रियायत नहीं दी गई तो नमक का काम इस साल पूरी तरह से ठप होने की कगार पर है. वजह साफ है कि, जून के महीने तक संभव है बारिश शुरू हो जाए ऐसे में मार्च के बाद अब 40 दिनों का लॉक डाउन रहेगा. ऐसे में अगर इस व्यवसाय को फिर से शुरू नहीं किया गया तो यह पूरी तरह से ठप हो सकता है.

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व्यापारियों के साथ ही यहां पर काम करने वाले हजारों श्रमिकों के सामने बेरोजगारी का बड़ा संकट भी मंडरा रहा है. कुछ व्यापारियों ने श्रमिकों को अभी भी अपने पास रखा हुआ है वह भी इस उम्मीद के साथ कि उनका काम जल्द ही शुरू हो जाएगा. व्यापारियों ने प्रशासन से मांग की है कि उन्हें कम से कम सोशल अपनाते हुए इतनी परमिशन मिल जाए कि वह नमक का प्रोडक्शन करना शुरू कर सके.

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व्यपारियों का कहना है कि तैयार नमक को भले ही वह बाद में बेच लेंगे, लेकिन अगर प्रोडक्शन ही शुरू नहीं हुआ तो फिर वह कैसे श्रमिकों को पैसा देंगे और कैसे उनके व्यापार चलेंगे...व्यापारियों ने सरकार से प्रोडक्शन करने की इजाजत देने की मांग की है.

Last Updated : Apr 17, 2020, 11:46 AM IST
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