ETV Bharat / state

कुचामन में संत की नृशंस हत्याः जानिए राजस्थान में कब-कब गरमाया संतों-पुजारियों की मौत का मुद्दा

प्रदेश के डीडवाना-कुचामन जिले के रसाल गांव में एक संत की नृशंसतापूर्वक हत्या की गई है. हत्या से इलाके के ग्रामीणों में रोष है. बीते दो-तीन साल में पुजारियों और संतों की मौत के कई मामले चर्चा में रहे हैं. जिनके कारण सरकार और पुलिस को आमजन के गुस्से का शिकार होना पड़ा था.

saint murder in Kuchaman, Know when deaths of saints
कुचामन में संत की नृशंस हत्याः जानिए राजस्थान में कब-कब गरमाया संतों-पुजारियों की मौत का मुद्दा
author img

By

Published : Aug 14, 2023, 6:06 PM IST

जयपुर. डीडवाना-कुचामन जिले के रसाल गांव में संत मोहन दास की नृशंसतापूर्वक हत्या के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है. संत के हाथ-पैर बांध की गई हत्या के बाद गांव में सनसनी फैल गई. अब ग्रामीण पूरे मामले का जल्द खुलासा करने और हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. प्रदेश में बीते दो-तीन सालों में संतों और पुजारियों की मौत के कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जिनके कारण पुलिस और कहीं न कहीं सरकार को भी आमजन के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. इनमें भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में संत विजयदास द्वारा आत्मदाह करने का मामला हो या जालोर के राजपुरा गांव में जमीन विवाद के चलते संत रविनाथ द्वारा खुदकुशी करने का मामला. कई दिनों तक लंबे आंदोलन के बाद पुलिस और ग्रामीणों में सुलह की राह निकल पाई थी.

इसी तरह दौसा के टिकरी गांव में पुजारी शंभू शर्मा की मौत का मामला भी काफी चर्चित रहा था और इस मामले में महवा से लेकर जयपुर तक धरना-प्रदर्शन किया गया था. इसी तरह राजसमंद जिले के हीरा की बस्सी गांव में जमीन विवाद के चलते भूमाफिया द्वारा पुजारी और उसकी पत्नी को पेट्रोल बम से जलाने का मामला भी काफी चर्चित रहा था. फिलहाल, डीडवाना-कुचामन जिले के रसाल गांव में संत मोहन दास की हत्या के बाद पुलिस मौके पर है और जल्द से जल्द वारदात के खुलासे का प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें: जोधपुर: संत की हत्या को लेकर नामजद मामला दर्ज, आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

एसपी प्रवीण कुमार खुद मौके पर पहुंचकर पूरे मामले को मॉनिटर कर रहे हैं. दरअसल, रसाल गांव के बाहर हरिराम बाबा की बगीची स्थित भैरूबाबा के मंदिर की 14 साल से सेवा कर रहे मोहन दास की बीती रात बदमशों ने नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी. प्रारंभिक तौर पर पुलिस चोरी के लिए हत्या की वारदात को अंजाम देने की आशंका जता रही है. इस पूरे मामले को लेकर एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन का कहना है कि एसपी मौके पर हैं और खुद इंवेस्टिगेशन को मॉनिटर कर रहे हैं. कुछ सुराग मिले हैं. जिनके आधार पर पड़ताल को आगे बढ़ाया जा रहा है. उनका दावा है कि जल्द वारदात का खुलासा कर हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

राजसमंद में पुजारी-पत्नी को जलायाः बीते साल नवंबर में प्रदेश के राजसमंद जिले में जमीन विवाद के चलते पुजारी और उसकी पत्नी को पेट्रोल बम से जिंदा जलाने के मामले ने हर किसी को झकझोर दिया था. दरअसल, हीरा की बस्सी गांव में जमीन विवाद के चलते पुजारी नवरतन प्रजापत और उनकी पत्नी जमना देवी पर पेट्रोल बम से हमला किया गया था. उदयपुर में उपचार के दौरान नवरतन प्रजापत ने दम तोड़ दिया था. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था.

पढ़ें: सकल जैन समाज और कई सामाजिक संगठनों ने जैन संत की हत्या के विरोध में किया विरोध प्रदर्शन

पुजारी की मौत पर दौसा से जयपुर तक बवालः साल 2021 में दौसा जिले में महवा के टिकरी गांव में भूमाफिया द्वारा जमीन हड़पने के बाद सदमे से पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद महवा (दौसा) से लेकर जयपुर तक बवाल हुआ था. 8 अप्रैल को इस घटना के बाद भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में पहले 6 दिन तक महवा में प्रदर्शन किया गया. इसके बाद जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में शव रखकर प्रदर्शन किया गया था. जमीन हड़पने वाले भूमाफिया पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई दिनों तक यह आंदोलन चला था.

पढ़ें: संत विजयदास आत्मदाह: पूनिया ने गहलोत सरकार को घेरा तो शेखावत ने जाहिदा पर लगाए ये आरोप

अवैध खनन रुकवाने को संत का आत्मदाहः भरतपुर जिले के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में संतों ने 500 दिन से ज्यादा आंदोलन चला. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता देखकर संत विजयदास ने 19 जुलाई, 2022 को आत्मदाह कर लिया था. गंभीर रूप से झुलसने के कारण उन्हें दिल्ली ले जाकर उपचार करवाया गया. लेकिन आखिरकार 23 जुलाई को उनका दिल्ली में निधन हो गया था. इस घटना से सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.

संत रविनाथ की खुदकुशी के बाद विधायक पर आरोपः जालोर जिले के राजपुरा गांव में जमीन विवाद के चलते संत रविनाथ ने अपनी जान दे दी थी. इस मामले की आंच भाजपा विधायक पूराराम चौधरी व उनके साथियों तक भी पहुंची थी. संत ने विधायक चौधरी व साथियों पर आश्रम की जमीन कब्जाने का आरोप लगाकर अपनी जान दे दी थी. इसके बाद ग्रामीणों ने कई दिनों तक शव रखकर प्रदर्शन किया था और शव का अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया था.

जयपुर. डीडवाना-कुचामन जिले के रसाल गांव में संत मोहन दास की नृशंसतापूर्वक हत्या के बाद ग्रामीणों में गुस्सा है. संत के हाथ-पैर बांध की गई हत्या के बाद गांव में सनसनी फैल गई. अब ग्रामीण पूरे मामले का जल्द खुलासा करने और हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे हैं. प्रदेश में बीते दो-तीन सालों में संतों और पुजारियों की मौत के कई ऐसे मामले सामने आए हैं. जिनके कारण पुलिस और कहीं न कहीं सरकार को भी आमजन के गुस्से का शिकार होना पड़ा था. इनमें भरतपुर के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में संत विजयदास द्वारा आत्मदाह करने का मामला हो या जालोर के राजपुरा गांव में जमीन विवाद के चलते संत रविनाथ द्वारा खुदकुशी करने का मामला. कई दिनों तक लंबे आंदोलन के बाद पुलिस और ग्रामीणों में सुलह की राह निकल पाई थी.

इसी तरह दौसा के टिकरी गांव में पुजारी शंभू शर्मा की मौत का मामला भी काफी चर्चित रहा था और इस मामले में महवा से लेकर जयपुर तक धरना-प्रदर्शन किया गया था. इसी तरह राजसमंद जिले के हीरा की बस्सी गांव में जमीन विवाद के चलते भूमाफिया द्वारा पुजारी और उसकी पत्नी को पेट्रोल बम से जलाने का मामला भी काफी चर्चित रहा था. फिलहाल, डीडवाना-कुचामन जिले के रसाल गांव में संत मोहन दास की हत्या के बाद पुलिस मौके पर है और जल्द से जल्द वारदात के खुलासे का प्रयास किया जा रहा है.

पढ़ें: जोधपुर: संत की हत्या को लेकर नामजद मामला दर्ज, आरोपी की तलाश में जुटी पुलिस

एसपी प्रवीण कुमार खुद मौके पर पहुंचकर पूरे मामले को मॉनिटर कर रहे हैं. दरअसल, रसाल गांव के बाहर हरिराम बाबा की बगीची स्थित भैरूबाबा के मंदिर की 14 साल से सेवा कर रहे मोहन दास की बीती रात बदमशों ने नृशंसतापूर्वक हत्या कर दी. प्रारंभिक तौर पर पुलिस चोरी के लिए हत्या की वारदात को अंजाम देने की आशंका जता रही है. इस पूरे मामले को लेकर एडीजी (क्राइम) दिनेश एमएन का कहना है कि एसपी मौके पर हैं और खुद इंवेस्टिगेशन को मॉनिटर कर रहे हैं. कुछ सुराग मिले हैं. जिनके आधार पर पड़ताल को आगे बढ़ाया जा रहा है. उनका दावा है कि जल्द वारदात का खुलासा कर हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

राजसमंद में पुजारी-पत्नी को जलायाः बीते साल नवंबर में प्रदेश के राजसमंद जिले में जमीन विवाद के चलते पुजारी और उसकी पत्नी को पेट्रोल बम से जिंदा जलाने के मामले ने हर किसी को झकझोर दिया था. दरअसल, हीरा की बस्सी गांव में जमीन विवाद के चलते पुजारी नवरतन प्रजापत और उनकी पत्नी जमना देवी पर पेट्रोल बम से हमला किया गया था. उदयपुर में उपचार के दौरान नवरतन प्रजापत ने दम तोड़ दिया था. इस मामले को लेकर ग्रामीणों ने प्रदर्शन भी किया था.

पढ़ें: सकल जैन समाज और कई सामाजिक संगठनों ने जैन संत की हत्या के विरोध में किया विरोध प्रदर्शन

पुजारी की मौत पर दौसा से जयपुर तक बवालः साल 2021 में दौसा जिले में महवा के टिकरी गांव में भूमाफिया द्वारा जमीन हड़पने के बाद सदमे से पुजारी शंभू शर्मा की मौत के बाद महवा (दौसा) से लेकर जयपुर तक बवाल हुआ था. 8 अप्रैल को इस घटना के बाद भाजपा नेता किरोड़ीलाल मीणा के नेतृत्व में पहले 6 दिन तक महवा में प्रदर्शन किया गया. इसके बाद जयपुर के सिविल लाइंस इलाके में शव रखकर प्रदर्शन किया गया था. जमीन हड़पने वाले भूमाफिया पर कार्रवाई की मांग को लेकर कई दिनों तक यह आंदोलन चला था.

पढ़ें: संत विजयदास आत्मदाह: पूनिया ने गहलोत सरकार को घेरा तो शेखावत ने जाहिदा पर लगाए ये आरोप

अवैध खनन रुकवाने को संत का आत्मदाहः भरतपुर जिले के पसोपा गांव में अवैध खनन के विरोध में संतों ने 500 दिन से ज्यादा आंदोलन चला. लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता देखकर संत विजयदास ने 19 जुलाई, 2022 को आत्मदाह कर लिया था. गंभीर रूप से झुलसने के कारण उन्हें दिल्ली ले जाकर उपचार करवाया गया. लेकिन आखिरकार 23 जुलाई को उनका दिल्ली में निधन हो गया था. इस घटना से सरकार और पुलिस की काफी किरकिरी हुई थी.

संत रविनाथ की खुदकुशी के बाद विधायक पर आरोपः जालोर जिले के राजपुरा गांव में जमीन विवाद के चलते संत रविनाथ ने अपनी जान दे दी थी. इस मामले की आंच भाजपा विधायक पूराराम चौधरी व उनके साथियों तक भी पहुंची थी. संत ने विधायक चौधरी व साथियों पर आश्रम की जमीन कब्जाने का आरोप लगाकर अपनी जान दे दी थी. इसके बाद ग्रामीणों ने कई दिनों तक शव रखकर प्रदर्शन किया था और शव का अंतिम संस्कार तक नहीं करने दिया था.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.