जयपुर. पिछले 11 दिनों से भरतपुर में 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे सैनी समाज का आंदोलन सोमवार को खत्म हो सकता है. आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल और ओबीसी आयोग के अध्यक्ष जस्टिस भंवरू खान की सकारात्मक वार्ता हुई है. अब प्रतिनिधिमंडल आंदोलन को लेकर आगे की रणनीति आंदोलन स्थल पर जाकर तय करेगा.
संघर्ष समिति के संयोजक मुरारी लाल सैनी ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों माली, सैनी, कुशवाहा सहित अन्य जातियों के सर्वे के लिए पिछड़ा आयोग को चिट्ठी लिखी थी. उस चिट्ठी के बाद सोमवार को आयोग के अध्यक्ष के साथ बैठक की है. आयोग ने आश्वस्त किया है कि अगले 10 दिन में जिला कलेक्टर से सभी जिलों की रिपोर्ट मंगवा ली जाएगी और सरकार को भेजी जाएगी. मुरारी लाल ने कहा कि वार्ता सकारात्मक रही है. वो पूरी तरह वार्ता से संतुष्ट हैं, लेकिन आंदोलन समाप्ति की घोषणा या आंदोलन की आगे क्या रणनीति रहेगी इसका निर्णय आंदोलन स्थल पर जाने के बाद ही लिया जाएगा.
सरकार लिख रही चिट्ठी : मुरारी लाल ने कहा कि माली, सैनी, कुशवाहा, मौर्य, शाक्य समाज की आरक्षण की मांग नवंबर 2013 से चल रही है. सरकार ने ओबीसी आयोग को चिट्ठी भेजी थी, जिस पर संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को आयोग के चेयरमैन के साथ वार्ता की है. इसमें तय हुआ है कि आयोग अपनी ओर से सभी जिला कलेक्टर को चिट्ठी लिख रहा है. आयोग ने 15 दिन का समय दिए जाने की बात कही थी, लेकिन आपत्ति दर्ज कराने के बाद 10 दिन में रिपोर्ट मंगवाने का आश्वासन दिया है. सभी जिला कलेक्टर 10 दिन में अपनी रिपोर्ट आयोग के पास भेजेंगे. इसके बाद आयोग अपनी तरफ से 1 महीने में रिपोर्ट तैयार करके सरकार को देगा. इसके बाद सरकार क्या निर्णय लेती है यह देखना होगा.
आंदोलन का निर्णय मंच पर : मुरारी लाल ने कहा कि समाज नहीं चाहता कि आंदोलन और उग्र हो. हाईवे पर जाम लगा है, इसलिए नहीं चाहते कि समाज में रोष बढ़े. हमारे एक साथी ने शहादत दी है. एक युवक ने आत्महत्या की कोशिश की. हम सरकार से मांग कर रहे हैं कि जितना जल्दी हो इस पर सकारात्मक निर्णय ले. जिस तरह से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है उससे यह आंदोलन कभी भी तेज हो सकता है. आयोग के साथ जो बातचीत हुई है, इसकी जानकारी समाज के बीच में रखेंगे. इसके बाद आंदोलन खत्म करना है या जारी रखना है वो समाज ही तय करेगा. उन्होंने कहा कि आज जो बातचीत हुई है, वह सकारात्मक है. हम उससे संतुष्ट हैं.
11 दिन चल रहा आंदोलन : बता दें कि 12 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर राजस्थान में माली, कुशवाहा, शाक्य समाज NH-21 जाम कर बैठे हैं. 11 दिन से हाईवे जाम कर आंदोलन चल रहा है. तीन दिन पहले आरक्षण संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल की वार्ता मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ भी हुई थी. इसपर सीएम गहलोत ने पिछड़ा आयोग को आंदोलन कर रही जातियों के आर्थिक सर्वे कराने को लेकर चिट्ठी लिखी थी. हालांकि, सीएम की चिट्ठी के बाद भी आरक्षण संघर्ष समिति ने आंदोलन खत्म नहीं किया था.